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सुखविंदर सरकार ने खजाने के लिए किया 600 करोड़ से अधिक का इंतजाम, बड़े उद्योगों की एक रूपए की बिजली सब्सिडी खत्म - Industry Electricity Subsidy Ends

HP Industries Electricity Subsidy Abolished: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने बड़े बड़े उद्योगों को दी जाने वाली एक रुपए की बिजली सब्सिडी खत्म कर दी है. जिससे सरकार के खजाने में सालाना 600 करोड़ रुपए आएंगे. हालांकि छोटे उद्योगों को अभी भी सब्सिडी मिलती रहेगी.

HP Industries Electricity Subsidy Abolished
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, हिमाचल प्रदेश (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 12:44 PM IST

Updated : Sep 20, 2024, 12:59 PM IST

शिमला: जैसा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में कहा था, ठीक वैसा ही अमल में भी लाया है. एक रुपए की सब्सिडी खत्म करने से सुक्खू सरकार ने एक साल में खजाने के लिए 600 करोड़ रुपए से अधिक का इंतजाम कर लिया है. राज्य सरकार ने बड़े उद्योगों को दी जाने वाली एक रुपए की बिजली सब्सिडी खत्म कर दी है. इससे सरकार के खजाने में सालाना 600 करोड़ रुपए आएंगे.

HP Industries Electricity Subsidy Abolished
बड़े उद्योगों की एक रुपए की बिजली सब्सिडी खत्म (ETV Bharat)

सीएम सुक्खू ने विधानसभा में कहा था कि हिमाचल में 14 तरह की बिजली सब्सिडी दी जा रही है. इससे बिजली बोर्ड पर घाटे का बोझ बढ़ रहा है. सरकार चरणबद्ध तरीके से बिजली सब्सिडी खत्म करेगी. इसी कड़ी में पिछले कल अधिसूचना जारी कर बड़े उद्योगों को बिजली पर दी जाने वाली एक रुपए की सब्सिडी खत्म कर दी गई है. हालांकि इतना करने पर भी हिमाचल में उद्योगों को पंजाब व हरियाणा से सस्ती बिजली होगी. वहीं, राज्य सरकार ने छोटे उद्योगों के लिए राहत जारी रखी है. इस संदर्भ में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली बोर्ड व राज्य सरकार के अफसरों के साथ कई राउंड की मीटिंग की थी. इस मीटिंग में बिजली की सब्सिडी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अफसरों से प्रेजेंटेशन व आंकड़े मांगे गए थे. उसके बाद ये फैसला लिया गया है.

HP Industries Electricity Subsidy
छोटे उद्योगों को सरकार ने दी राहत (ETV Bharat)

छोटे उद्योगों को जारी रहेगी राहत

राज्य में छोटे उद्योग निरंतर काम कर पाएं, इसके लिए सरकार ने उन पर बोझ नहीं डाला है. कुल 22 केवी बिजली उपयोग करने वाले स्माल यूनिट्स की एक रुपए वाली सब्सिडी जारी रहेगी. यही नहीं, छोटे उद्योगों को सहारा देने के लिए सरकार ने इन पर लागू इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को भी 16.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. यानी सीधे साढ़े छह प्रतिशत की कमी की गई है. हिमाचल में बिजली के सबसे बड़े उपभोक्ता उद्योग ही हैं. बीबीएन सहित अन्य इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली की खपत कुल राज्य की खपत की 70 फीसदी है. इन सभी उद्योगों को सस्ती बिजली के लिए राज्य सरकार सब्सिडी देती है. इस पर सालाना 900 करोड़ रुपए तक का खर्च होता है. ये खर्च राज्य सरकार उठाती है. अब बड़े उद्योगों को एक रुपए सब्सिडी खत्म करने से खजाने में कम से कम 600 करोड़ रुपए सालाना आएंगे. हिमाचल सरकार के ऊर्जा सचिव राकेश कंवर ने इस सब्सिडी को वापस लेने की पुष्टि की है.

ये भी पढ़ें: "हिमाचल पर नहीं हैं कोई आर्थिक संकट, यदि ऐसा होता तो लागू नहीं होती OPS और महिलाओं के लिए ₹1500 पेंशन"

शिमला: जैसा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में कहा था, ठीक वैसा ही अमल में भी लाया है. एक रुपए की सब्सिडी खत्म करने से सुक्खू सरकार ने एक साल में खजाने के लिए 600 करोड़ रुपए से अधिक का इंतजाम कर लिया है. राज्य सरकार ने बड़े उद्योगों को दी जाने वाली एक रुपए की बिजली सब्सिडी खत्म कर दी है. इससे सरकार के खजाने में सालाना 600 करोड़ रुपए आएंगे.

HP Industries Electricity Subsidy Abolished
बड़े उद्योगों की एक रुपए की बिजली सब्सिडी खत्म (ETV Bharat)

सीएम सुक्खू ने विधानसभा में कहा था कि हिमाचल में 14 तरह की बिजली सब्सिडी दी जा रही है. इससे बिजली बोर्ड पर घाटे का बोझ बढ़ रहा है. सरकार चरणबद्ध तरीके से बिजली सब्सिडी खत्म करेगी. इसी कड़ी में पिछले कल अधिसूचना जारी कर बड़े उद्योगों को बिजली पर दी जाने वाली एक रुपए की सब्सिडी खत्म कर दी गई है. हालांकि इतना करने पर भी हिमाचल में उद्योगों को पंजाब व हरियाणा से सस्ती बिजली होगी. वहीं, राज्य सरकार ने छोटे उद्योगों के लिए राहत जारी रखी है. इस संदर्भ में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली बोर्ड व राज्य सरकार के अफसरों के साथ कई राउंड की मीटिंग की थी. इस मीटिंग में बिजली की सब्सिडी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अफसरों से प्रेजेंटेशन व आंकड़े मांगे गए थे. उसके बाद ये फैसला लिया गया है.

HP Industries Electricity Subsidy
छोटे उद्योगों को सरकार ने दी राहत (ETV Bharat)

छोटे उद्योगों को जारी रहेगी राहत

राज्य में छोटे उद्योग निरंतर काम कर पाएं, इसके लिए सरकार ने उन पर बोझ नहीं डाला है. कुल 22 केवी बिजली उपयोग करने वाले स्माल यूनिट्स की एक रुपए वाली सब्सिडी जारी रहेगी. यही नहीं, छोटे उद्योगों को सहारा देने के लिए सरकार ने इन पर लागू इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को भी 16.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. यानी सीधे साढ़े छह प्रतिशत की कमी की गई है. हिमाचल में बिजली के सबसे बड़े उपभोक्ता उद्योग ही हैं. बीबीएन सहित अन्य इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली की खपत कुल राज्य की खपत की 70 फीसदी है. इन सभी उद्योगों को सस्ती बिजली के लिए राज्य सरकार सब्सिडी देती है. इस पर सालाना 900 करोड़ रुपए तक का खर्च होता है. ये खर्च राज्य सरकार उठाती है. अब बड़े उद्योगों को एक रुपए सब्सिडी खत्म करने से खजाने में कम से कम 600 करोड़ रुपए सालाना आएंगे. हिमाचल सरकार के ऊर्जा सचिव राकेश कंवर ने इस सब्सिडी को वापस लेने की पुष्टि की है.

ये भी पढ़ें: "हिमाचल पर नहीं हैं कोई आर्थिक संकट, यदि ऐसा होता तो लागू नहीं होती OPS और महिलाओं के लिए ₹1500 पेंशन"

Last Updated : Sep 20, 2024, 12:59 PM IST
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