फतेहपुर: करीब 6 साल पहले दो तांत्रिकों ने गड़ासे से काटकर दो साल की मासूम बलि दे दी थी. दोनों ने तंत्र-मंत्र साधना के लिए बच्ची की जघन्य तरीके से हत्या की थी. इस मामले में कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सहायक शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि यह फैसला न्यायपालिका के अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाता है.
जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के नंदापुर गांव में 21 मार्च 2019 को यह घटना हुई थी. घटना के मुताबिक होली के दिन दो वर्षीय बच्ची कंचन अपने पिता मुकेश के साथ फाग देखने के लिए घर से निकली थी. तांत्रिक हेमराज और ननकू, जो सिद्धियां प्राप्त करने के लिए छोटे बच्चों की बलि दिया करते थे, ने बच्ची को अगवा कर लिया. इसके बाद बेहद निर्ममता से गड़ासे से बच्ची की हत्या कर दी. हत्या के बाद शव नाले में फेंक दिया था.
घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर की दर्ज की थी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया था. जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि दोनों तांत्रिक देवी को खुश करने के लिए पहले भी बच्चों की बलि दे चुके थे. ग्रामीणों के बयानों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोनों अपराधियों को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
मामले में सहायक शासकीय अधिवक्ता कल्पना पांडेय ने बताया कि अदालत ने अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाने) के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई.