सरगुजा : छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या पर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बड़ी बात कही है.उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या कभी भी राजनीति का मुद्दा नही रही है. किसी भी दल की सरकार रही हो उसने वास्तविक प्रयास किए हैं. नक्सल समस्या राज्य सरकार का विषय है, लेकिन हमेशा केंद्र ने सहयोग किया है. ऐसा भी समय कई बार रहा कि केंद्र में अलग और राज्य में अलग दल की सरकारें रही लेकिन नक्सल समस्या पर परस्पर सहयोग की भावना से काम हुआ है. भाजपा सरकार के नक्सल मिशन पर उन्होंने कहा कि अगर बातचीत के बाद हिंसा होती है तो कड़े कदम भी उठाने ही पड़ते हैं. हिंसा का कहीं स्थान नहीं है.
नक्सलवाद का सभ्य समाज में नहीं है स्थान : पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि " नक्सलवाद से जुड़ी जो हिंसक सोच है उसका सभ्य समाज मे कहीं कोई स्थान नही है. आज दुनिया बहुत आगे बढ़ चुकी है. आभाव को कैसे हम कर सकें. इस दिशा में सारी सरकारें काम कर रही हैं. देश दुनिया के संसाधनों को जुटाकर जहां गहरा अभाव है. उन्हें पूरा करने का हर सम्भव प्रयास चल रहा है. इन परिस्थितियों में कोई भी विचार धारा अभी भी बंदूक के सहारे काम करना चाहती है तो उनके लिए प्रजातंत्र में स्थान नहीं है. प्रयास यही चले आ रहे हैं कि तीनों मोर्चे पर उनको विकास की मंजिलों तक पहुंचाना, हिंसा अगर कहीं होती है तो उसे रोकने के लिये बातचीत के माध्यम से प्रयास करना माहौल बनाना और अगर बावजूद इसके कुछ तपके बंदूक और हिंसा के सहारे काम करना चाहते हैं. तो उनको वैसा ही जवाब देना ये हमेशा से चला आ रहा है."
''बस्तर क्षेत्र में उन लोगों ने जगह बनाई वहां रहे और वहां हिंसक गतिविधियों को शुरू किया. लगातार इस मामले में प्रयास होते रहे, ये राज्य सरकार से जुड़ा मामला है ये कानून व्यवस्था की बात है. सीमाओं की रक्षा सुरक्षा जो सैनिक करते हैं. वो मामला ये नही है. मामला राज्य सरकार का है और केन्द्र सरकार भी इसमें मदद करती है, कहीं कोई ऐसी बात करना वो श्रेय लेने की दिशा में आ जाता है"- टीएस सिंहदेव,पूर्व डिप्टी सीएम
टीएस सिंहदेव के मुताबिक यूपीए की सरकार केंद्र में थी. उस समय रमन सिंह जी की सरकार थी भारतीय जनता पार्टी की. छत्तीसगढ़ बना तो अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. यहां कांग्रेस के अजीत जोगी मुख्यमंत्री थे, फिर एनडीए की सरकार और छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार अगले 5 साल एनडीए की सरकार केंद्र में कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में रही. लेकिन तालमेल से काम होता चला आया है. इसमें कोई राजनीति दल कहे कि हमने कम किया हमने ज्यादा किया ये अनुचित लगता है ये सब बात नहीं आनी चाहिए. आने वाले समय मे राज्य सरकार केंद्र की सहायता से स्थिति को सुदृढ़ करके नक्सल समस्या से निजात पाए.