रायपुर: मतदान खत्म होने के 48 घंटों के बाद आदर्श आचार संहिता खत्म हो जाती है. आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद राज्य सरकार तबादलों और विकास के कामों के लिए अपने फैसले स्वतंत्र रुप से ले सकती है. करीब तीन महीने तक आदर्श आचार संहिता लगी रही. आचार संहिता के चलते ट्रांसफर और पोस्टिंग का काम रुका पड़ा था.
कांकेर कलेक्टर बने निलेश क्षीरसागर: राज्य सरकार ने आचार संहिता हटते ही सबसे पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के बड़े अधिकारी निलेश क्षीरसागर को कांकेर जिले का नया कलेक्टर बनाया है. इसके साथ ही कई अन्य अफसरों को इधर से उधर किए जाने की कवायद भी शुरु हो चुकी है. राज्य सरकार ने पुलिस विभाग में भी बड़ा फेरबदल किया है. विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव बैक टू बैक होने के चलते लंबे वक्त से आदर्श आचार संहिता लागू थी. सरकार के हाथ बंधे होने के चलते अफसरों का ट्रांसफर और पोस्टिंग का काम रुका पड़ा था. विकास की योजनाएं भी लंबित बड़ी थी.
तीन अफसरों का हुआ ट्रांसफर: निलेश क्षीरसागर वर्ष 2011 बैज के अफसर रहे हैं. राज्य सरकार ने उनको बड़ी जिम्मेदारी देते हुए नक्सल प्रभावित जिले कांकेर का कलेक्टर बनाया है. बस्तर में शांति स्थापित करने और शासन की योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी अब उनके हाथों में होगी. इसके साथ ही साथ राज्य शासन ने अभिजीत सिंह गृह और जेल विभाग का विशेष सचिव नियुक्त किया है. अभिजीत सिंह इसके पहले कांकेर कलेक्टर हुआ करते थे. वासु जैन को योजना और आर्थिक सांख्यिकी विभाग में अवर सचिव नियुक्त किया गया है.