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हरिद्वार लोकसभा सीट पर सस्पेंस बरकरार, बीजेपी और कांग्रेस को एक-दूसरे का इंतजार! - Haridwar Lok Sabha seat candidate

Haridwar Lok Sabha seat election 2024 उत्तराखंड की हरिद्वार सीट राजनीतिक जानकारों के लिए अबूझ पहेली बन गई है. अबूझ पहेली इसलिए क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अभी तक इस सीट पर अपने लोकसभा चुनाव 2024 के प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है अभी तक हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी घोषित नहीं करने की वजह.

Haridwar Lok Sabha seat
हरिद्वार लोकसभा सीट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 13, 2024, 10:52 AM IST

Updated : Mar 14, 2024, 2:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी ने तीन-तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. मंगलवार यानी 12 मार्च की शाम कांग्रेस ने टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा और पौड़ी गढ़वाल सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. लेकिन बीजेपी की तरह ही कांग्रेस ने भी हरिद्वार पर सस्पेंस बरकरार रखा है. उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक हरिद्वार पर दोनों ही पार्टियां बेहद सोच समझकर फैसला लेना चाहती हैं. दोनों ही पार्टियों के इस सस्पेंस से राजनीति में रुचि रखने वाले लोग अचरज में हैं कि आखिरकार इतना मंथन हरिद्वार पर क्यों हो रहा है.

Haridwar Lok Sabha seat
हरिद्वार लोकसभा सीट को जानें

हरिद्वार सीट पर सस्पेंस बरकरार: उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीट हरिद्वार को कहा जाता है. मौजूदा समय में रमेश पोखरियाल निशंक यहां से सांसद हैं. निशंक दो बार से सांसद बनते आ रहे हैं. रमेश पोखरियाल को मोदी सरकार में शिक्षा मंत्रालय दिया गया था. इसी सीट से जीतकर हरीश रावत भी केंद्र में मंत्री बने थे. हरिद्वार की राजनीति और स्थान के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रामविलास पासवान से लेकर मायावती तक ने यहां से चुनाव लड़ा है. कहते हैं हरिद्वार इसलिए भी दोनों पार्टियों के लिए बेहद टफ हो जाता है, क्योंकि भले ही यह स्थान हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ स्थान में से एक हो, लेकिन इस सीट पर जीत और हार का निर्णय मुस्लिम वोटर करते हैं. हरिद्वार में हरीश रावत की जब जीत हुई थी, तब महत्वपूर्ण वोट उन्हें हरिद्वार के तराई के इलाकों से पड़ा था. कांग्रेस के बाद निशंक पर भी भरोसा तराई के इलाकों में ही जताया गया था.

बीजेपी कांग्रेस कर रहे एक-दूसरे का इंतजार: बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में माला राज्य लक्ष्मी शाह को टिहरी से जबकि अजय भट्ट को नैनीताल-उधमसिंह नगर और अल्मोड़ा से अजय टम्टा को टिकट दिया है. बीजेपी भी हरिद्वार सीट पर मंथन कर रही है. बताया जा रहा है कि 15 मार्च को पार्टी हरिद्वार लोकसभा सीट पर उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है. इतना ही नहीं कांग्रेस ने भी हरिद्वार लोकसभा सीट पर प्रत्याशी न उतार कर इस सीट को और भी हॉट बना दिया है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने बेटे का नाम दिया है. वीरेंद्र रावत हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही तैयारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने हरीश रावत को जब अपनी उनकी इच्छा पूछी तो उन्होंने फिलहाल खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. ऐसे में अब कांग्रेस भी शायद तभी उम्मीदवार का ऐलान करे जब बीजेपी इस सीट पर किसी को उतार देगी. खबर ये भी है कि खानपुर से विधायक उमेश कुमार भी कांग्रेस के संपर्क में हैं और वह चाहते हैं कि अगर कांग्रेस उन्हें हरिद्वार लोकसभा से टिकट देती है, तो वह अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में जा सकते हैं.

क्या त्रिवेंद्र होंगे हरिद्वार से बीजेपी उम्मीदवार? उधर बीजेपी से खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम पर पार्टी हरिद्वार से विचार कर रही है. इसके साथ ही रमेश पोखरियाल निशंक और स्वामी यतीश्वरानंद के साथ-साथ हरिद्वार शहर से विधायक मदन कौशिक भी पार्टी पैनल में शामिल हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि दोनों ही पार्टियों एक दूसरे के उम्मीदवार को देखने के बाद यहां से किसी को टिकट देने के मूड में हैं.

Haridwar Lok Sabha seat
हरिद्वार लोकसभा सीट के वोटर

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ: हरिद्वार की राजनीति को बखूबी समझने वाले आदेश त्यागी कहते हैं कि किसी भी पार्टी के लिए हरिद्वार लोकसभा सीट बेहद महत्वपूर्ण है. खासकर बीजेपी कभी नहीं चाहेगी कि उसके हाथ से हरिद्वार जैसी महत्वपूर्ण सीट निकले. इसलिए पार्टी हर पहलू पर सोच विचार कर फैसला लेना चाहती है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि मौजूदा सांसद से लोग कितने संतुष्ट हैं, यह सभी जानते हैं. आदेश त्यागी कहते हैं कि बीजेपी में आने वाले समय में जब किसी का नाम तय होगा तो उस नाम को देखकर हर कोई चौंक सकता है. इतना जरूर है कि कांग्रेस और बीजेपी के द्वारा अभी तक उम्मीदवार ना उतारने से यहां के नेताओं की धड़कनें जरूर बढ़ी हुई हैं.
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देहरादून: उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी ने तीन-तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. मंगलवार यानी 12 मार्च की शाम कांग्रेस ने टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा और पौड़ी गढ़वाल सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. लेकिन बीजेपी की तरह ही कांग्रेस ने भी हरिद्वार पर सस्पेंस बरकरार रखा है. उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक हरिद्वार पर दोनों ही पार्टियां बेहद सोच समझकर फैसला लेना चाहती हैं. दोनों ही पार्टियों के इस सस्पेंस से राजनीति में रुचि रखने वाले लोग अचरज में हैं कि आखिरकार इतना मंथन हरिद्वार पर क्यों हो रहा है.

Haridwar Lok Sabha seat
हरिद्वार लोकसभा सीट को जानें

हरिद्वार सीट पर सस्पेंस बरकरार: उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीट हरिद्वार को कहा जाता है. मौजूदा समय में रमेश पोखरियाल निशंक यहां से सांसद हैं. निशंक दो बार से सांसद बनते आ रहे हैं. रमेश पोखरियाल को मोदी सरकार में शिक्षा मंत्रालय दिया गया था. इसी सीट से जीतकर हरीश रावत भी केंद्र में मंत्री बने थे. हरिद्वार की राजनीति और स्थान के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रामविलास पासवान से लेकर मायावती तक ने यहां से चुनाव लड़ा है. कहते हैं हरिद्वार इसलिए भी दोनों पार्टियों के लिए बेहद टफ हो जाता है, क्योंकि भले ही यह स्थान हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ स्थान में से एक हो, लेकिन इस सीट पर जीत और हार का निर्णय मुस्लिम वोटर करते हैं. हरिद्वार में हरीश रावत की जब जीत हुई थी, तब महत्वपूर्ण वोट उन्हें हरिद्वार के तराई के इलाकों से पड़ा था. कांग्रेस के बाद निशंक पर भी भरोसा तराई के इलाकों में ही जताया गया था.

बीजेपी कांग्रेस कर रहे एक-दूसरे का इंतजार: बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में माला राज्य लक्ष्मी शाह को टिहरी से जबकि अजय भट्ट को नैनीताल-उधमसिंह नगर और अल्मोड़ा से अजय टम्टा को टिकट दिया है. बीजेपी भी हरिद्वार सीट पर मंथन कर रही है. बताया जा रहा है कि 15 मार्च को पार्टी हरिद्वार लोकसभा सीट पर उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है. इतना ही नहीं कांग्रेस ने भी हरिद्वार लोकसभा सीट पर प्रत्याशी न उतार कर इस सीट को और भी हॉट बना दिया है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने बेटे का नाम दिया है. वीरेंद्र रावत हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही तैयारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने हरीश रावत को जब अपनी उनकी इच्छा पूछी तो उन्होंने फिलहाल खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. ऐसे में अब कांग्रेस भी शायद तभी उम्मीदवार का ऐलान करे जब बीजेपी इस सीट पर किसी को उतार देगी. खबर ये भी है कि खानपुर से विधायक उमेश कुमार भी कांग्रेस के संपर्क में हैं और वह चाहते हैं कि अगर कांग्रेस उन्हें हरिद्वार लोकसभा से टिकट देती है, तो वह अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में जा सकते हैं.

क्या त्रिवेंद्र होंगे हरिद्वार से बीजेपी उम्मीदवार? उधर बीजेपी से खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम पर पार्टी हरिद्वार से विचार कर रही है. इसके साथ ही रमेश पोखरियाल निशंक और स्वामी यतीश्वरानंद के साथ-साथ हरिद्वार शहर से विधायक मदन कौशिक भी पार्टी पैनल में शामिल हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि दोनों ही पार्टियों एक दूसरे के उम्मीदवार को देखने के बाद यहां से किसी को टिकट देने के मूड में हैं.

Haridwar Lok Sabha seat
हरिद्वार लोकसभा सीट के वोटर

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ: हरिद्वार की राजनीति को बखूबी समझने वाले आदेश त्यागी कहते हैं कि किसी भी पार्टी के लिए हरिद्वार लोकसभा सीट बेहद महत्वपूर्ण है. खासकर बीजेपी कभी नहीं चाहेगी कि उसके हाथ से हरिद्वार जैसी महत्वपूर्ण सीट निकले. इसलिए पार्टी हर पहलू पर सोच विचार कर फैसला लेना चाहती है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि मौजूदा सांसद से लोग कितने संतुष्ट हैं, यह सभी जानते हैं. आदेश त्यागी कहते हैं कि बीजेपी में आने वाले समय में जब किसी का नाम तय होगा तो उस नाम को देखकर हर कोई चौंक सकता है. इतना जरूर है कि कांग्रेस और बीजेपी के द्वारा अभी तक उम्मीदवार ना उतारने से यहां के नेताओं की धड़कनें जरूर बढ़ी हुई हैं.
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Last Updated : Mar 14, 2024, 2:11 PM IST
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