नई दिल्ली: ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी त्योहार और तिथि का विशेष महत्व है. इस माह में आने वाले सभी त्योहार इसकी महत्व को बढ़ाते हैं. ज्येष्ठ महीने में वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, गंगा दशहरा जैसे बड़े पर्व मनाए जाते हैं. वहीं इस माह की अमावस्या तिथि बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस बार ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान, पितरों का श्राद्ध और दान करने का विधान है. इस तिथि पर पुण्य कार्य करने से परिवार में खुशियां बनी रहती है.
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिष आचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए मीठा भोजन, मीठा जल आदि जरूर दान करना चाहिए. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. गंगा स्नान कर पितरों को अमावस्या तिथि पर जलांजलि दें. पितरों के निमित्त किसी विद्वान या ब्राह्मण को भोजन कराएं. अमावस्या तिथि पर दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. पितरों के नाम से अन्य और जल का दान करें. ऐसा करने से पत्र आशीर्वाद देते हैं.
कब है ज्येष्ठ अमावस्या 2024?: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि 5 जून बुधवार को शाम 07:54 PM से प्रारंभ होगी और यह 6 जून गुरुवार को 06:07 PM पर खत्म होगी. उदयातिथि के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून को होगी.
ज्येष्ठ अमावस्या पूजा-विधि: ज्येष्ठ अमावस्या तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें. साफ सुथरा वस्त्र धारण करें. यदि आपके नजदीक गंगा या अन्य पवित्र नदी है तो पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें. यदि आप पवित्र नदियों में स्नान करने में असमर्थ हैं तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालें और फिर स्नान करें. घर के मंदिर की साफ सफाई कर दीप जलाएं. यदि व्रत रखने में सक्षम है तो व्रत जरूर करें. विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें.
जरूर करें ये काम: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर तुलसी की पूजा करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है. कार्यों में आ रही विभिन्न प्रकार की बाधाएं और अड़चन दूर होती हैं. इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है. ज्येष्ठ अमावस्या पर तिल का दान भी जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
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