शिमला: मैदान में कोहरा और प्रदूषण है और स्वच्छ हवा के लिए सैलानी शिमला जैसे पहाड़ी शहरों का रुख कर रहे हैं. ब्रिटिश हुकूमत के समय देश की समर कैपिटल शिमला अपनी सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है, लेकिन अब यहां का सुख-चैन वाहनों के बोझ से दबकर कराह रहा है. शिमला इस समय पौने दो लाख वाहनों का बोझ ढो रहा है. इनमें से 1 लाख 21 हजार 437 वाहन यहां आरटीओ में पंजीकृत हैं. इसके अलावा राज्य भर से पचास हजार वाहन भी शिमला की सड़कों पर हैं. साथ ही रोजाना पांच से छह हजार वाहन शिमला में आते हैं. ऐसे में शहर पर पौने दो लाख के करीब वाहनों का बोझ है. शिमला की सड़कें इतनी चौड़ी नहीं हैं और ना ही पर्याप्त पार्किंग है कि ट्रैफिक जाम की समस्या ना हो. जाम शिमला की दुखती रग बन गया है.
सड़कों के दोनों ओर वाहन खड़े रहते हैं. पार्किंग भी सभी फुल हैं. अब ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए प्रशासन ने सभी नागरिकों से 25 नवंबर तक सुझाव मांगे हैं. ये सुझाव डीसी ऑफिस शिमला में लिखित रूप से दिए जा सकते हैं. इसके अलावा admlo-sml-@nic.in के माध्यम से ऑनलाइन भी दिए जा सकते हैं.
डीसी ने गठित की कमेटी
डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने शिमला के एडीएम लॉ एंड ऑर्डर की अगुवाई में एक विशेष कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में डीएसपी ट्रैफिक, परिवहन विभाग से आरटीओ, एचआरटीसी के महाप्रबंधक, नगर निगम के सहायक आयुक्त शामिल हैं. आम जनता की तरफ से आए सुझावों के आधार पर ये कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. जनता के सुझाव स्पीड, रेड लाइट्स, सर्कुलर रोड सहित शहर के अन्य संकरे मार्गों पर वन वे ट्रैफिक, स्टॉपेज, ट्रैफिक जाम से निजात और भारी वाहन जैसे पॉइंट्स पर अपने सुझाव दे सकेंगे. इसके साथ ही सभी स्कूल बसों एवं स्कूल टैक्सियों के संचालन के लिए भी आम जनता से सुझाव आमंत्रित हैं.डीसी शिमला अनुपम कश्यप के अनुसार शिमला शहर में निरंतर वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले कुछ समय से शिमला शहर में यातायात चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. शहर में प्रवेश करने के लिए मुख्य रूप से चार प्रवेश द्वार हैं.
इनमें शिमला-मंडी रोड टुटू व बालूगंज होते हुए सर्कुलर रोड में मिलता है.चंडीगढ़- सोलन-शोघी मार्ग ऊपरी शिमला से शिमला शहर को जोड़ने वाला रोड है. ये ढली में मिलता है. वहीं करसोग- तत्तापानी-सुन्नी-शिमला सड़क भी ढली में मिलती है. इन सभी मुख्य द्वार से शहर की एकमात्र सर्कुलर रोड पर वाहनों से आवागमन हो रहा है. इसी सर्कुलर रोड पर शहर के सभी गणमान्य लोग, अधिकारी, कर्मचारी, स्कूली बच्चे व शहर के सभी कारोबारी लोग व सैलानी, सरकारी बसों, निजी बसों व अपने निजी वाहनों से हर रोज सफर करते हैं. सर्कुलर रोड के अलावा शहर में प्रतिबंधित सड़क मार्ग हैं. उन पर बिना परमिट वाहनों की आवाजाही मान्य नहीं है. ऐसे में सर्कुलर सड़क पर इतनी अधिक संख्या में वाहन होने के कारण यातायात सुचारू रूप से चलाना चुनौती बनता जा रहा है. डीसी के अनुसार शिमला शहर, शिमला ग्रामीण और आरटीओ शिमला के तहत पंजीकृत वाहनों की संख्या 1 लाख 21 हजार 437 है.
इसके साथ ही प्रदेश भर के करीब 50 हजार वाहन शहर में है. वहीं, रोजाना पांच से छह हजार वाहनों का रोज शिमला में आवागमन है. शिमला में बालूगंज, एमएलए क्रॉसिंग, 103 टनल, ओल्ड बैरियर, शोघी बाजार, विधानसभा क्रॉसिंग, विक्ट्री टनल, लिफ्ट, खलीनी चौक, सेंट एडवर्ड स्कूल चौक, संजौली चौक, ढली, मशोबरा बाइफरकेशन, ऑकलैंड टनल, तारा हॉल, ढली, बीसीएस, कसुम्पटी चौक आदि स्थानों पर जाम लगा रहता है. इस समस्या से निपटने के लिए आम जनता के सुझाव भी लिए जाएंगे. ये सुझाव 25 नवंबर तक दिए जा सकेंगे.
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