रुद्रप्रयाग: सूबे में मानसून की बौछार जारी है. बारिश की वजह से सुमाड़ी-सेमा बिराणगांव मोटरमार्ग का मलबा तांडव मचा रहा है. मोटरमार्ग के मलबे के कारण लस्तर नदी में झील बन गई है. इसके अलावा बार-बार तिलवाड़ा-घनसाली मोटरमार्ग भी बाधित हो रहा है. वहीं, ग्रामीणों की कृषि भूमि भी तबाह हो रही है. जबकि, सिंचाई नहर और पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण जनता के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं. अब नदी में झील बनने से ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा के साथ ही कृषि भूमि की चिंता भी सताने लगी है.
गुरुवार देर रात हुई बारिश के कारण सुमाड़ी-सेमा-बिराणगांव मोटरमार्ग के मलबे ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है. इससे पहले भी हल्की बारिश में मोटरमार्ग कटिंग का मलबा बार-बार तिलवाड़ा-घनसाली मोटरमार्ग को बाधित करता रहा है. मोटरमार्ग का गलत अलाइनमेंट और बेतरतीब कटिंग के कारण बारिश होने पर बार-बार इस मार्ग के मलबे के कारण स्थानीय लोगों के खेत तो बर्बाद हो ही रहे हैं, साथ ही सुमाड़ी गांव की सिंचाई नहर एवं पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीणों की सहमति के बिना ही मोटरमार्ग की सर्वे की गई. जिसका खामियाजा आज भोली-भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है. जिसका इस मार्ग से कोई लेना-देना ही नहीं है. पिछले दिनों मोटरमार्ग के मलबे के कारण तिलवाड़ा-घनसाली मोटरमार्ग पर ध्वस्त हुए पुश्ते का निर्माण कार्य चल रहा है. इस पुश्ते के निर्माण में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है, जिस कारण यह पुश्ता दोबारे ध्वस्त होने के कगार पर है. मोटरमार्ग के मलबे के कारण लस्तर नदी में भी मलबा जमा हो रहा है, जिस कारण स्यालस्यू गांव के ठीक नीचे झील बनने लगी है.
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दौलत राम गौड़ और स्थानीय ग्रामीण भगत सिंह चौहान ने कहा कि मोटरमार्ग के मलबे से स्यालसू गांव को जोड़ने वाला पेयजल स्त्रोत क्षतिग्रस्त हो गया है. सुमाड़ी की नहर तीन से चार जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गई है. स्यालसू गदेरे के नीचे सिंचाई नहर की सुरक्षा के लिए बनाई गई पुलिया भी ढहने के कगार पर है. स्यालसू गांव के ठीक नीचे बन रही झील का आकार बढ़ता जा रहा है. इससे कई हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह होने की संभावना बनी हुई है. नदी में झील बनने से बंदरतोली लिफ्ट योजना को भी खतरा बना हुआ है.
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