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निलंबित SI के आरोप पर रिटायर्ड डीजी का पलटवार, कहा- गिरोह काम कर रहा है, जल्द खुलासा करूंगा - Corruption Controversy - CORRUPTION CONTROVERSY

Corruption Controversy, राजस्थान में पुलिस महकमे के एक निलंबित एसआई ने रिटायर्ड एसीबी के डीजी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस पर रिटायर्ड डीजी ने आरोपों को निराधार बताया है.

Jaipur Police Head Quarter
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 12, 2024, 7:57 PM IST

कोटा. पुलिस महकमे के निलंबित एसआई की ओर से लगाए गए आरोपों पर एसीबी से रिटायर्ड डीजी बीएल सोनी ने जवाब दिया है. उन्होंने एसआई के आरोपों को निराधार बताया है. साथ ही कहा है कि सत्यपाल पारीक से जुड़े किसी भी मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं रही है. ये जो आरोप लगा रहे हैं. उनकी कोई किसी भी स्तर पर जांच करवा सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरा एक गिरोह काम कर रहा है. जिसका खुलासा मैं बाद में करूंगा".

इधर, इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडिशनल एसपी जयपुर ललित किशोर शर्मा का कहना है कि सत्यपाल पारीक की शिकायत के मामले में प्राथमिक जांच की जा रही है. अभी इस मामले में कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया है. वहीं, निलंबित एसआई सत्यपाल के आरोपों पर न्यायालय ने कोटा रेंज आईजी को इस संबंध में जांच के लिए निर्देशित किया था. उन्होंने कोटा ग्रामीण एसपी करण शर्मा को यह जांच सौंपी है. इस मामले में ग्रामीण एसपी करण शर्मा का कहना है कि 'इस मामले में एसीबी के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सत्यपाल पारीक ने की थी. वर्तमान में चुनाव चल रहे हैं, इसलिए मैंने अतिरिक्त समय मांगा है. ऐसे में चुनाव के बाद ही इस मामले में जांच होगी'.

पढ़ें : यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित 5 के खिलाफ भ्रष्टाचार व धोखाधड़ी मामले में चार्ज तय

अधिकारियों पर लगाए ये आरोपः निलंबित एसआई सत्यपाल ने आरोप लगाया है कि दिनेश एमएन और बीएल सोनी ने उन्हें झूठा एसीबी के मुकदमे में फंसा दिया है. उसने दावा किया है कि "मैंने इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के संबंध में कई जानकारियां उठाना शुरू कर दी थी. वहीं, इस मामले में एडीजी क्राइम दिनेश एमएन से से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

रिश्वत के मामले में सस्पेंड है एसआईः सत्यपाल पारीक बीते साल मार्च 2023 में निलंबित हुए थे, उन्हें 18 मार्च 2023 में ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने गिरफ्तार किया था. इसमें परिवादी संतोष खंडेलवाल निवासी जयपुर ने एसीबी कोर्ट क्रम 1 जयपुर में आरोपी सत्यपाल पारीक व अन्य के विरुद्ध इस्तगासा पेश किया था. इसमें बताया कि साल 2016 में दर्ज एक मामले में आरोपी नहीं बनाने की एवज में 5 लाख रुपए रिश्वत की मांग की. इसके अलावा डेढ़ लाख रुपए रिश्वत ली थी.

कोटा. पुलिस महकमे के निलंबित एसआई की ओर से लगाए गए आरोपों पर एसीबी से रिटायर्ड डीजी बीएल सोनी ने जवाब दिया है. उन्होंने एसआई के आरोपों को निराधार बताया है. साथ ही कहा है कि सत्यपाल पारीक से जुड़े किसी भी मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं रही है. ये जो आरोप लगा रहे हैं. उनकी कोई किसी भी स्तर पर जांच करवा सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरा एक गिरोह काम कर रहा है. जिसका खुलासा मैं बाद में करूंगा".

इधर, इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडिशनल एसपी जयपुर ललित किशोर शर्मा का कहना है कि सत्यपाल पारीक की शिकायत के मामले में प्राथमिक जांच की जा रही है. अभी इस मामले में कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया है. वहीं, निलंबित एसआई सत्यपाल के आरोपों पर न्यायालय ने कोटा रेंज आईजी को इस संबंध में जांच के लिए निर्देशित किया था. उन्होंने कोटा ग्रामीण एसपी करण शर्मा को यह जांच सौंपी है. इस मामले में ग्रामीण एसपी करण शर्मा का कहना है कि 'इस मामले में एसीबी के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सत्यपाल पारीक ने की थी. वर्तमान में चुनाव चल रहे हैं, इसलिए मैंने अतिरिक्त समय मांगा है. ऐसे में चुनाव के बाद ही इस मामले में जांच होगी'.

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अधिकारियों पर लगाए ये आरोपः निलंबित एसआई सत्यपाल ने आरोप लगाया है कि दिनेश एमएन और बीएल सोनी ने उन्हें झूठा एसीबी के मुकदमे में फंसा दिया है. उसने दावा किया है कि "मैंने इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के संबंध में कई जानकारियां उठाना शुरू कर दी थी. वहीं, इस मामले में एडीजी क्राइम दिनेश एमएन से से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

रिश्वत के मामले में सस्पेंड है एसआईः सत्यपाल पारीक बीते साल मार्च 2023 में निलंबित हुए थे, उन्हें 18 मार्च 2023 में ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने गिरफ्तार किया था. इसमें परिवादी संतोष खंडेलवाल निवासी जयपुर ने एसीबी कोर्ट क्रम 1 जयपुर में आरोपी सत्यपाल पारीक व अन्य के विरुद्ध इस्तगासा पेश किया था. इसमें बताया कि साल 2016 में दर्ज एक मामले में आरोपी नहीं बनाने की एवज में 5 लाख रुपए रिश्वत की मांग की. इसके अलावा डेढ़ लाख रुपए रिश्वत ली थी.

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