दंतेवाड़ा: जिला अस्पताल दंतेवाड़ा में आज घंटों अफर तफरी का माहौल बना रहा. अस्पताल में आउट सोर्सिंग के विरोध में अस्पताल के सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. नाराज सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि वो शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे थे. सिविल सर्जन के आदेश पर उनको अस्पताल से बाहर कर दिया गया.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए सफाई कर्मचारी: जिला अस्पताल में वर्तमान में 18 सफाई कर्मी और दो सुपरवाइजर तैनात हैं. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्रशासन ने तय किया है कि अब ठेके पर सफाई की प्रक्रिया होगी. सफाई कर्मियों को जैसे ही पता चला कि अस्पताल में आउट सोर्सिंग के जरिए अब साफ सफाई होगी कर्मचारी नाराज हो गए. अस्पताल के सभी 20 सफाई कर्मी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. हड़ताल के चलते अस्पताल में कूड़े का ढेर लग गया है.
''शासन की ओर से ये फैसला लिया गया है कि जो साफ सफाई होगी वो टेंडर प्रक्रिया के तहत होगी. कुछ लोग जो साफ सफाई से जो जुड़े हैं वो नाराज होकर हड़ताल पर चले गए हैं. अभी तक कुछ लिखित में नहीं दिया गया है. तहसीलदार ने आकर बात की है. तहसीलदार का कहना था कि हड़ताल अस्पताल के भीतर नहीं कर सकते हैं. अस्पताल के भीतर हड़ताल करने से मरीजों को दिक्कत होगी''. - कपिलदेव कश्यप, सिविल सर्जन
''अस्पताल के भीतर प्रदर्शन नहीं करने दिया गया है हमको. सिविल सर्जन के निर्देश पर हमको अस्पताल से बाहर भगा दिया गया है.'' - सफाई कर्मी, दंतेवाड़ा जिला अस्पताल
''हमलोग लंबे वक्त से यहां काम कर रहे हैं हमको ठेका पर काम नहीं करना है. हम लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है. हमको कहा जा रहा है कि काम करना है तो करो नहीं तो बाहर जाओ.'' - सफाई कर्मी, दंतेवाड़ा जिला अस्पताल
आउट सोर्सिंग का विरोध, ठेका मजदूर बनने से भी इंकार: धरने पर बैठे सफाई कर्मियों की मांग है कि आउट सोर्सिंग के जरिए अस्पताल में सफाई का काम नहीं कराया जाए. उनको अस्पताल से अगर हटा दिया जाता है तो वो सड़क पर आ जाएंगे. सिविल सर्जन की दलील है कि प्रशासन ने ये फैसला किया है कि कर्मचारी ठेका पद्धित पर काम करें. लेकिन सफाई कर्मी ठेका मजदूर बनने के लिए किसी भी कीमत पर तैयार नहीं हैं.