प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि 23 अगस्त 2010 से पूर्व सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए अध्यापकों को जूनियर हाई स्कूल में प्रोन्नत करने के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य नहीं है. कोर्ट के इस निर्णय के बाद प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त उन सहायक अध्यापकों की जूनियर हाई स्कूल में प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है, जिनकी नियुक्ति 23 अगस्त 2010 से पूर्व हुई थी. शिवकुमार पांडे व दर्जनों अन्य याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने यह आदेश दिया.
सरकार और एनसीटीई से किया था जवाब-तलबः प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत सहायक अध्यापकों ने यह कहते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि प्रदेश सरकार ने उनकी प्राथमिक विद्यालयों से उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रोन्नति इस आधार पर रोक दी है कि वह सीनियर टीईटी उत्तीर्ण नहीं है. जबकि ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है. कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार और एनसीटीई से जवाब तलब किया था.
अधिसूचना में नहीं था स्पष्टः एनसीटीई की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया कि 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के क्लाज चार में स्पष्ट है कि इस अधिसूचना के जारी होने से पूर्व नियुक्त अध्यापकों को न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है. अधिसूचना में एनसीटीई ने सहायक अध्यापकों के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रोन्नति प्राप्त करने के लिए सीनियर टेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन यह आदेश अधिसूचना जारी होने की तिथि के बाद से प्रभावी माना जाएगा. इस स्थिति में अधिसूचना जारी होने की तिथि से पूर्व नियुक्त अध्यापकों पर यह शर्त लागू नहीं होगी.
6 महीने में प्रमोशन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देशः एनसीटीई की ओर से स्थिति स्पष्ट करने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि 23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त सहायक अध्यापकों की प्रोन्नति के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य नहीं . जबकि उसके बाद नियुक्त सहायक अध्यापकों को प्रोन्नति देने से पूर्व यह देखा जाए कि वह टीईटी उत्तीर्ण है अथवा नहीं. कोर्ट ने प्रमोशन की प्रक्रिया 6 माह में पूरा करने का निर्देश दिया है.