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फेसबुक पर दोस्ती, वीडियो चैटिंग और खाते में संदिग्ध लेनदेन; ISI की लेडी एजेंट ने नेवी के राम सिंह को कैसे ट्रैप किया? - Female ISI Agent Trapped Indian Boy

ATS की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है कि फेसबुक की दोस्ती और वाट्सएप पर वीडियो चैटिंग से राम सिंह ISI एजेंट के जाल में फंस गया था. राम सिंह ने ATS को 10 उन लोगों के नाम भी बताए हैं, जिन्हे उसने एजेंट के कहने पर रुपए भेजे थे. इसके साथ ही 2 लोगों ने उसके खाते में भी रुपए भेजे थे.

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आईएसआई के लिए भारत में जासूसी करने वाला राम सिंह. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 10:32 AM IST

Updated : May 24, 2024, 11:15 AM IST

गोरखपुर: फेसबुक से दोस्ती और वीडियो चैटिंग ने गोरखपुर के राम सिंह को ISI के जाल में ऐसा उलझा दिया है कि वह देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त होने के आरोपों से बाहर नहीं निकल पा रहा. जैसे-जैसे जांच और पूछताछ आगे बढ़ रही है, राम सिंह लगातार अपने सवालों में फंसता जा रहा है.

पाकिस्तानी महिला जासूस को युद्ध पोत की गोपनीय जानकारी देने, उसके कहने पर कई अकाउंट में रुपये ट्रांसफर करने के आरोप में, एटीएस ने उसे गोरखपुर के पिपराइच थाने से 18 मई को गिरफ्तार किया था. एटीएस की पूछताछ और जांच में राम सिंह अपना जुर्म स्वीकार किया है.

उसने बताया कि 3 वर्ष पहले फेसबुक के जरिए पाकिस्तानी जासूस कीर्ति कुमारी से उसकी जान पहचान हुई थी. व्हाट्सएप कॉल पर बातचीत होने के साथ वह उसके प्रेम जाल में भी पड़ गया. कीर्ति ने उसे बताया भी था कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करती है. उससे जो सूचना मांगी जाती है वह एजेंट को मुहैया कराती है, जिसमें वह उसकी मदद करे. इसके बदले में उसे रुपए मिलेंगे.

ये भी पढ़ेंः बैंक खाते में संदिग्ध लेनदेन, पाकिस्तानी एजेंट से संपर्क; मर्चेंट नेवी में काम कर रहे युवक को ATS ने दबोचा

इसके बाद राम सिंह गोवा में तैनाती के दौरान युद्ध पोत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी कीर्ति को देता रहा. जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर चुनौती खड़ी हो सकती थी. फिर भी रुपए के लालच में राम सिंह कीर्ति को फोटो भेजता रहा और अब वह शिकंजे में ऐसा फंसा है कि बाहर निकलना मुश्किल लग रहा है.

गोरखपुर के पिपराइच के रमवापुर गांव का रहने वाला राम सिंह गोवा में शिपयार्ड नेवल बेस पर, पार्ट टाइम कर्मी के रूप में काम करता था. इस दौरान उसने एजेंट कीर्ति को नौसेना के बारे में कई महत्वपूर्ण सूचना और युद्धक जहाज की फोटो भेजी थी. इसके बदले उसे रुपये मिले थे.

खाते से लेनदेन की पुष्टि होने पर ही एटीएस ने उसे 18 मई की रात में गोरखपुर से उठाया था. उसके ऊपर राष्ट्र के विरुद्ध अपराध रचने की साजिश का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में वह लगातार नए राज उगल रहा है और फंसता जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को 500 रुपये में गोपनीय जानकारी बेच रहे भारत के युवा

एटीएस को उसने 10 ऐसे नाम बताएं जिन्हें इस महिला जासूस के कहने पर उसने गूगल-पे और फोन-पे के जरिए रुपए भेजे थे. जबकि दो लोगों ने उसके खाते में रुपए भेजे थे. राम सिंह ने जिन लोगों के नाम पूछताछ में उजागर किया है, एटीएस अब उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है.

राम सिंह ने एटीएस को बताया कि ISI एजेंट कीर्ति कुमारी के कहने पर उसने अपने स्टेट बैंक के खाते से लकी जाट, मैंकी सिद्धू, अतुल दुबे, रवि शर्मा, सविता, नरेश भाई, गडगनी, उपेंद्र और रंजन कुमार के खाते में रुपए ट्रांसफर किए थे. कीर्ति कुमारी के कहने पर ही लखन और तरुण दहिया नाम के व्यक्ति ने उसके खाते में रुपए भेजे थे. जिनसे वह अब तक मिला ही नहीं.

ये भी पढ़ेंः INS विक्रमादित्य, INS विक्रांत में इंसुलेशन लगाने वाला निकला ISI एजेंट, पाकिस्तानी महिला जासूस के संपर्क में था, भेजता था जहाज की फोटो

यही वजह है कि बैंक डिटेल मिलने के बाद एटीएस के साथ ही सुरक्षा एजेंसी की टीम जिनके खाते में रुपए भेजे गए हैं उनकी तलाश कर रही है. राम सिंह ने बताया कि 3 वर्ष पहले फेसबुक पर कीर्ति कुमारी के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी, जिसे उसने स्वीकार कर लिया था.

चैटिंग होने पर मोबाइल नंबर 851661236 और 9636410344 पर व्हाट्सएप कॉल के जरिए बात होने लगी. बाद में वीडियो कॉल पर भी लंबी बात होती थी. वह कीर्ति के प्यार में पड़ने के बाद उसके अनुसार युद्धपोत की फोटो भेजने लगा.

अब वह इस जाल में फंस चुका है कि उसका इससे निकलने बड़ा कठिन दिखाई देता है. उसने जिन-जिन लोगों के नाम लिए हैं, उनके खाते में कितने-कितने रुपए भेजे गए हैं, यह सब डिटेल एटीएस को पूछताछ में पता चल चुकी है.

ये भी पढ़ेंः ATS की पूछताछ में हुआ खुलासा, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई लोग अनजाने में बन रहे ISI के मददगार

गोरखपुर: फेसबुक से दोस्ती और वीडियो चैटिंग ने गोरखपुर के राम सिंह को ISI के जाल में ऐसा उलझा दिया है कि वह देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त होने के आरोपों से बाहर नहीं निकल पा रहा. जैसे-जैसे जांच और पूछताछ आगे बढ़ रही है, राम सिंह लगातार अपने सवालों में फंसता जा रहा है.

पाकिस्तानी महिला जासूस को युद्ध पोत की गोपनीय जानकारी देने, उसके कहने पर कई अकाउंट में रुपये ट्रांसफर करने के आरोप में, एटीएस ने उसे गोरखपुर के पिपराइच थाने से 18 मई को गिरफ्तार किया था. एटीएस की पूछताछ और जांच में राम सिंह अपना जुर्म स्वीकार किया है.

उसने बताया कि 3 वर्ष पहले फेसबुक के जरिए पाकिस्तानी जासूस कीर्ति कुमारी से उसकी जान पहचान हुई थी. व्हाट्सएप कॉल पर बातचीत होने के साथ वह उसके प्रेम जाल में भी पड़ गया. कीर्ति ने उसे बताया भी था कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करती है. उससे जो सूचना मांगी जाती है वह एजेंट को मुहैया कराती है, जिसमें वह उसकी मदद करे. इसके बदले में उसे रुपए मिलेंगे.

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इसके बाद राम सिंह गोवा में तैनाती के दौरान युद्ध पोत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी कीर्ति को देता रहा. जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर चुनौती खड़ी हो सकती थी. फिर भी रुपए के लालच में राम सिंह कीर्ति को फोटो भेजता रहा और अब वह शिकंजे में ऐसा फंसा है कि बाहर निकलना मुश्किल लग रहा है.

गोरखपुर के पिपराइच के रमवापुर गांव का रहने वाला राम सिंह गोवा में शिपयार्ड नेवल बेस पर, पार्ट टाइम कर्मी के रूप में काम करता था. इस दौरान उसने एजेंट कीर्ति को नौसेना के बारे में कई महत्वपूर्ण सूचना और युद्धक जहाज की फोटो भेजी थी. इसके बदले उसे रुपये मिले थे.

खाते से लेनदेन की पुष्टि होने पर ही एटीएस ने उसे 18 मई की रात में गोरखपुर से उठाया था. उसके ऊपर राष्ट्र के विरुद्ध अपराध रचने की साजिश का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में वह लगातार नए राज उगल रहा है और फंसता जा रहा है.

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एटीएस को उसने 10 ऐसे नाम बताएं जिन्हें इस महिला जासूस के कहने पर उसने गूगल-पे और फोन-पे के जरिए रुपए भेजे थे. जबकि दो लोगों ने उसके खाते में रुपए भेजे थे. राम सिंह ने जिन लोगों के नाम पूछताछ में उजागर किया है, एटीएस अब उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है.

राम सिंह ने एटीएस को बताया कि ISI एजेंट कीर्ति कुमारी के कहने पर उसने अपने स्टेट बैंक के खाते से लकी जाट, मैंकी सिद्धू, अतुल दुबे, रवि शर्मा, सविता, नरेश भाई, गडगनी, उपेंद्र और रंजन कुमार के खाते में रुपए ट्रांसफर किए थे. कीर्ति कुमारी के कहने पर ही लखन और तरुण दहिया नाम के व्यक्ति ने उसके खाते में रुपए भेजे थे. जिनसे वह अब तक मिला ही नहीं.

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यही वजह है कि बैंक डिटेल मिलने के बाद एटीएस के साथ ही सुरक्षा एजेंसी की टीम जिनके खाते में रुपए भेजे गए हैं उनकी तलाश कर रही है. राम सिंह ने बताया कि 3 वर्ष पहले फेसबुक पर कीर्ति कुमारी के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी, जिसे उसने स्वीकार कर लिया था.

चैटिंग होने पर मोबाइल नंबर 851661236 और 9636410344 पर व्हाट्सएप कॉल के जरिए बात होने लगी. बाद में वीडियो कॉल पर भी लंबी बात होती थी. वह कीर्ति के प्यार में पड़ने के बाद उसके अनुसार युद्धपोत की फोटो भेजने लगा.

अब वह इस जाल में फंस चुका है कि उसका इससे निकलने बड़ा कठिन दिखाई देता है. उसने जिन-जिन लोगों के नाम लिए हैं, उनके खाते में कितने-कितने रुपए भेजे गए हैं, यह सब डिटेल एटीएस को पूछताछ में पता चल चुकी है.

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Last Updated : May 24, 2024, 11:15 AM IST
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