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पितृ पक्ष 2024 कब से शुरू, श्राद्ध की तिथियां जानें, तर्पण के साथ ही अर्पण, दान, पिंडदान, श्राद्ध कर्म कैसे करें - Shri Mahakal Dham of Raipur

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 1, 2024, 8:15 AM IST

Updated : Sep 1, 2024, 5:11 PM IST

पितृ पक्ष में पितरों के आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किए जाते हैं. पितृ पक्ष हर साल भाद्रमास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस दौरान श्राद्ध करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है. इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर मंगलवार के दिन से शुरू हो रहा है. पितृ पक्ष का समापन 2 अक्टूबर बुधवार को अमावस्या के दिन होगा. हम इस खबर में जानेंगे की कब कब श्राद्ध की तिथियां है और पिंडदान और श्राद्ध कर्म कैसे करें ?

SHRI MAHAKAL DHAM OF RAIPUR
पितृ पक्ष 2024 कब से शुरू (ETV Bharat)

रायपुर : इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है. यह 2 अक्टूबर बुधवार के दिन समाप्त हो रही है. 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक पितृ पक्ष में आप कैसे पितरों का तर्पण कर सकते हैं. पितृ पक्ष में किस दिन कौन सी तिथि पड़ रही है.

पितृ पक्ष 2024 के कैलेंडर और तिथि पर एक नजर डालते हैं

  • 17 सितंबर: पूर्णिमा श्राद्ध
  • 18 सितंबर: प्रतिपदा श्राद्ध
  • 19 सितंबर: द्वितीया श्राद्ध
  • 20 सितंबर: तृतीया श्राद्ध
  • 21 सितंबर: चतुर्थी श्राद्ध
  • 22 सितंबर: पंचमी श्राद्ध
  • 23 सितंबर: षष्ठी श्राद्ध, सप्तमी श्राद्ध
  • 24 सितंबर: अष्टमी श्राद्ध
  • 25 सितंबर: नवमी श्राद्ध
  • 26 सितंबर: दशमी श्राद्ध
  • 27 सितंबर: एकादशी श्राद्ध
  • 29 सितंबर: द्वादशी श्राद्ध
  • 30 सितंबर: त्रयोदशी श्राद्ध
  • 1 अक्टूबर: चतुर्दशी श्राद्ध
  • 2 अक्टूबर: अमावस्या श्राद्ध, सर्व पितृ अमावस्या

"पितृ पक्ष में 16 तिथियां होती हैं, जो पूर्णिमा से अमावस्या तक हैं. जिस दिन किसी के पिता, माता, दादा, दादी, नाना या नानी का निधन होता है. उस दिन पंचांग के अनुसार कोई न कोई तिथि अवश्य होती है.उस दिन जो तिथि होगी जैसे प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया आदि, वही तिथि पितृ पक्ष में देखते हैं.'' - पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी,ज्योतिष एवं वास्तुविद्

कैसे और किस तिथि को करें तर्पण: इस तरह उस व्यक्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि कर्म पितृ पक्ष में नवमी तिथि को किया जाएगा. यदि पूर्णिमा की तिथि को निधन हुआ है, तो पितृ पक्ष में पूर्णिमा​ तिथि पर तर्पण होगा. हिंदी कैलेंडर में कृष्ण और शुक्ल दो पक्ष होते हैं, लेकिन तिथियां एक से 15 तक होती हैं."

क्यों करना चाहिए तर्पण: शास्त्रों के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के मौत के बाद उस व्यक्ति का विधिवत अंतिम संस्कार, श्राद्ध, तर्पण न किया जाए तो उसकी आत्मा पृथ्वीलोक पर भटकती है. उनके पीढ़ी को पितृ दोष लगता है. ऐसे परिवार में जन्मे वंशजों को पूरे जीवन में अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं. यह दोष एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी तक कष्ट पहुंचाती है.

रायपुर के महाकाल धाम में निशुल्क तर्पण की व्यवस्था: रायपुर के अमलेश्वर स्थित श्री महाकाल धाम में दिव्य पुण्यात्माओं का नि:शुल्क तर्पण, श्राद्ध कर्म का विशेष आयोजन होने जा रहा है. यहां निःशुल्क पितरों का तपर्ण किया जाएगा.

ऐसे करें पंजीयन: इस बारे में श्री महाकाल धाम अमलेश्वर के प्रमुख पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने कहा, "बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि पितृ पक्ष में पितरों के आत्मा की शांति के लिए तर्पण कैसे किया जाता है. इसलिए इस बार महाकाल धाम में नि:शुल्क सारी व्यवस्था की जा रही है. जातक को इस पूजा में शामिल होने लिए पंजीयन 9893363928 में अपना नाम मोबाइल नंबर लिखकर किस दिन तर्पण में शामिल होना चाहते हैं, यह सारी जानकारी देनी होगी, ताकि जातक को असुविधा ना हो. साथ ही तर्पण की तैयारी समय पर हो सके."

प्रत्येक तिथि को होगा तर्पण : पितृपक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक प्रत्येक तिथि को पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाएगा. अपने पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण कराने के इच्छुक जातक यहां आ सकते हैं. जातक के लिए पूरी तरह नि:शुल्क व्यवस्था होगी. महाकालधाम की ओर से व्यवस्था की जाएगी. महाकालधाम में आने वाले भक्त स्वयंभू पवित्र शिवलिंग के दिव्य श्रृंगार का दर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा पितृपक्ष के दौरान पितरों की आत्मशांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही नारायण बली, नाग बली और कालसर्प की विशेष पूजा कराई जाएगी, जिसके लिए जातक को शुल्क लगेगा.


पितृ दोष और नागबलि की पूजा : इसके अलावा यदि किसी जातक को पितृ दोष हो तो इसका निवारण नारायण बलि पूजा से होता है.जबकि नागबली पूजा से सर्प या नाग की हत्या से निर्मित दोष का निवारण होता है. इसकी भी विशेष पूजा कराई जाएगी. इसके लिए जातक को पंजीयन आवश्यक होगा. इसके साथ ही इसका शुल्क देना होगा.इन दोनों ही पूजन के लिए अतिरिक्त समय लगता है.

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रायपुर : इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है. यह 2 अक्टूबर बुधवार के दिन समाप्त हो रही है. 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक पितृ पक्ष में आप कैसे पितरों का तर्पण कर सकते हैं. पितृ पक्ष में किस दिन कौन सी तिथि पड़ रही है.

पितृ पक्ष 2024 के कैलेंडर और तिथि पर एक नजर डालते हैं

  • 17 सितंबर: पूर्णिमा श्राद्ध
  • 18 सितंबर: प्रतिपदा श्राद्ध
  • 19 सितंबर: द्वितीया श्राद्ध
  • 20 सितंबर: तृतीया श्राद्ध
  • 21 सितंबर: चतुर्थी श्राद्ध
  • 22 सितंबर: पंचमी श्राद्ध
  • 23 सितंबर: षष्ठी श्राद्ध, सप्तमी श्राद्ध
  • 24 सितंबर: अष्टमी श्राद्ध
  • 25 सितंबर: नवमी श्राद्ध
  • 26 सितंबर: दशमी श्राद्ध
  • 27 सितंबर: एकादशी श्राद्ध
  • 29 सितंबर: द्वादशी श्राद्ध
  • 30 सितंबर: त्रयोदशी श्राद्ध
  • 1 अक्टूबर: चतुर्दशी श्राद्ध
  • 2 अक्टूबर: अमावस्या श्राद्ध, सर्व पितृ अमावस्या

"पितृ पक्ष में 16 तिथियां होती हैं, जो पूर्णिमा से अमावस्या तक हैं. जिस दिन किसी के पिता, माता, दादा, दादी, नाना या नानी का निधन होता है. उस दिन पंचांग के अनुसार कोई न कोई तिथि अवश्य होती है.उस दिन जो तिथि होगी जैसे प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया आदि, वही तिथि पितृ पक्ष में देखते हैं.'' - पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी,ज्योतिष एवं वास्तुविद्

कैसे और किस तिथि को करें तर्पण: इस तरह उस व्यक्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि कर्म पितृ पक्ष में नवमी तिथि को किया जाएगा. यदि पूर्णिमा की तिथि को निधन हुआ है, तो पितृ पक्ष में पूर्णिमा​ तिथि पर तर्पण होगा. हिंदी कैलेंडर में कृष्ण और शुक्ल दो पक्ष होते हैं, लेकिन तिथियां एक से 15 तक होती हैं."

क्यों करना चाहिए तर्पण: शास्त्रों के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के मौत के बाद उस व्यक्ति का विधिवत अंतिम संस्कार, श्राद्ध, तर्पण न किया जाए तो उसकी आत्मा पृथ्वीलोक पर भटकती है. उनके पीढ़ी को पितृ दोष लगता है. ऐसे परिवार में जन्मे वंशजों को पूरे जीवन में अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं. यह दोष एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी तक कष्ट पहुंचाती है.

रायपुर के महाकाल धाम में निशुल्क तर्पण की व्यवस्था: रायपुर के अमलेश्वर स्थित श्री महाकाल धाम में दिव्य पुण्यात्माओं का नि:शुल्क तर्पण, श्राद्ध कर्म का विशेष आयोजन होने जा रहा है. यहां निःशुल्क पितरों का तपर्ण किया जाएगा.

ऐसे करें पंजीयन: इस बारे में श्री महाकाल धाम अमलेश्वर के प्रमुख पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने कहा, "बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि पितृ पक्ष में पितरों के आत्मा की शांति के लिए तर्पण कैसे किया जाता है. इसलिए इस बार महाकाल धाम में नि:शुल्क सारी व्यवस्था की जा रही है. जातक को इस पूजा में शामिल होने लिए पंजीयन 9893363928 में अपना नाम मोबाइल नंबर लिखकर किस दिन तर्पण में शामिल होना चाहते हैं, यह सारी जानकारी देनी होगी, ताकि जातक को असुविधा ना हो. साथ ही तर्पण की तैयारी समय पर हो सके."

प्रत्येक तिथि को होगा तर्पण : पितृपक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक प्रत्येक तिथि को पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाएगा. अपने पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण कराने के इच्छुक जातक यहां आ सकते हैं. जातक के लिए पूरी तरह नि:शुल्क व्यवस्था होगी. महाकालधाम की ओर से व्यवस्था की जाएगी. महाकालधाम में आने वाले भक्त स्वयंभू पवित्र शिवलिंग के दिव्य श्रृंगार का दर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा पितृपक्ष के दौरान पितरों की आत्मशांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही नारायण बली, नाग बली और कालसर्प की विशेष पूजा कराई जाएगी, जिसके लिए जातक को शुल्क लगेगा.


पितृ दोष और नागबलि की पूजा : इसके अलावा यदि किसी जातक को पितृ दोष हो तो इसका निवारण नारायण बलि पूजा से होता है.जबकि नागबली पूजा से सर्प या नाग की हत्या से निर्मित दोष का निवारण होता है. इसकी भी विशेष पूजा कराई जाएगी. इसके लिए जातक को पंजीयन आवश्यक होगा. इसके साथ ही इसका शुल्क देना होगा.इन दोनों ही पूजन के लिए अतिरिक्त समय लगता है.

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Last Updated : Sep 1, 2024, 5:11 PM IST
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