जयपुर: राजधानी की संजय सर्किल थाना पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बदमाशों के कब्जे से दो देशी कट्टे और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं. महिला सदस्य को भी गिरफ्तार किया गया है. महिला उन्हें टास्क देती थी. इसके साथ ही जेल का खर्चा भी उठाती थी. अलग-अलग जेल में बंद गैंगस्टर तक संदेश पहुंचाती थी. पुलिस ने इससे पहले चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. संजय सर्किल थाना पुलिस अब तक गैंग के 7 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है. गैंग के सदस्य अवैध हथियार, अवैध मादक पदार्थों की तस्करी, अपहरण और फिरौती की धमकी देने का काम करते थे.
डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ गैंग की ओर से आए दिन व्यापारियों को धमकी देकर फिरौती मांगने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए गैंग के सदस्यों को चिन्हित करके कार्रवाई की जा रही है. पुलिस की टीम ने शनिवार को गैंग के सदस्य हरेन, सीमा उर्फ रेणु उर्फ माया मल्होत्रा और सचिन वर्मा को गिरफ्तार किया है. बदमाशों के कब्जे से दो देशी कट्टे और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं. बदमाश व्यापारियों पर गोली चलाने के उद्देश्य से हथियार लेकर आए थे. वारदात करने से पहले ही पुलिस ने दबोच लिया. सभी बदमाशों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया गया है.
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बदमाशों से पूछताछ में सामने आया कि जयपुर के व्यापारियों को रोहित गोदारा की ओर से फिरौती के लिए धमकी देना, नौजवान युवकों को सोशल मीडिया के माध्यम से जोड़कर माइंड वाश करके गैंग में शामिल करना और गैंग में अन्य प्रदेश के लोगों को शामिल करके उनको अलग-अलग टास्क देने का काम करते थे. इससे पहले योगेश सैनी, मोहम्मद अकील मंसूरी, दीपक सेन और हरेंद्र बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया था. संजय सर्किल थाना पुलिस अब तक गैंग के 7 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है. गैंग की महिला सदस्य कड़ी से कड़ी जोड़कर अलग-अलग ठिकाने बदलने में माहिर थी. पुलिस ने बदमाशों को हरियाणा पंजाब और गुजरात से गिरफ्तार किया है.
गैंग की सदस्य सीमा उर्फ रेनू उर्फ माया मैडम के नाम से मशहूर है. महिला रोहित गोदारा, संपत नेहरा, शुभम, राजेंद्र और गोल्डी बराड़ से सीधा संबंध रखती थी. गैंग के अन्य सदस्यों से जानकारी प्राप्त करके सूचनाएं पहुंचाती थी. अवैध मादक पदार्थ और अवैध हथियार मंगवाती थी. किसको हथियार देना है और हथियार का डिस्पोजल कैसे करना है यह काम महिला तय करती थी. विभिन्न प्रदेशों के सट्टेबाज, बड़े व्यापारी, फिल्म स्टार के नंबर प्राप्त करके गोल्डी बराड़ या रोहित गोदारा से धमकी दिलवाती थी। फिरौती की रकम कहां पहुंचानी है और रकम नहीं देने पर उन पर क्या एक्शन लेना है, यह सभी काम महिला तय करती थी. फिरौती से प्राप्त रकम का हिसाब-किताब रखने से लेकर जेल में बंद गैंग के सदस्यों तक कपड़े और सामान पहुंचाने का काम करती थी.
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महिला से पूछताछ में सामने आया कि भठिंडा जेल में फोन से बातचीत नहीं होने के कारण जेल में स्वयं जाकर मुलाकात करके ही काम के संबंध में गैंगस्टर से निर्देश प्राप्त करती थी. आरोपी दीपक सेन गैंग के लिए फिरौती और फिरौती के लिए व्यक्ति ढूंढने का काम करता था. इसके साथ ही हथियार सप्लाई करना और अवैध मादक पदार्थ सप्लाई करने का काम करता था. आरोपी हरेन गैंग के लिए शूटर का कार्य करता था. व्यापारियों को हथियार दिखाकर उनके पास जाकर रोहित गोदारा की ओर से दी गई धमकी को क्रियान्वित करवाने का काम करता था. आरोपी सचिन मैडम माया के साथ जेल में बंद गैंगस्टर के साथ मिलने और उनसे निर्देश प्राप्त करने का कार्य करता था.