भरतपुर. देश में भारतीय जनता पार्टी 300 और एनडीए 400 से अधिक सीटें जीतने जा रही है. हमारा 400 पार का नारा पूरा होने वाला है. राजस्थान में भी तीसरी बार पूरी 25 की 25 सीटें बीजेपी जीतने वाली है. यह दावा रविवार को भरतपुर पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण चतुर्वेदी ने किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास पूरे चुनाव प्रचार में झूठ बोलने के अलावा और कोई काम नहीं था.
भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि 10 साल का मोदी सरकार का कार्यकाल और दूसरी तरफ नाकारा विपक्ष सबके सामने है. पूरे चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष के पास झूठ बोलने के अलावा कोई काम नजर नहीं आया. उन्होंने कहा कि राजस्थान में तीसरी बार भाजपा पूरी 25 सीट जीतने वाली है. एग्जिट पोल को लेकर अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि यह संभावनाओं पर आधारित रहता है. मैं कई राज्यों में घूम कर आया हूं. केरल, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी हमारी ताकत बढ़ने वाली है. दिल्ली में भी हम सातों सीट जीतने वाले हैं. इस पूरे दृश्य को देखने के बाद लगता है कि हम देश में 400 पार सीटों पर जीतने वाले हैं.
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अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि चुनाव आचार संहिता के बावजूद भजनलाल सरकार ने प्रत्येक जिले का कंटलजेंसी प्लान बनाकर पानी और अन्य जरूरत को पूरा किया. प्रत्येक जिले के प्रभारी सचिव को अपने जिले का दो दिवसीय दौरा कर 10 पॉइंट पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए. उसके बाद सभी प्रभारी सचिवों की जयपुर में बैठक आयोजित की गई, जिसके आधार पर आगामी कार्य योजना तैयार की जाएगी.
चतुर्वेदी ने कहा कि जहां एक तरफ नाकारा विपक्ष सिर्फ आरोप लगाने का काम कर रहा है. वहीं भजनलाल सरकार संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2700 करोड़ रुपए भेजा था, जिसमें से गहलोत सरकार ने सिर्फ 600 करोड़ रुपए खर्च किया. उसमें भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे. चतुर्वेदी ने कहा कि अशोक गहलोत अपनी सरकार में ईआरसीपी पर अनुमति नहीं ला पाए, लेकिन भजनलाल सरकार में सिर्फ 15 दिन के अंदर ईआरसीपी पर समझौता हो गया.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने और भी कई योजनाओं पर फंड रिलीज करने का काम कर दिया. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार थी और इधर राजस्थान में कांग्रेस सरकार थी. बावजूद इसके कोल माइनिंग पर अनुमति नहीं ले पाए. लेकिन प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनते ही कोल और लिग्नाइट पर समझौता हो गया. गहलोत सरकार के समय के कुकर्मों का परिणाम आज राजस्थान सरकार भुगत रही है. जिसके समाधान की दिशा में भजनलाल सरकार ने काम शुरू कर दिया है.