जयपुर. चिकित्सा विभाग में नई ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. नई ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर चिकित्सा विभाग में आज कर्मचारी संगठन, डॉक्टर, पैरामेडिकल, नर्सिंग सहित अन्य कैडर के प्रतिनिधियों से सुझाव लेने के लिए बैठक बुलाई गई. बैठक में नई ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर कर्मचारी संगठनों और प्रतिनिधियों ने विरोध जताया. चिकित्सा विभाग कि ये ट्रांसफर पॉलिसी विभाग के लिए ही परेशानी का सबब बनती नजर आ रही है.
चिकित्सा संगठनों ने आरोप लगाया की पॉलिसी का ड्राफ्ट सरकार ने तैयार कर लिया, लेकिन हमें नहीं दिखाया गया. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने कहा कि सरकार ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर बरगला रही है और ये पॉलिसी कर्मचारी के हितों में नजर नहीं आ रही. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सुझाव देने के लिए बुलाया, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया.
नहीं ली सलाह : डॉ चौधरी ने बताया कि सरकार ने ट्रांसफर पॉलिसी बनाते हुए ना ही राज्य के किसी डॉक्टर से सलाह मशविरा किया और ना ही किसी कमेटी में रखा. आज की बैठक में केवल ड्राफ्ट के कुछ बिंदु स्लाइड पर दिखाए गए. हमें कोई भी ड्राफ्ट की कॉपी नहीं दी. पॉलिसी का अध्ययन के उपरांत ही इस पर लिखित जवाब प्रस्तुत किया जाएगा. सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 से 2018 तक 13 वर्षो में राज्य सरकार एवं सेवारत चिकित्सकों के बीच तीन सकारात्मक समझौते हो चुके हैं, लेकिन आज तक उन समझौतों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और ना ही कोई बैठक हुई. ना ही राज्य की चिकित्सकों की प्रमुख मांग कैडर बनाने पर कोई चर्चा हुई ,अगर सरकार किसी प्रकार की ट्रांसफर पॉलिसी लाना चाहती है, तो हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन इस पर पहले चर्चा जरुरी है. इसके साथ ही राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन, अखिल राजस्थान लेब टेक्नीशियन कर्मचारी संघ ने भी इस पॉलिसी का विरोध किया.