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सिरोही में देशी-विदेशी मेहमानों ने खेली होली, माउंट आबू में भी मना रंगोत्सव - holi festival in sirohi

राजस्थान में रंगों का त्योहार भरपूर उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया. प्रदेश के अन्य स्थानों की तरह सिरोही में भी होली चाव से खेली गई. माउंट आबू में आए देशी विदेशी पर्यटकों ने होली का खूब आनंद लिया.

Domestic and foreign tourists enjoyed Holi in Sirohi
सिरोही में देशी-विदेशी मेहमानों ने खेली होली
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 25, 2024, 5:37 PM IST

सिरोही. जिले में शहर से लेकर गांव तक रंगों के त्योहार होली को उत्साह से मनाया गया. हर कोई रंगोत्सव की खुमारी में डूबा रहा​, फिर चाहे वह देशी हो या विदेशी. प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में पहुंचे पर्यटक होली के रंग में सराबोर दिखे. पर्यटकों ने एक दूसरे को गुलाल और रंग लगाकर होली खेली और गानों पर जमकर थिरके.

माउंट आबू के मुख्य बाजार में गुजरात सहित अन्य प्रदेश से आए पर्यटकों ने स्थानीय लोगों के बीच जाकर एक दूसरे गुलाल लगाया. इन पर्यटकों में होली के प्रति इतना जुनून दिखा कि भाषा का भेद भी आड़े नहीं आया. उधर, ब्रह्मकुमारी संस्थान के ज्ञान सरोवर में रूस और यूक्रेन समेत कई देशों से आए विदेशी मेहमानों ने एक अलग ही अंदाज में होली मनाई. सभी ने सफेद कपड़ा पहना और हाथों में पिचकारी थी, लेकिन उसमें ना तो रंग और ना ही पानी. थाली थी तो उसमें सिर्फ गुलाल.

पढ़ें: पूर्व सीएम अशोक गहलोत बोले- देश में हो रही लोकतंत्र की हत्या, केंद्र पर लगाया ED-CBI के दुरुपयोग का आरोप

उनका संदेश था कि राजस्थान में पानी की कमी होती है, इसलिए होली खेलें, लेकिन पानी का दुरूपयोग ना करें. दूसरा, रंगों के बजाए सद्भावना और अपनेपन की होली गुलाल से ही होती है, इसलिए गुलाल की होली खेलने का संदेश दिया गया.धुलंडी को देखते हुए जिलेभर में पुलिस ने भी ख़ास व्यवस्था कर रखी थी. किसी प्रकार का हुड़दंग न हो इसको लेकर पुलिस गांवों से शहरों तक लगातार गश्त कर रही थी.

सिरोही. जिले में शहर से लेकर गांव तक रंगों के त्योहार होली को उत्साह से मनाया गया. हर कोई रंगोत्सव की खुमारी में डूबा रहा​, फिर चाहे वह देशी हो या विदेशी. प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में पहुंचे पर्यटक होली के रंग में सराबोर दिखे. पर्यटकों ने एक दूसरे को गुलाल और रंग लगाकर होली खेली और गानों पर जमकर थिरके.

माउंट आबू के मुख्य बाजार में गुजरात सहित अन्य प्रदेश से आए पर्यटकों ने स्थानीय लोगों के बीच जाकर एक दूसरे गुलाल लगाया. इन पर्यटकों में होली के प्रति इतना जुनून दिखा कि भाषा का भेद भी आड़े नहीं आया. उधर, ब्रह्मकुमारी संस्थान के ज्ञान सरोवर में रूस और यूक्रेन समेत कई देशों से आए विदेशी मेहमानों ने एक अलग ही अंदाज में होली मनाई. सभी ने सफेद कपड़ा पहना और हाथों में पिचकारी थी, लेकिन उसमें ना तो रंग और ना ही पानी. थाली थी तो उसमें सिर्फ गुलाल.

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उनका संदेश था कि राजस्थान में पानी की कमी होती है, इसलिए होली खेलें, लेकिन पानी का दुरूपयोग ना करें. दूसरा, रंगों के बजाए सद्भावना और अपनेपन की होली गुलाल से ही होती है, इसलिए गुलाल की होली खेलने का संदेश दिया गया.धुलंडी को देखते हुए जिलेभर में पुलिस ने भी ख़ास व्यवस्था कर रखी थी. किसी प्रकार का हुड़दंग न हो इसको लेकर पुलिस गांवों से शहरों तक लगातार गश्त कर रही थी.

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