जयपुर. लोकसभा चुनाव की गहमा-गहमी के बीच नागौर की सियासत में लगातार उठापटक जारी है. रालोपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस ने ज्योति मिर्धा के चचेरे भाई सहित तीन नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया है. दरअसल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक आदेश जारी कर नागौर से कांग्रेस नेता तेजपाल मिर्धा, सुखराम डोडवाडिया और भंवराराम सूबका को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है. तेजपाल मिर्धा कुचेरा नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दिसंबर 2023 में खींवसर विधानसभा सीट से हनुमान बेनीवाल के सामने चुनाव भी लड़ा था.
रिछपाल मिर्धा के साथ भाजपा में नहीं गए : तेजपाल मिर्धा का संबंध नागौर की राजनीति में एक समय पर दबदबा रखने वाले मिर्धा परिवार से है. वह लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के चचेरे भाई हैं और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए रिछपाल मिर्धा के भतीजे हैं. पिछले दिनों जब रिछपाल मिर्धा और उनके बेटे विजयपाल मिर्धा अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए तो तेजपाल ने कांग्रेस नहीं छोड़ी. अब पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते उन्हें कांग्रेस ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है.
गठबंधन प्रत्याशी बेनीवाल ने उठाए थे सवाल : नागौर सीट से रालोपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल ने पिछले दिनों कांग्रेस के कई नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के कुछ नेता भाजपा का दुपट्टा गले में डालकर भाजपा का प्रचार कर रहे हैं. ज्योति मिर्धा जब कांग्रेस में थी तब तेजपाल मिर्धा, सुखराम डोडवाडिया और भंवराराम सूबका उनके नजदीकी लोगों में थे. हनुमान बेनीवाल के आरोपों के बाद पार्टी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तीनों को बाहर का रास्ता दिखाया है.