ETV Bharat / state

भीख के कटोरे की जगह हाथों में किताब थमाएगी टास्क फोर्स, सुंगरनगर से हो चुकी है शुरुआत

बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसके जरिए भीख मांग रहे बच्चों को रेस्क्यू करेगी.

कॉन्सेप्ट इमेज
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

मंडी: जिला में यदि कोई बच्चा भीख मांग रहा है तो फिर अब उसके हाथ में भीख के कटोरे की जगह किताब थमाई जाएगी और उसे उसका शिक्षा का अधिकार हर हाल में दिलाया जाएगा. इसके लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है और इस टॉस्क फोर्स ने अपना कार्य करना भी शुरू कर दिया है.

मंडी जिला बाल संरक्षण अधिकारी एनआर ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली से प्राप्त आदेशों के तहत गांधी जयंती से इस अभियान को मंडी जिला में शुरू कर दिया गया है. इसमें स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि ऐसे सभी बच्चों को आइडेंटिफाई करना है जो भिक्षावृत्ति या बाल मजदूरी जैसे अन्य कार्यों में संलिप्त हैं. ऐसे बच्चों को रेस्क्यू करना है और उन्हें राइट टू एजुकेशन के तहत हर हाल में शिक्षा दिलानी है. जिला में ऐसे 12 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पर बच्चों को भीख मांगते हुए देखा जा सकता है. वहां पर हर महीने की निश्चित तारीख को दबिश दी जाएगी. बीते दिनों इसकी शुरुआत सुंदरनगर से की गई थी, लेकिन वहां ऐसा कोई भी बच्चा नहीं पाया गया है. अब बाकी स्थानों पर भी यह टास्क फोर्स मिलकर दबिश देगी.

बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन (ETV BHARAT)

एनआर ठाकुर ने बताया कि डीसी मंडी के निर्देशों पर जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के नुमाईंदे शामिल हैं. इनमें प्रशासन के अलावा जिला पुलिस, बाल संरक्षण इकाई, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, लेबर विभाग और संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे. इन सभी विभागों की संयुक्त टीम को टास्क फोर्स का नाम दिया गया है जो महीने के किसी एक दिन जिला के किसी एक स्थान पर जाकर दबिश देगी और वहां ऐसे बच्चों को चिन्हित करेगी जो स्कूलों में न जाकर भिक्षावृत्ति या अन्य कार्यों में संलिप्त होंगे.

जिला स्तरीय टास्क फोर्स ने आम लोगों से भी अपील की है कि यदि उन्हें कोई ऐसा बच्चा कहीं दिखाई देता है जो भिक्षावृति में है या फिर स्कूल न जाकर किसी दूसरे कार्यों को कर रहा है तो उसकी सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई को दें, ताकि उसका रेस्क्यू करके उसे शिक्षा के अधिकार के साथ जोड़ा जा सके.

ये भी पढ़ें: 17 साल की उम्र में ढाई फीट का कद, डांस से सलमान को बना लिया फैन, डांसर बनने का है सपना

ये भी पढ़ें: मंदिर के बाहर भीख मांगने वाली लड़की बनी डॉक्टर - Himachal Beggar Girl became Doctor

मंडी: जिला में यदि कोई बच्चा भीख मांग रहा है तो फिर अब उसके हाथ में भीख के कटोरे की जगह किताब थमाई जाएगी और उसे उसका शिक्षा का अधिकार हर हाल में दिलाया जाएगा. इसके लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है और इस टॉस्क फोर्स ने अपना कार्य करना भी शुरू कर दिया है.

मंडी जिला बाल संरक्षण अधिकारी एनआर ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली से प्राप्त आदेशों के तहत गांधी जयंती से इस अभियान को मंडी जिला में शुरू कर दिया गया है. इसमें स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि ऐसे सभी बच्चों को आइडेंटिफाई करना है जो भिक्षावृत्ति या बाल मजदूरी जैसे अन्य कार्यों में संलिप्त हैं. ऐसे बच्चों को रेस्क्यू करना है और उन्हें राइट टू एजुकेशन के तहत हर हाल में शिक्षा दिलानी है. जिला में ऐसे 12 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पर बच्चों को भीख मांगते हुए देखा जा सकता है. वहां पर हर महीने की निश्चित तारीख को दबिश दी जाएगी. बीते दिनों इसकी शुरुआत सुंदरनगर से की गई थी, लेकिन वहां ऐसा कोई भी बच्चा नहीं पाया गया है. अब बाकी स्थानों पर भी यह टास्क फोर्स मिलकर दबिश देगी.

बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन (ETV BHARAT)

एनआर ठाकुर ने बताया कि डीसी मंडी के निर्देशों पर जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के नुमाईंदे शामिल हैं. इनमें प्रशासन के अलावा जिला पुलिस, बाल संरक्षण इकाई, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, लेबर विभाग और संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे. इन सभी विभागों की संयुक्त टीम को टास्क फोर्स का नाम दिया गया है जो महीने के किसी एक दिन जिला के किसी एक स्थान पर जाकर दबिश देगी और वहां ऐसे बच्चों को चिन्हित करेगी जो स्कूलों में न जाकर भिक्षावृत्ति या अन्य कार्यों में संलिप्त होंगे.

जिला स्तरीय टास्क फोर्स ने आम लोगों से भी अपील की है कि यदि उन्हें कोई ऐसा बच्चा कहीं दिखाई देता है जो भिक्षावृति में है या फिर स्कूल न जाकर किसी दूसरे कार्यों को कर रहा है तो उसकी सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई को दें, ताकि उसका रेस्क्यू करके उसे शिक्षा के अधिकार के साथ जोड़ा जा सके.

ये भी पढ़ें: 17 साल की उम्र में ढाई फीट का कद, डांस से सलमान को बना लिया फैन, डांसर बनने का है सपना

ये भी पढ़ें: मंदिर के बाहर भीख मांगने वाली लड़की बनी डॉक्टर - Himachal Beggar Girl became Doctor

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.