मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: कुदरत जब मेहबान होती है तो धरती का नजारा कुछ और ही नजर आता है. कई जगहों पर बारिश से जहां तबाही का मंजर बन गया है. कई जगहों पर बारिश का नजारा लोगों की आंखों को सुकून भी दे रहा है. लगातार हो रही बारिश से इन दिनों मनेंद्रगढ़ का अमृतधारा अपने शबाब पर है. पानी की रफ्तार जिस तेजी से वाटरफॉल में पहुंचता है वो देखने लायक है. वाटरफॉल का नजारा अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करने के लिए पर्यटक बेताब नजर आ रहे हैं.
अमृतधारा वाटरफॉल की सुंदरता में लगा चार चांद: मनेंद्रगढ़ नेशनल हाइवे पर लाई पंचायत बसा है. इस पंचायत से महज आठ किमी की दूरी पर प्रसिद्ध अमृतधारा जलप्रपात है. बारिश के मौसम में हर साल इस जलप्रपात की सुंदरता पानी के तेज बहाव से बढ़ जाती है. यहां पानी करीब 100 फीट की ऊंचाई से जमीन पर गिरती है. पानी जिस फोर्स से नीचे गिरता है उससे एक अनोखी आवाज यहां गूंजती है. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों जगहों के पर्यटक यहां अमृतधारा को देखने आते हैं.
राजा ने दिया वाटरफॉल अमृतधारा नाम: जलप्रपात के करीब जनजातियों का गांव बसा हुआ है. बताया जाता है कि यहां बसे लोग सालों से यहां रहते आ रहे हैं. कोरिया रिसायत के राजा ने इस जलधारा को अमृतधारा का नाम दिया था. शहर के हलचल से दूर गांव देहात में इस जलधारा की सुंदरता अपने आप में अनोखी है. सावन के पूरे महीने में यहां आने वाले पर्यटकों का मेला लगा रहता है. बारिश में जब हरियाली बढ़ जाती है तो यहां का नजारा और भी शानदार हो जाता है.
सेल्फी ले रहे हैं भइया तो रहिए सावधान: अमृतधारा की सुंदरता कुछ ऐसी ही हर कोई इसे अपने कैमरे में कैद करना चाहता है. सेल्फी लेने के चक्कर में कई बार लोग खुद को घायल भी कर बैठते हैं. सेल्फी की सनक में कभी वाटरफॉल के टॉप पर चले जाते हैं तो कभी पानी के बीचो बीच. इस तरह के खतरों के उठाने के चक्कर में कई बार हादसे भी हो चुके हैं.