बरेली: जिले के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में दो समुदायों के विवाद की जांच में प्रारंभिक तौर पर ताजिया घुमाने के दौरान पुलिस की लापरवाही सामने आई है. एसएसपी ने मामले में जांच कराने के बाद दरोगा समेत चार को लाइन हाजिर कर दिया. वहीं, एक सिपाही को निलंबित किया गया है. आरोपियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है. उनके घरों की नापजोख की गई है.
19 जुलाई की रात एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घर पर पथराव कर दिया था. इसके बाद घर में घुसकर पिटाई कर दी थी. मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. अब एसएसपी अनुराग आर्य ने सिपाही नफीस अहमद को निलंबित कर दिया. वहीं दरोगा राधाकृष्ण, हेड कांस्टेबल राजवीर सिंह, सिपाही सुहेल अहमद और गुलफाम को लाइन हाजिर कर दिया.
दरअसल, घटना के बाद एसएसपी और एसपी दक्षिणी ने मौके पर जाकर ग्रामीणों से बात की तो पता लगा कि घटना की नींव 16 जुलाई को ही पड़ गई थी. मुहर्रम पर गांव में ताजिया घुमाया जा रहा था. तब एक समुदाय के लोगों ने ताजिया दूसरे समुदाय की बस्ती में ऐसी जगह रख दिया, जहां पहले कभी नहीं रखा गया. लोगों ने ऐतराज जताया तो उन्हें हड़काकर चुप करा दिया गया.
आरोपियों की सिपाही नफीस से थी दोस्ती: इस पूरे घटनाक्रम के दौरान ये पुलिसकर्मी गांव में जुलूस के साथ मौजूद थे. बता दें, कि पीआरडी जवान बख्तावर और ग्रामीण रियासत गांव में नेतागिरी करते थे.इनकी दोस्ती सिपाही नफीस से थी और नफीस की वजह से बाकी पुलिसकर्मी भी एक पक्ष का उत्पीड़न देखते रहे. एसएसपी ने एसओ से जांच कराई तो स्थिति स्पष्ट हो गई. एसओ की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई. खुराफातियों के साथ पुलिस बख्तावर और रियासत को भी जेल भेज चुकी है.
लगेगा रासुका, बुलडोजर भी चलेगा: रविवार को पुलिस ने पथराव में शामिल तीन महिलाओं को हिरासत में लिया है. इधर, गांव में राजस्व टीम ने भी आरोपियों के घरों की नापजोख की. जल्द ही उनके घरों पर बुलडोजर भी चलाया जा सकता है. एसपी दक्षिणी मानुष पारीक ने बताया, कि आरोपियों में से कुछ पर रासुका की कार्रवाई हो सकती है. उपद्रवियों के 11 मकान चिह्नित किए गए हैं, जो कि ग्राम समाज को भूमि पर आंतक्रमण कर बनाए गए हैं. सोमवार को भी टीम चिह्नांकन का कार्य करेगी.उपद्रवियों के अवैध निर्माण को बुलडोजर चलाकर जमींदोज किया जाएगा.