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Delhi NCR में गर्मी के मौसम में सड़क पर आग पकड़ रही गाड़ियां, ये टिप्स आपको रखेंगे सुरक्षित - fire incident in vehicles

गर्मी बढ़ने के साथ ही दिल्ली एनसीआर के विभिन्न क्षेत्र में सड़कों पर गाड़ियों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. एक्सपर्ट गर्मी के मौसम में चलती गाड़ी में आग लगने के पीछे कई कारण बताते हैं. आइए जानते हैं किस तरह से सावधानी बरता जाए, जिससे आग लगने की घटना को समय रहत रोक जा सके.

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गाड़ियों को इस टिप्स से रखें सुरक्षित (ETV Bharat Reporter)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 23, 2024, 12:53 PM IST

गाड़ियों को इस टिप्स से रखें सुरक्षित (ETV Bharat Reporter)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में चिल्लाती गर्मी और तपिश का प्रकोप देखने को मिल रहा है. भीषण गर्मी के चलते न सिर्फ लोग परेशान हैं बल्कि गर्मी के मौसम में लोगों को कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे समेत दिल्ली एनसीआर के विभिन्न क्षेत्र में सड़कों पर गाड़ियों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में गर्मी के मौसम में लोगों के लिए अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ गाड़ी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बेहद आवश्यक हो जाता है.

हालांकि एक्सपर्ट गर्मी के मौसम में चलती गाड़ी में आग लगने के पीछे कई कारण बताते हैं. जिसमें से लापरवाही एक मुख्य कारण है. एक छोटी सी लापरवाही न सिर्फ गाड़ी में आग लगने का कारण बन सकती है, बल्कि गाड़ी में बैठे लोगों की जिंदगी के लिए खतरनाक भी हो सकती है. कार एक्सपर्ट प्रदीप बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में गाड़ियों में आग न लगे इसके लिए एहतियात बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं किस तरह से सावधानी बरता जाए, जिससे आग लगने की घटना को समय रहत रोक जा सके.

कार एक्सपर्ट प्रदीप बताते हैं कि गर्मी के मौसम में लंबी ट्रिप पर निकलने से पहले एहतियात बरतने से गाड़ी में आग लगने के खतरे को रोका जा सकता है. हालांकि गाड़ी की जांच की प्रक्रिया कुछ घंटे में ही पूरी हो जाती है. किसी भी स्थानीय अधिकृत वर्कशॉप से गाड़ी की जांच करा सकते हैं. गाड़ी में कूलेंट होता है जो इंजन को हीट होने पर ठंडा रखता है. गर्मी के मौसम में गाड़ी का कूलेंट जल्दी खराब होता है. ऐसे में जरूरी है कि भीषण गर्मी के दौरान कूलेंट को समय-समय पर चेक करते रहें, ताकि गाड़ी में पर्याप्त मात्रा में कूलेंट मौजूद रहे और गाड़ी हिट अपना हो. यदि गाड़ी ओवरहीट होती है तो गाड़ी में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.

कार एक्सपर्ट के अनुसार. गाड़ी खरीदने के बाद लोग अक्सर अपनी गाड़ियों में आफ्टर मार्केट एसेसरीज लगवाते हैं जोकि खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि गाड़ी में लगने वाली एसेसरीज दो तरह की होती है पहले जो गाड़ी की कंपनी ही कस्टमाइज करती है और दूसरी जो थर्ड पार्टी कंपनी द्वारा मैन्युफैक्चर की जाती हैं. यदि आप थर्ड पार्टी द्वारा मैन्युफैक्चर की गई एसेसरीज गाड़ी में लगवाते हैं तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि बाहर से लगाई गई एसेसरीज की अक्सर वायरिंग ओवरहीट होने के चलते आग पकड़ लेती है. कई बार देखा गया है कि आफ्टर मार्केट एसेसरीज जो की थर्ड पार्टी द्वारा मैन्युफैक्चर की गई होती है उसे बैटरी और वायरिंग पर लोड बढ़ जाता है जिससे गाड़ी में शॉर्ट सर्किट का खतरा बना रहता है.

सेकंड हैंड सीएनजी किट

सीएनजी की गाड़ियां पेट्रोल की तुलना में कम खर्चे में चलती हैं. अक्सर लोग पेट्रोल की गाड़ियों में सेकंड हैंड सीएनजी किट लगवा लेते हैं. जो बाजार में काफी सस्ती मिलती हैं. खराब क्वालिटी की सीएनजी किट में लीकेज का खतरा बना रहता है जो की आग लगने का कारण बन सकता है. आगर आप सीएनजी गाड़ी का प्रयोग करते हैं भले ही आपकी सीएनजी किट अच्छी क्वालिटी की आफ्टर मार्केट कट हो या फिर कंपनी फिटेड. निर्धारित समय में सीएनजी सिलेंडर की टेस्टिंग जरूर कारण साथ ही समय-समय पर सीएनजी की वायरिंग और लीकेज आदि की जांच भी कराते रहे.

समय पर गाड़ी की सर्विस कराना जरूरी

आमतौर पर लोगों में देखने को मिलता है कि वह अपनी गाड़ी की सर्विस डिले करते रहते हैं. गाड़ी की समय पर सर्विस करने से विभिन्न प्रकार की समस्याओं को समय रहते ठीक कराया जा सकता है. एयर फिल्टर, रेडिएटर फैन, इंजन ऑयल और वायरिंग की सर्विस के समय जांच होती है. कई बार गर्मी के मौसम में रेडिएटर फैन ना चलने, रेडिएटर में पर्याप्त मात्रा में कूलेंट ना होने, एयर फिल्टर के ब्लॉक होने और इंजन ऑयल के काम होने से इंजन के ओवरहीट होने का खतरा बना रहता है. गर्मी के मौसम में इंजन ओवरहीट होने से गाड़ी का इंजन न सिर्फ चौक हो सकता है बल्कि वायरिंग भी शॉर्ट हो सकती है.

ये भी पढ़ें : Fire In Vehicles: गाजियाबाद में थाने में खड़े वाहनों में लगी आग, कोई हताहत नहीं

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गाड़ियों को इस टिप्स से रखें सुरक्षित (ETV Bharat Reporter)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में चिल्लाती गर्मी और तपिश का प्रकोप देखने को मिल रहा है. भीषण गर्मी के चलते न सिर्फ लोग परेशान हैं बल्कि गर्मी के मौसम में लोगों को कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे समेत दिल्ली एनसीआर के विभिन्न क्षेत्र में सड़कों पर गाड़ियों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में गर्मी के मौसम में लोगों के लिए अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ गाड़ी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बेहद आवश्यक हो जाता है.

हालांकि एक्सपर्ट गर्मी के मौसम में चलती गाड़ी में आग लगने के पीछे कई कारण बताते हैं. जिसमें से लापरवाही एक मुख्य कारण है. एक छोटी सी लापरवाही न सिर्फ गाड़ी में आग लगने का कारण बन सकती है, बल्कि गाड़ी में बैठे लोगों की जिंदगी के लिए खतरनाक भी हो सकती है. कार एक्सपर्ट प्रदीप बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में गाड़ियों में आग न लगे इसके लिए एहतियात बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं किस तरह से सावधानी बरता जाए, जिससे आग लगने की घटना को समय रहत रोक जा सके.

कार एक्सपर्ट प्रदीप बताते हैं कि गर्मी के मौसम में लंबी ट्रिप पर निकलने से पहले एहतियात बरतने से गाड़ी में आग लगने के खतरे को रोका जा सकता है. हालांकि गाड़ी की जांच की प्रक्रिया कुछ घंटे में ही पूरी हो जाती है. किसी भी स्थानीय अधिकृत वर्कशॉप से गाड़ी की जांच करा सकते हैं. गाड़ी में कूलेंट होता है जो इंजन को हीट होने पर ठंडा रखता है. गर्मी के मौसम में गाड़ी का कूलेंट जल्दी खराब होता है. ऐसे में जरूरी है कि भीषण गर्मी के दौरान कूलेंट को समय-समय पर चेक करते रहें, ताकि गाड़ी में पर्याप्त मात्रा में कूलेंट मौजूद रहे और गाड़ी हिट अपना हो. यदि गाड़ी ओवरहीट होती है तो गाड़ी में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.

कार एक्सपर्ट के अनुसार. गाड़ी खरीदने के बाद लोग अक्सर अपनी गाड़ियों में आफ्टर मार्केट एसेसरीज लगवाते हैं जोकि खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि गाड़ी में लगने वाली एसेसरीज दो तरह की होती है पहले जो गाड़ी की कंपनी ही कस्टमाइज करती है और दूसरी जो थर्ड पार्टी कंपनी द्वारा मैन्युफैक्चर की जाती हैं. यदि आप थर्ड पार्टी द्वारा मैन्युफैक्चर की गई एसेसरीज गाड़ी में लगवाते हैं तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि बाहर से लगाई गई एसेसरीज की अक्सर वायरिंग ओवरहीट होने के चलते आग पकड़ लेती है. कई बार देखा गया है कि आफ्टर मार्केट एसेसरीज जो की थर्ड पार्टी द्वारा मैन्युफैक्चर की गई होती है उसे बैटरी और वायरिंग पर लोड बढ़ जाता है जिससे गाड़ी में शॉर्ट सर्किट का खतरा बना रहता है.

सेकंड हैंड सीएनजी किट

सीएनजी की गाड़ियां पेट्रोल की तुलना में कम खर्चे में चलती हैं. अक्सर लोग पेट्रोल की गाड़ियों में सेकंड हैंड सीएनजी किट लगवा लेते हैं. जो बाजार में काफी सस्ती मिलती हैं. खराब क्वालिटी की सीएनजी किट में लीकेज का खतरा बना रहता है जो की आग लगने का कारण बन सकता है. आगर आप सीएनजी गाड़ी का प्रयोग करते हैं भले ही आपकी सीएनजी किट अच्छी क्वालिटी की आफ्टर मार्केट कट हो या फिर कंपनी फिटेड. निर्धारित समय में सीएनजी सिलेंडर की टेस्टिंग जरूर कारण साथ ही समय-समय पर सीएनजी की वायरिंग और लीकेज आदि की जांच भी कराते रहे.

समय पर गाड़ी की सर्विस कराना जरूरी

आमतौर पर लोगों में देखने को मिलता है कि वह अपनी गाड़ी की सर्विस डिले करते रहते हैं. गाड़ी की समय पर सर्विस करने से विभिन्न प्रकार की समस्याओं को समय रहते ठीक कराया जा सकता है. एयर फिल्टर, रेडिएटर फैन, इंजन ऑयल और वायरिंग की सर्विस के समय जांच होती है. कई बार गर्मी के मौसम में रेडिएटर फैन ना चलने, रेडिएटर में पर्याप्त मात्रा में कूलेंट ना होने, एयर फिल्टर के ब्लॉक होने और इंजन ऑयल के काम होने से इंजन के ओवरहीट होने का खतरा बना रहता है. गर्मी के मौसम में इंजन ओवरहीट होने से गाड़ी का इंजन न सिर्फ चौक हो सकता है बल्कि वायरिंग भी शॉर्ट हो सकती है.

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