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हिमाचल में अब मिलेगा खूबसूरत वादियां निहारने का मौका, इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सुक्खू सरकार

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है. जिससे पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सके.

Sukhu Govt on Himachal Eco Tourism
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 14, 2024, 9:20 AM IST

Updated : Nov 14, 2024, 9:26 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ऐसी योजना को लेकर आई है. जिससे शहर की चकाचौंध से दूर पर्यटक प्रकृति की गोद में सुकून की सांस ले सकेंगे. देवभूमि में पहुंचने पर पर्यटक अब शहर में फैल रहे कंक्रीट के जाल से दूर हरे भरे घने जंगलों में पहाड़ों से फूटने वाले झरनों की खूबसूरती को नजदीक से निहार सकेंगे. इसके लिए प्रदेश सरकार इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है. जिससे स्थानीय लोगों को भी घरद्वार पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को राज्य के नैसर्गिक सौन्दर्य और अनछुए पर्यटन गंतव्य का अनुभव प्रदान करना है औक प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करना है. इस पहल में स्थानीय समुदाय को भी शामिल किया जाएगा. जिससे आजीविका के अवसर सृजित होंगे और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और संवर्धन के बारे में जागरूकता बढ़ेगी."

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम, 2023 में हाल ही में किए गए संशोधनों को प्रभावी तरीके से लागू करने को मंजूरी दे दी है. जिससे प्रदेश में इको-टूरिज्म गतिविधियों को गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में बनाई गई इको-टूरिज्म नीति को इन लक्ष्यों के साथ संरेखित करने के लिए संशोधित किया गया है. इससे बड़ी तादाद में पर्यटक भी हिमाचल की ओर आकर्षित होंगे.

स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

सीएम सुक्खू ने कहा कि यह संशोधित नीति समुदाय आधारित पारिस्थितिकी पर्यटन मॉडलों को प्रोत्साहित करती है. यह इको-टूरिज्म से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करती है. जो कि उनकी आर्थिकी को संबल प्रदान करने में भी महत्त्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निरंतर विकास के लिए सरकार इको-टूरिज्म गतिविधियों को एकीकृत कर रही है, ताकि पर्यटकों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करने पड़े. सरकार की ओर से पर्यटन क्षेत्र में शुरू की गई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक नया तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिससे इको-टूरिज्म प्रबंधन के लिए एक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है.

ट्रैकिंग मार्गों को दी जा रही मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मनभावन पर्यटन स्थलों, नदियों और कई ट्रेकिंग स्थलों को देखने के लिए प्रदेश में हर साल 2 करोड़ों से भी अधिक पर्यटक आते हैं. जिससे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण अनुकूल राज्य होने के कारण पर्यटन की दिशा में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित किया जा रहा है. कुछ पर्यटकों को समृद्ध जैव सांस्कृतिक विविधता का अनुभव करने का अवसर नहीं मिल पाता है. इसलिए राज्य सरकार इन बाधाओं को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है, जिससे प्रत्येक पर्यटक यादगार अनुभव का आनंद उठा सके.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "राज्य में प्रस्तावित इको टूरिज्म में ट्रैकिंग, कैंपिंग, बर्ड वॉचिंग और साहसिक खेल शामिल हैं. पर्यटकों की प्राथमिकता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए इको-टूरिज्म स्थल और ट्रैकिंग मार्गों को मंजूरी दी जा रही है. इन पहलों का मुख्य उद्देश्य वन संसाधनों का संरक्षण करके राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. इसके साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना और पर्यावरण अनुकूल पर्यटन को प्रोत्साहित करना है."

ये भी पढ़ें: घाटे में फंसे पर्यटन निगम ने सरकारी विभागों से लेने हैं ₹4.13 करोड़, HC ने कहा-48 घंटे के भीतर भुगतान की मांग करे निगम

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ये भी पढ़ें: पर्यटन विकास निगम ने जमा नहीं की थी आर्बिट्रेशन अवॉर्ड राशि, हाईकोर्ट ने मांगा दोषी अफसरों का ब्यौरा

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ऐसी योजना को लेकर आई है. जिससे शहर की चकाचौंध से दूर पर्यटक प्रकृति की गोद में सुकून की सांस ले सकेंगे. देवभूमि में पहुंचने पर पर्यटक अब शहर में फैल रहे कंक्रीट के जाल से दूर हरे भरे घने जंगलों में पहाड़ों से फूटने वाले झरनों की खूबसूरती को नजदीक से निहार सकेंगे. इसके लिए प्रदेश सरकार इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है. जिससे स्थानीय लोगों को भी घरद्वार पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को राज्य के नैसर्गिक सौन्दर्य और अनछुए पर्यटन गंतव्य का अनुभव प्रदान करना है औक प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करना है. इस पहल में स्थानीय समुदाय को भी शामिल किया जाएगा. जिससे आजीविका के अवसर सृजित होंगे और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और संवर्धन के बारे में जागरूकता बढ़ेगी."

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम, 2023 में हाल ही में किए गए संशोधनों को प्रभावी तरीके से लागू करने को मंजूरी दे दी है. जिससे प्रदेश में इको-टूरिज्म गतिविधियों को गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में बनाई गई इको-टूरिज्म नीति को इन लक्ष्यों के साथ संरेखित करने के लिए संशोधित किया गया है. इससे बड़ी तादाद में पर्यटक भी हिमाचल की ओर आकर्षित होंगे.

स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

सीएम सुक्खू ने कहा कि यह संशोधित नीति समुदाय आधारित पारिस्थितिकी पर्यटन मॉडलों को प्रोत्साहित करती है. यह इको-टूरिज्म से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करती है. जो कि उनकी आर्थिकी को संबल प्रदान करने में भी महत्त्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निरंतर विकास के लिए सरकार इको-टूरिज्म गतिविधियों को एकीकृत कर रही है, ताकि पर्यटकों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करने पड़े. सरकार की ओर से पर्यटन क्षेत्र में शुरू की गई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक नया तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिससे इको-टूरिज्म प्रबंधन के लिए एक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है.

ट्रैकिंग मार्गों को दी जा रही मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मनभावन पर्यटन स्थलों, नदियों और कई ट्रेकिंग स्थलों को देखने के लिए प्रदेश में हर साल 2 करोड़ों से भी अधिक पर्यटक आते हैं. जिससे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण अनुकूल राज्य होने के कारण पर्यटन की दिशा में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित किया जा रहा है. कुछ पर्यटकों को समृद्ध जैव सांस्कृतिक विविधता का अनुभव करने का अवसर नहीं मिल पाता है. इसलिए राज्य सरकार इन बाधाओं को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है, जिससे प्रत्येक पर्यटक यादगार अनुभव का आनंद उठा सके.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "राज्य में प्रस्तावित इको टूरिज्म में ट्रैकिंग, कैंपिंग, बर्ड वॉचिंग और साहसिक खेल शामिल हैं. पर्यटकों की प्राथमिकता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए इको-टूरिज्म स्थल और ट्रैकिंग मार्गों को मंजूरी दी जा रही है. इन पहलों का मुख्य उद्देश्य वन संसाधनों का संरक्षण करके राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. इसके साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना और पर्यावरण अनुकूल पर्यटन को प्रोत्साहित करना है."

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Last Updated : Nov 14, 2024, 9:26 AM IST
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