सुल्तानपुर : यूपी एसटीएफ ने एक लाख के इनामी मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया, जबकि उसका साथी फरार हो गया. मेजरगंज इलाके में मंगेश ने अपने 4 साथियों के साथ मिलकर भरत जी सोनी ज्वैलर्स के यहां डेढ़ करोड़ की डकैती डाली थी. घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी. पुलिस ने घटना में शामिल 3 बदमाशों को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था. तीनों के पैर में पुलिस ने गोली मारी थी. अब यूपी एसटीएफ ने गुरुवार की सुबह वारदात में शामिल मंगेश को ढेर कर दिया.
मेजरगंज इलाके में 28 अगस्त को बाइक सवार 5 बदमाश दोपहर 12.30 बजे भरत जी सोनी ज्वैलर्स की दुकान में घुस गए थे. इनमें से कुछ ने हेलमेट पहन रखा था जबकि कुछ ने अपने चेहरे पर गमछा बांध रखा था. सभी ने अंदर पहुंचकर ज्वैलर्स को तमंचा दिखाकर डकैती थी. 4 मिनट के अंदर ही दो झोलों में करीब डेढ़ करोड़ रुपये के सोने-चांदी के जेवरात और नकदी बदमाश समेट ले गए थे. घटना के दो सीसीटीवी फुटेज सामने आए थे. इनमें से एक दुकान के अंदर था जबकि एक बाहर का था.
सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गए थे बदमाश : अंदर के सीसीटीवी फुटेज में बदमाश डकैती डालते नजर आए थे, वहीं बाहर के सीसीटीवी में वह 2 बाइकों से झोला समते फरार होते दिखे थे. दिनदहाड़े हुई इस घटना के बाद पुलिस अलर्ट मोड में थी. यूपी एसटीएफ को भी घटना के खुलासे के लिए लगाया गया था. पुलिस ने घटना में शामिल 3 बदमाशों अमेठी के सहरी गांव निवासी सचिन सिंह, गोविंद सिंह और पीपरपुर के हारीपुर के रहने वाले त्रिभुवन उर्फ लाला को मुठभेड़ में पकड़ लिया था.
बरामद हुई थी 15 किलो चांदी : जवाबी कार्रवाई में तीनों के पैर में गोली लगी थी. उनके पास से 15 किलो चांदी बरामद हुई थी. इस घटना में शामिल 2 अन्य बदमाशों की तलाश की जा रही थी. गुरुवार की सुबह डकैती में शामिल 2 बदमाशों के बारे में एसटीएफ को मुखबिर से इनपुट मिला. पता चला कि डकैती में शामिल एक लाख का इनामिया मंगेश यादव अपने एक साथी के साथ लखनऊ-वाराणसी मार्ग के रास्ते जौनपुर जाने की फिराक में खड़ा है.
एसटीएफ ने घेरा तो करने लगे फायरिंग : एसटीएफ ने कोतवाली देहात अंतर्गत हनुमानगंज इलाके में नाकेबंदी कर दी. खुद को घिरा देखकर बदमाशों ने फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने भी गोली चला दी. गोली लगने से मंगेश यादव घायल हो गया जबकि उसका एक साथी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. एसटीएफ घायल डकैत मंगेश यादव को इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंची. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मंगेश पर कल ही 1 लाख का इनाम घोषित किया गया था.
मंगेश पर चोरी-लूट के 7 मुकदमे दर्ज : मुठभेड़ में मारा गया मंगेश यादव जौनपुर जिले के अंगरौरा का रहने वाला था. उस पर चोरी-लूट के 7 मुकदमे दर्ज हैं. एसटीएफ ने बदमाश के पास से 315 बोर का तमंचा, 32 बोर की पिस्टल के अलावा बाइक और लूटे गए जेवर भी बरामद किए हैं.
एसडीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही ने बताया कि ज्वैलर्स के यहां डकैती पड़ी थी. इसमें टीमें लगाई गईं थीं. आज तड़के इसमें शामिल दो बदमाशों के बारे में जानकारी मिली कि वे जौनपुर जाने वाले हैं. टीम ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. इस पर उन लोगों ने एसटीएफ पर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश घायल हो गया था. एक बदमाश भाग गया था. घायल को इलाज के लिए लाया गया था.
मुख्य आरोपी कर चुका है सरेंडर : एसपी सोमेन वर्मा के अनुसार बदमाशों के गैंग का सरगना अमेठी के मोहनगंज थाने के भवानीनगर निवासी विपिन सिंह है. उसने घटना के बाद रायबरेली की कोर्ट में गैंगस्टर मामले में सरेंडर कर दिया था. उसकी रिमांड के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. विपिन की गैंग के फुरकान निवासी पूरे चंदई चिलौली मोहनगंज अमेठी, अनुज प्रताप सिंह निवासी जनापुर मोहनगंज अमेठी, अरबाज निवासी आशापुर रुरु मोहनगंज, विनय शुक्ला निवासी सहमेऊ मोहनगंज, मंगेश यादव निवासी अगरौरा थाना बख्शा जौनपुर, अंकित यादव निवासी हरिपुरा थाना आसपुर देवसरा प्रतापगढ़, अजय यादव निवासी लारपुर थाना सिंगरामऊ जौनपुर, अरविंद यादव निवासी चमरा डीह थाना फूलपुर आजमगढ़, विवेक सिंह निवासी भवानीनगर मोहनगंज, दुर्गेश प्रताप सिंह निवासी नया पुरवा फायर स्टेशन रायबरेली शामिल हैं.
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एनकाउंटर पर सवाल उठाए. लिखा कि 'लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली माी गई और ‘जात’ देखकर जान ली गई'.
'अखिलेश यादव ने आगे लिखा है कि जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे'.
'नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं. समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है, भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है. जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है, और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है. जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है'.
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