वाराणसी: काशी में देश का पहला अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे बन रहा है. सबसे पहले काशी विद्यापीठ और रथयात्रा में रोपवे स्टेशन बनकर तैयार होगा. काशी विद्यापीठ और रथयात्रा के रोपवे स्टेशन में गंडोला के लिए प्लेटफॉर्म स्तर तक का काम हो गया है. स्टेशन के अंदर का काम तेजी से चल रहा है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे के लिए उपकरण स्विटज़रलैंड और रोप ऑस्ट्रिया से आ रहा है. स्टेशन के फसाड के लिए भी सामग्री वाराणसी पहुंचने लगी है. रोपवे स्टेशन पर वाराणसी की कला, संस्कृति व अध्यात्म के साथ देवालय का रूप भी दिखाई देगा. जल्द ही रोपवे के ट्रायल रन की भी योजना है.
रोप-वे के निर्माण से बनारस की यातायात और सुगम होने वाली है. भगवान शिव की त्रिशूल पर बसी काशी का नज़ारा आकाश से देखते हुए कैंट रेलवे स्टेशन से बाबा के दरबार के पास गोदौलिया तक चंद मिनटों में पंहुचा जा सकता है. नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक प्रथम चरण के पहले सेक्शन के तीन स्टेशनों में से सबसे पहले भारत माता मंदिर स्थित काशी विद्यापीठ और रथयात्रा का रोपवे स्टेशन बनकर तैयार होगा.
स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्तर तक का काम हो गया है. दोनों स्टेशनों के बीच 8 टावर होंगे. स्टेशनों पर काशी की संस्कृति, खानपान, अध्यात्म, इतिहास और बनारस से जु़ड़ी चीजें दिखाई देंगी. स्टेशन और टावर समेत निर्माण सामग्री स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया से आने लगी है. मई के अंत तक निर्माण के सभी उपकरणों के वाराणसी पहुंचने की संभावना है.
रोपवे से वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर के पास तक की यात्रा महज 16 मिनट में तय होगी. रोप वे का निर्माण 807 करोड़ रुपये से किया जा रहा है. एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर बैठ सकते हैं. इसकी सीट फोल्ड हो सकती है, जिससे दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर आसानी से गोंडोला में आ सकती है.
बनारस में रोपवे की खासियत
- 150 फीट ऊंचाई से गुजरेगा रोपवे का गोंडोला.
- 153 गोंडोला कैंट से गोदौलिया तक चलेंगे.
- हर 10 सेकंड में एक गोंडोला मिलेगा. 15 मिनट में कैंट से गोदौलिया तक का रूट तय होगा.
- कुल पांच रोपवे स्टेशन बनाए जाने हैं, जिनमें कैंट भारत माता मंदिर, विद्यापीठ रथ यात्रा गिरिजाघर और गोदौलिया शामिल हैं.
- 24 मार्च 2023 को पीएम मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी.