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टीबी मुक्त जिला करने का लक्ष्य कैसे होगा पूरा, बढ़ते मरीज बने चिंता का विषय

कोरबा जिले को टीबी मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कसी है.

Target to make TB free
टीबी मुक्त जिला करने का लक्ष्य (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 3 hours ago

कोरबा : कोरबा जिले में टीबी के मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं.अब तक पूरे जिले में 1432 मरीज मिल चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने जांच और उपचार के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की है. यह टीम मरीजों की स्क्रीनिंग करती है. साथ ही उनकी जांच के लिए कफ के सैंपल भी लिए जा रहे हैं. इनकी जांच जिला अस्पताल में संचालित टीबी की प्रयोगशाला में की जा रही है. पॉजिटिव आने पर मरीजों का इलाज भी शुरू कराया जाता है.


कोरोना काल के बाद बढ़ रहे मरीज : खास तौर पर कोरोना काल के बाद से ही छाती रोग से जुड़े मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है. टीबी और अस्थमा के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं. भारत सरकार ने टीबी मुक्त भारत 2025 कार्यक्रम लॉन्च किया है. जो अगले वर्ष शुरू होगा. जिसके तहत वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाया जाना है. लेकिन जिस तरह के आंकड़े सामने आ रहे है. उसे देखते हुए इस लक्ष्य को हासिल करना एक बड़ी चुनौती है.

टीबी मुक्त जिला करने का लक्ष्य (ETV Bharat Chhattisgarh)


2025 तक टीबी मुक्त भारत है लक्ष्य : टीबी के मरीजों को प्रोटीन और पौष्टिक भोजन प्राप्त करने के लिए मिलने वाली राशि में सरकार ने राहत दी है. अब उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं. इस योजना का उद्देश्य टीबी रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है. मरीजों को 500 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर इस राशि को बढ़ाकर 1000 किए जाने का भी प्रस्ताव है इसे जल्द लागू किया जाएगा. विश्व भर से टीबी खत्म करने के लिए वर्ष 2035 तक का लक्ष्य है. लेकिन केन्द्र सरकार ने देश में वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है.केन्द्र और प्रदेश सरकार की ओर से टीबी के मरीजों के इलाज और इस रोग के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर नई योजनाओं को लागू किया जा रहा है.



डोर टू डोर स्क्रीनिंग का निशुल्क इलाज : टीबी विभाग के नोडल अधिकारी डॉ बीआर रात्रे कहते हैं कि टीबी का पता लगाने के लिए हमारे कार्यकर्ता शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में सघन जांच अभियान चला रहे हैं.

हमारा प्रयास है कि टीबी के प्रत्येक मरीज का पहले तो पता लगाया जाए. पता चलते ही उसे इलाज उपलब्ध कराया जाए. ताकि टीबी को जड़ से खत्म किया जा सके.भारत सरकार का टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम 2025 से शुरू हो जाएगा, लेकिन हमारा प्रयास है कि इसके पहले ही जिले को टीबी मुक्त किया जाए, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं- डॉ बीआर रात्रे, नोडल अधिकारी, जिला टीबी नियंत्रण

कोरबा जिले में टीबी मरीजों का आंकड़ा
सालमरीजों की संख्या
20221776
20231845
20241432 (अब तक)

क्या हैं टीबी के लक्षण ?: टीबी होने पर मरीज को दो हफ्ते से अधिक की लंबी खासी रहती है. भूख नहीं लगती, वजन कम होने लगता है और रात में पसीने के साथ बुखार आता है. यदि ये है तीन लक्षण है, तो मरीज को टीबी की जांच करानी चाहिए.

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कोरबा : कोरबा जिले में टीबी के मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं.अब तक पूरे जिले में 1432 मरीज मिल चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने जांच और उपचार के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की है. यह टीम मरीजों की स्क्रीनिंग करती है. साथ ही उनकी जांच के लिए कफ के सैंपल भी लिए जा रहे हैं. इनकी जांच जिला अस्पताल में संचालित टीबी की प्रयोगशाला में की जा रही है. पॉजिटिव आने पर मरीजों का इलाज भी शुरू कराया जाता है.


कोरोना काल के बाद बढ़ रहे मरीज : खास तौर पर कोरोना काल के बाद से ही छाती रोग से जुड़े मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है. टीबी और अस्थमा के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं. भारत सरकार ने टीबी मुक्त भारत 2025 कार्यक्रम लॉन्च किया है. जो अगले वर्ष शुरू होगा. जिसके तहत वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाया जाना है. लेकिन जिस तरह के आंकड़े सामने आ रहे है. उसे देखते हुए इस लक्ष्य को हासिल करना एक बड़ी चुनौती है.

टीबी मुक्त जिला करने का लक्ष्य (ETV Bharat Chhattisgarh)


2025 तक टीबी मुक्त भारत है लक्ष्य : टीबी के मरीजों को प्रोटीन और पौष्टिक भोजन प्राप्त करने के लिए मिलने वाली राशि में सरकार ने राहत दी है. अब उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं. इस योजना का उद्देश्य टीबी रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है. मरीजों को 500 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर इस राशि को बढ़ाकर 1000 किए जाने का भी प्रस्ताव है इसे जल्द लागू किया जाएगा. विश्व भर से टीबी खत्म करने के लिए वर्ष 2035 तक का लक्ष्य है. लेकिन केन्द्र सरकार ने देश में वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है.केन्द्र और प्रदेश सरकार की ओर से टीबी के मरीजों के इलाज और इस रोग के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर नई योजनाओं को लागू किया जा रहा है.



डोर टू डोर स्क्रीनिंग का निशुल्क इलाज : टीबी विभाग के नोडल अधिकारी डॉ बीआर रात्रे कहते हैं कि टीबी का पता लगाने के लिए हमारे कार्यकर्ता शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में सघन जांच अभियान चला रहे हैं.

हमारा प्रयास है कि टीबी के प्रत्येक मरीज का पहले तो पता लगाया जाए. पता चलते ही उसे इलाज उपलब्ध कराया जाए. ताकि टीबी को जड़ से खत्म किया जा सके.भारत सरकार का टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम 2025 से शुरू हो जाएगा, लेकिन हमारा प्रयास है कि इसके पहले ही जिले को टीबी मुक्त किया जाए, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं- डॉ बीआर रात्रे, नोडल अधिकारी, जिला टीबी नियंत्रण

कोरबा जिले में टीबी मरीजों का आंकड़ा
सालमरीजों की संख्या
20221776
20231845
20241432 (अब तक)

क्या हैं टीबी के लक्षण ?: टीबी होने पर मरीज को दो हफ्ते से अधिक की लंबी खासी रहती है. भूख नहीं लगती, वजन कम होने लगता है और रात में पसीने के साथ बुखार आता है. यदि ये है तीन लक्षण है, तो मरीज को टीबी की जांच करानी चाहिए.

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