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प्यून से बन गए असिस्टेंट कमिश्नर, CGPSC क्रैक करने वाले शैलेंद्र कुमार बांधे की सक्सेस स्टोरी - SHAILENDRA KUMAR BANDHE

छत्तीसगढ़ में एक शख्स ने प्यून की नौकरी करते हुए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की है.

SUCCESS STORY OF PEON
सफलता की रोमांचित करने वाली कहानी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 6, 2024, 5:39 PM IST

Updated : Dec 7, 2024, 3:48 PM IST

रायपुर: सफलता सिर्फ मेहनत की मोहताज होती है. अगर आप में सच्ची लगन और कुछ हासिल करने का जज्बा हो तो आप अपनी मंजिल पा सकते हैं. इसे साबित किया है बिलासपुर के शैलेंद्र कुमार बांधे ने जो किसान परिवार से आते हैं. अब अपने परिवार के साथ रायपुर में रहते हैं. उनकी सफलता की कहानी हर किसी को रोमांचित करती है. यह छत्तीसगढ़ और देश में तमाम लोकसेवा आयोग की तैयारी करने वाले छात्र छात्राओं के लिए एक मिसाल की तरह है.

पांचवें प्रयास में क्रैक किया CGPSC एग्जाम: शैलेंद्र कुमार बांधे पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद छत्तीसगढ़ शासन में प्यून की नौकरी ज्वाइन की. उसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और सीजीपीएससी की परीक्षा लगातार देते हैं. अपने पांचवें प्रयास में शैलेंद्र ने अपना मुकाम हासिल कर लिया. उन्होंने साल 2023 के सीजीपीएससी एग्जाम को क्लीयर किया. रायपुर के सीजीपीएससी कार्यालय में पिछले सात महीनों से शैलेंद्र कुमार बांधें कार्यरत हैं. अब उन्हें सहायक आयुक्त (राज्य कर) के पद पर नियुक्त किया जाएगा.

Shailendra Kumar Bandhe Getting Wishes
शैलेंद्र कुमार बांधे को मिल रही बधाइयां (ETV BHARAT)

शैलेंद्र कुमार बांधे ने सफलता पर क्या कहा?: शैलेंद्र कुमार बांधे ने अपनी सक्सेस की कहानी मीडिया को बताई है. उन्होंने कहा कि पांचवे प्रयास में सिविल सेवा की परीक्षा पास की है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया है. उनका कहना है कि परिवार और माता पिता ने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया और उनके साथ खड़े रहे. पहले चार प्रयासों में मैं अपने सपने को साकार नहीं कर पाया, लेकिन असफलताओं ने मुझे निराश नहीं किया और मुझे और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया.

Bandhe Cracks CGPSC
चपरासी ने राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास की (ETV BHARAT)

इस साल मई में मुझे सीजीपीएससी कार्यालय में चपरासी के पद पर नियुक्त किया गया. मैंने इस साल फरवरी में आयोजित सीजीपीएससी-2023 की प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली. मैंने मुख्य परीक्षा की तैयारी जारी रखी, क्योंकि मैं अधिकारी बनना चाहता था. मैं रायपुर NIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक हूं. मुझे अपने एक सुपर सीनियर हिमाचल साहू से प्रेरणा मिली. जिन्होंने सीजीपीएससी-2015 परीक्षा में प्रथम रैंक हासिल की थी. उसके बाद ही मैंने सीजीपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की-शैलेंद्र कुमार, सीजीपीएससी के सफल अभ्यर्थी

मैं अपने बेटे की कड़ी मेहनत और लगन को सलाम करता हूं. वो पांच साल से तैयारी कर रहाथा. मुझे उम्मीद है कि मेरा बेटा उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा जो सरकारी नौकरी पाने की तैयारी कर रहे हैं. जो देश सेवा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं- संतराम बांधे, शैलेंद्र बांधे के पिता

"NIT के प्लेसमेंट में नहीं बैठा": शैलेंद्र कुमार बांधे ने बताया कि उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद संस्थान के प्लेसमेंट कैंप में नहीं बैठा. सीजीपीएससी के लिए मैंने प्लेसमेंट इंटरव्यू में शामिल नहीं होने का फैसला किया. उनका कहना था कि उन्हें निजी क्षेत्र में अच्छी नौकरी मिल सकती थी लेकिन उन्होंने सरकारी कर्मचारी बनने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि मैं पहले प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा में असफल रहा और अगले प्रयास में मैं मुख्य परीक्षा पास नहीं कर सका. तीसरे और चौथे प्रयास में मैं साक्षात्कार के लिए योग्य हो गया, लेकिन सफल नहीं हो सका. आखिरकार, पांचवें प्रयास ने मुझे खुश कर दिया. मैंने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए चपरासी की नौकरी चुनी, लेकिन राज्य सिविल सेवाओं की तैयारी जारी रखी.

"कोई भी नौकरी बड़ी या छोटी नहीं होती": शैलेंद्र कुमार बांधे ने कहा कि कोई भी नौकरी बड़ी या छोटी नहीं होती क्योंकि हर पद की गरिमा होती है. चाहे वह चपरासी हो या डिप्टी कलेक्टर, हर नौकरी में ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ काम करना होता है. मैंने जब चपरासी की नौकरी ज्वाइन की तो लोग मुझे ताने मारते थे, लेकिन मैं इससे विचलित नहीं हुआ और अपनी तैयारी जारी रखी. मेरे माता-पिता, परिवार और दफ़्तर ने हमेशा मेरा साथ दिया और मेरा हौसला बढ़ाया.

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रायपुर: सफलता सिर्फ मेहनत की मोहताज होती है. अगर आप में सच्ची लगन और कुछ हासिल करने का जज्बा हो तो आप अपनी मंजिल पा सकते हैं. इसे साबित किया है बिलासपुर के शैलेंद्र कुमार बांधे ने जो किसान परिवार से आते हैं. अब अपने परिवार के साथ रायपुर में रहते हैं. उनकी सफलता की कहानी हर किसी को रोमांचित करती है. यह छत्तीसगढ़ और देश में तमाम लोकसेवा आयोग की तैयारी करने वाले छात्र छात्राओं के लिए एक मिसाल की तरह है.

पांचवें प्रयास में क्रैक किया CGPSC एग्जाम: शैलेंद्र कुमार बांधे पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद छत्तीसगढ़ शासन में प्यून की नौकरी ज्वाइन की. उसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और सीजीपीएससी की परीक्षा लगातार देते हैं. अपने पांचवें प्रयास में शैलेंद्र ने अपना मुकाम हासिल कर लिया. उन्होंने साल 2023 के सीजीपीएससी एग्जाम को क्लीयर किया. रायपुर के सीजीपीएससी कार्यालय में पिछले सात महीनों से शैलेंद्र कुमार बांधें कार्यरत हैं. अब उन्हें सहायक आयुक्त (राज्य कर) के पद पर नियुक्त किया जाएगा.

Shailendra Kumar Bandhe Getting Wishes
शैलेंद्र कुमार बांधे को मिल रही बधाइयां (ETV BHARAT)

शैलेंद्र कुमार बांधे ने सफलता पर क्या कहा?: शैलेंद्र कुमार बांधे ने अपनी सक्सेस की कहानी मीडिया को बताई है. उन्होंने कहा कि पांचवे प्रयास में सिविल सेवा की परीक्षा पास की है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया है. उनका कहना है कि परिवार और माता पिता ने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया और उनके साथ खड़े रहे. पहले चार प्रयासों में मैं अपने सपने को साकार नहीं कर पाया, लेकिन असफलताओं ने मुझे निराश नहीं किया और मुझे और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया.

Bandhe Cracks CGPSC
चपरासी ने राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास की (ETV BHARAT)

इस साल मई में मुझे सीजीपीएससी कार्यालय में चपरासी के पद पर नियुक्त किया गया. मैंने इस साल फरवरी में आयोजित सीजीपीएससी-2023 की प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली. मैंने मुख्य परीक्षा की तैयारी जारी रखी, क्योंकि मैं अधिकारी बनना चाहता था. मैं रायपुर NIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक हूं. मुझे अपने एक सुपर सीनियर हिमाचल साहू से प्रेरणा मिली. जिन्होंने सीजीपीएससी-2015 परीक्षा में प्रथम रैंक हासिल की थी. उसके बाद ही मैंने सीजीपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की-शैलेंद्र कुमार, सीजीपीएससी के सफल अभ्यर्थी

मैं अपने बेटे की कड़ी मेहनत और लगन को सलाम करता हूं. वो पांच साल से तैयारी कर रहाथा. मुझे उम्मीद है कि मेरा बेटा उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा जो सरकारी नौकरी पाने की तैयारी कर रहे हैं. जो देश सेवा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं- संतराम बांधे, शैलेंद्र बांधे के पिता

"NIT के प्लेसमेंट में नहीं बैठा": शैलेंद्र कुमार बांधे ने बताया कि उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद संस्थान के प्लेसमेंट कैंप में नहीं बैठा. सीजीपीएससी के लिए मैंने प्लेसमेंट इंटरव्यू में शामिल नहीं होने का फैसला किया. उनका कहना था कि उन्हें निजी क्षेत्र में अच्छी नौकरी मिल सकती थी लेकिन उन्होंने सरकारी कर्मचारी बनने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि मैं पहले प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा में असफल रहा और अगले प्रयास में मैं मुख्य परीक्षा पास नहीं कर सका. तीसरे और चौथे प्रयास में मैं साक्षात्कार के लिए योग्य हो गया, लेकिन सफल नहीं हो सका. आखिरकार, पांचवें प्रयास ने मुझे खुश कर दिया. मैंने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए चपरासी की नौकरी चुनी, लेकिन राज्य सिविल सेवाओं की तैयारी जारी रखी.

"कोई भी नौकरी बड़ी या छोटी नहीं होती": शैलेंद्र कुमार बांधे ने कहा कि कोई भी नौकरी बड़ी या छोटी नहीं होती क्योंकि हर पद की गरिमा होती है. चाहे वह चपरासी हो या डिप्टी कलेक्टर, हर नौकरी में ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ काम करना होता है. मैंने जब चपरासी की नौकरी ज्वाइन की तो लोग मुझे ताने मारते थे, लेकिन मैं इससे विचलित नहीं हुआ और अपनी तैयारी जारी रखी. मेरे माता-पिता, परिवार और दफ़्तर ने हमेशा मेरा साथ दिया और मेरा हौसला बढ़ाया.

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Last Updated : Dec 7, 2024, 3:48 PM IST
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