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Delhi: विधायकों का फंड बढ़ाने पर वित्त व शहरी विकास विभाग का एतराज, पर्याप्त फंड नहीं होने का हवाला

दिल्ली के वित्त व शहरी विकास विभाग के अनुसार विधायकों को आवंटित किए गए फंड में से तकरीबन 38 प्रतीशत फंड इस्तेमाल नहीं हुआ है.

MLAs Funds in Delhi
MLAs Funds in Delhi (Etv bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: चुनावी वर्ष में दिल्ली के विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने करने के लिए मिलने वाले फंड को 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ कर दिया गया है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकार के इस फैसले की जानकारी साझा की थी, लेकिन दिल्ली सरकार के इस फैसले पर वित्त, प्लानिंग विभाग और शहरी विकास विभाग ने आपत्ति जताई है.

विभागों ने दिल्ली सरकार के पास फंड की कमी, पहले से विधायकों को आवंटित फंड का पूरी तरह इस्तेमाल नहीं होने का हवाला देते हुए सवाल खड़े किए हैं. हालांकि, दिल्ली के विधायकों को मिलने वाले क्षेत्रीय विकास निधि के संबंध में तैयार कैबिनेट नोट में पहले फंड को 12 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव था. लेकिन मुख्यमंत्री आतिशी ने इसे 15 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा.

सरकार का तर्क है कि इससे विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में लंबित विकास कार्यों को जल्द पूरा करने में मदद मिलेगी. हालांकि अभी तक विधायकों को जो फंड आवंटित किए गए हैं, उनमें से तकरीबन 38 प्रतिशत फंड इस्तेमाल नहीं हुआ है. आम आदमी पार्टी सरकार के मौजूदा कार्यकाल वर्ष 2020-21 से लेकर 2024-25 तक विधायक क्षेत्रीय विकास निधि के तहत 1580 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जा चुका है.

इसी अवधि के दौरान कोरोना महामारी के चलते 2020 में विधायक फंड नहीं के बराबर खर्च हुआ था, फंड में भी कटौती कर दी गई थी. संशोधित बजट अनुमान जिसमें पिछले 4 वर्षों में विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास करने के लिए कुल 1130 करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं.

70 विधानसभाओं में विधायक इस राशि से विकास कार्य कर सकते थे, लेकिन दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 15 अक्टूबर 2024 तक दिल्ली के विधायकों को आवंटित फंड में से सिर्फ 692.79 करोड़ ही खर्च हुए हैं. नियमानुसार अगर किसी एक साल में विधायक को जितना फंड मिला वह पूरा इस्तेमाल नहीं हो पता है तो बचा हुआ फंड अगले साल उसी विधायक के खाते में जुड़ जाता है.

यह फंड विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने पर ही लेप्स होता है. 2021-22 और 2022- 23 में प्रत्येक विधायक औसतन 3 करोड़ रुपये विकास कार्यों में खर्च किए गए हैं. उसके बाद और भी गिरावट देखने को मिली. चालू वित्त वर्ष (2024-25) की बात करें तो 15 अक्टूबर 2024 तक सभी विधायकों को मिलाकर तकरीबन 150 करोड़ रुपये ही सभी विधायकों ने विकास कार्यों पर खर्च किया है. यानी करीब 38 फीसद फंड का इस्तेमाल नहीं हुआ है.

वित्त विभाग का मानना है कि दिल्ली सरकार पहले से आर्थिक संकट की कगार पर खड़ी है. ऐसे में विधायक निधि को 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ करने का फैसला तर्कसंगत नहीं है. वहीं, दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि यह निर्णय मंत्री परिषद की सहमति से कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. पहले ही इस बारे में सब कुछ देख लिया गया था. संशोधित बजट अनुमान के तहत इसके लिए पर्याप्त फंड का प्रावधान किया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः Delhi: वेतन और सुविधाओं की मांग को लेकर ट्यूबवेल ऑपरेटर्स का अनिश्चितकालीन धरना

नई दिल्ली: चुनावी वर्ष में दिल्ली के विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करने करने के लिए मिलने वाले फंड को 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ कर दिया गया है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकार के इस फैसले की जानकारी साझा की थी, लेकिन दिल्ली सरकार के इस फैसले पर वित्त, प्लानिंग विभाग और शहरी विकास विभाग ने आपत्ति जताई है.

विभागों ने दिल्ली सरकार के पास फंड की कमी, पहले से विधायकों को आवंटित फंड का पूरी तरह इस्तेमाल नहीं होने का हवाला देते हुए सवाल खड़े किए हैं. हालांकि, दिल्ली के विधायकों को मिलने वाले क्षेत्रीय विकास निधि के संबंध में तैयार कैबिनेट नोट में पहले फंड को 12 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव था. लेकिन मुख्यमंत्री आतिशी ने इसे 15 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा.

सरकार का तर्क है कि इससे विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में लंबित विकास कार्यों को जल्द पूरा करने में मदद मिलेगी. हालांकि अभी तक विधायकों को जो फंड आवंटित किए गए हैं, उनमें से तकरीबन 38 प्रतिशत फंड इस्तेमाल नहीं हुआ है. आम आदमी पार्टी सरकार के मौजूदा कार्यकाल वर्ष 2020-21 से लेकर 2024-25 तक विधायक क्षेत्रीय विकास निधि के तहत 1580 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जा चुका है.

इसी अवधि के दौरान कोरोना महामारी के चलते 2020 में विधायक फंड नहीं के बराबर खर्च हुआ था, फंड में भी कटौती कर दी गई थी. संशोधित बजट अनुमान जिसमें पिछले 4 वर्षों में विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास करने के लिए कुल 1130 करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं.

70 विधानसभाओं में विधायक इस राशि से विकास कार्य कर सकते थे, लेकिन दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 15 अक्टूबर 2024 तक दिल्ली के विधायकों को आवंटित फंड में से सिर्फ 692.79 करोड़ ही खर्च हुए हैं. नियमानुसार अगर किसी एक साल में विधायक को जितना फंड मिला वह पूरा इस्तेमाल नहीं हो पता है तो बचा हुआ फंड अगले साल उसी विधायक के खाते में जुड़ जाता है.

यह फंड विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने पर ही लेप्स होता है. 2021-22 और 2022- 23 में प्रत्येक विधायक औसतन 3 करोड़ रुपये विकास कार्यों में खर्च किए गए हैं. उसके बाद और भी गिरावट देखने को मिली. चालू वित्त वर्ष (2024-25) की बात करें तो 15 अक्टूबर 2024 तक सभी विधायकों को मिलाकर तकरीबन 150 करोड़ रुपये ही सभी विधायकों ने विकास कार्यों पर खर्च किया है. यानी करीब 38 फीसद फंड का इस्तेमाल नहीं हुआ है.

वित्त विभाग का मानना है कि दिल्ली सरकार पहले से आर्थिक संकट की कगार पर खड़ी है. ऐसे में विधायक निधि को 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ करने का फैसला तर्कसंगत नहीं है. वहीं, दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि यह निर्णय मंत्री परिषद की सहमति से कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. पहले ही इस बारे में सब कुछ देख लिया गया था. संशोधित बजट अनुमान के तहत इसके लिए पर्याप्त फंड का प्रावधान किया जाएगा.

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