मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिले में नाबालिग को शादी का प्रलोभन देकर बलात्कार करने के आरोप में एक युवक को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट मनेंद्रगढ़ ने आरोपी को शनिवार को ये सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने 100 रूपए और 1 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा भी आरोपी को सुनाई है. अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को क्रमशः 1 और 3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतना होगा.
जानिए पूरा मामला: ये पूरा मामला एमसीबी के जनकपुर थाना क्षेत्र का है. पीड़िता के पिता ने जनकपुर थाने में 1 सितंबर 2021 को अपनी बेटी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. शिकायत के अनुसार नाबालिग स्कूल जाने के लिए निकली थी, जो कि शाम तक घर नहीं आई. आस-पड़ोस और रिश्तेदारों में पता तलाश किए जाने जाने पर जब कहीं पता नहीं चला, तब रिपोर्ट दर्ज कराई गई. शिकायत मिलने के बाद जनकपुर पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 363 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान पीड़िता को आरोपी के कब्जे से डिडवरिया गांव से बरामद की गई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ करने पर पीड़िता ने आरोपी द्वारा बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाकर जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने की बात बताई.
आरोपी को 20 साल की सजा: पीड़िता के बयान के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 366, 376, 376 आईपीसी और धारा 5 (ठ), 6 पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया. आरोपी एमपी का रहने वाला है. आरोपी का दोष सिद्ध होने पर कोर्ट ने शनिवार को धारा 366 के अपराध में तीन साल और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 05 (ठ), 06 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. दोनों ही धाराओं में 100 रुपए और 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर आरोपी को 1 और 3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा.