हल्द्वानी: शहर में आवार मवेशी हादसों का सबब बने हुए हैं. आवारा मवेशियों के हमले और टकराने से कई लोगों की जान जा चुकी है.लेकिन नगर निगम और जिला प्रशासन इन आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए बेबस नजर आ रहा है.अगस्त महीने में आवारा पशुओं ने चार लोगों की जान ले ली है, जबकि तीन लोग घायल हो गए. ये आंकड़ा यही नहीं थमता है बात जनवरी से लेकर अगस्त महीने की करें तो आवारा पशुओं के चलते 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं.
हल्द्वानी नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम द्वारा संचालित गौशाला पूरी तरह से पशुओं की क्षमता के अनुसार फुल हो चुका है.नए गौशाला बनने के बाद इन पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई की जाएगी. हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र हो या राष्ट्रीय राजमार्ग हर जगह पर पशुओं का झुंड लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं. सड़कों पर पशुओं ने अपना अड्डा बना रखा है. जिसके चलते सड़कों पर चलने वाले वाहन पशुओं से टकरा रहे हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है. आवारा पशु लोगों पर हमला भी कर रहे हैं, जिसके चलते कई लोग घायल हो चुके हैं, जबकि कई लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन इन सबके बीच जिला प्रशासन और हल्द्वानी नगर निगम मौन है.
हल्द्वानी नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने बताया कि नगर निगम द्वारा दो गौशालाओं को संचालन किया जा रहा है. गंगापुर कबाड़वाल में करीब 300 गौवंश को रखने की क्षमता है, जबकि शीशमहल गौशाला में 200 पशुओं के रखने की क्षमता है.अब इन दोनों गौशाला में पशुओं के रखने की क्षमता नहीं है. जिसके चलते अब पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई नहीं चल रही है. नगर आयुक्त ने बताया कि गौशाला की क्षमता बढ़ाने के लिए पत्र शासन को भेजा गया है. शासन से स्वीकृति मिलने के बाद गौशाला की क्षमता बढ़ाई जाएगी. इसके बाद फिर से पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. वहीं आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए कई सामाजिक संगठन लगातार धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
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