ETV Bharat / state

सीजेएम के आदेश पर थाना प्रभारी ने खुद अपने समेत 7 पुलिसकर्मियों पर दर्ज किया मुकदमा - Police filed FIR against himself

मिर्जापुर में कोर्ट के आदेश पर एसआई सुभाष यादव समेत 5 अज्ञात पुलिस वालों पर 29 सितम्बर 2024 को विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

यूपी पुलिस
यूपी पुलिस (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 30, 2024, 11:09 PM IST

मिर्जापुर: अभी आप थाने जाते होंगे शिकायत लेकर तो आपका थाना प्रभारी मुकदमा लिखता होगा. मगर मिर्जापुर जनपद में थाना प्रभारी को खुद अपने खिलाफ मुकदमा लिखना पड़ा है. पूरा मामला जिगना थाने में तैनात प्रभारी शैलेंद्र राय का है. इतना ही नहीं एसआई सुभाष यादव समेत 5 अज्ञात पुलिस वालों पर 29 सितम्बर 2024 को विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

दरअसल जिगना थाना क्षेत्र भौरुपुर सारन पट्टी के रहने वाले सभाशंकर दुबे ने सीजेएम कोर्ट मिर्जापुर में अपने वकील के माध्यम से 13 जुलाई को प्रार्थन पत्र दिया था. जिसमें कहा था कि थाना प्रभारी टीम के साथ घर में घुसकर गाली-गलौज करते हुए तोड़फोड़ की. साथ ही दूसरे पक्ष के समर्थन में जमीन कब्जा कराने का आरोप लगाया था. पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

सीजेएम कोर्ट के जज संजीव कुमार त्रिपाठी ने 23 अगस्त को पीड़ित सभा शंकर दुबे के बात को सुनकर जिगना थाना प्रभारी शैलेंद्र राय, एसआई सुभाष यादव, 5 अज्ञात सिपाही, बसंती देवी, दया सागर, सुख सागर पुत्र गण रामशिरोमणि के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. अब पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.

पीड़ित सभा शंकर दुबे के तहरीर में कहा गया कि 11 जुलाई को जिलाधिकारी को पत्र दिया गया था. जिसमें अपनी जमीन पर जबरन दूसरे को कब्जा दिलाने के प्रयास की शिकायत की गई थी. इसके बाद घर पहुंचे एसआई ने भ‌द्दी-भ‌द्दी गालियां देते हुए नये कानून का हवाला देकर मारने-पीटने फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी दी थी. यही नहीं एनकाउंटर की भी करने की धमकी दी थी. भतीजे को थाने में बैठाया गया कहा गया कि सभा शंकर को बुलाओ नहीं तो नहीं छोड़ेंगे. पुलिस से तंग आकर कोर्ट का सहारा लेना पड़ा.

अधिवक्ता विष्णु सागर पांडेय ने बताया कि दंडाधिकारी संजीव कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ प्रार्थी ने आरोप लगाया कि जमीन पर जबरन कब्जा करवाया जा रहा है. 13 जुलाई 24 को सुबह 9 बजे पुलिस वाले आकर गांव के विपक्षी दयासागर, सुखसागर बसन्ती से मिलकर वर्दी के बल पर कब्जा करवाने के लिए मारपीट व प्रताड़ित किया इसको लेकर मुख्य दंडाधिकारी ने बी एन एस एस की धाराकी धारा 175 (तीन)के तहत थाना जिगना प्रभारी शैलेष राय ,दरोगा सुभाष यादव व छः अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके विवेचना किए जाने का आदेश दिया गया. आरोपियों के अपील पर जिला जज ने रोक लगा दिया. पीड़ित आरोपियों के खिलाफ हाई कोर्ट गया.

जनपद न्यायाधीश के रोक के बावजूद वादी मुकदमा हाई कोर्ट उच्च न्यायालय मे रिट दाखिल करके पुन: आदेश प्राप्त कराया मुकदमा दर्ज किया जा.उच्च न्यायालय ने सीजेएम के आदेश को अनुपालन करने को कहा जिसको लेकर थाना जिगना में 29 सितंबर के दिन अपराध संख्या 143 /24 अंतर्गत धारा बी एस एस 324 ,352 333 ,351 (दो )के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. विवेचन निरीक्षक सुशील त्रिपाठी करेंगे जो की थाना प्रभारी के रैंक से नीचे के हैं.

मिर्जापुर: अभी आप थाने जाते होंगे शिकायत लेकर तो आपका थाना प्रभारी मुकदमा लिखता होगा. मगर मिर्जापुर जनपद में थाना प्रभारी को खुद अपने खिलाफ मुकदमा लिखना पड़ा है. पूरा मामला जिगना थाने में तैनात प्रभारी शैलेंद्र राय का है. इतना ही नहीं एसआई सुभाष यादव समेत 5 अज्ञात पुलिस वालों पर 29 सितम्बर 2024 को विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

दरअसल जिगना थाना क्षेत्र भौरुपुर सारन पट्टी के रहने वाले सभाशंकर दुबे ने सीजेएम कोर्ट मिर्जापुर में अपने वकील के माध्यम से 13 जुलाई को प्रार्थन पत्र दिया था. जिसमें कहा था कि थाना प्रभारी टीम के साथ घर में घुसकर गाली-गलौज करते हुए तोड़फोड़ की. साथ ही दूसरे पक्ष के समर्थन में जमीन कब्जा कराने का आरोप लगाया था. पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

सीजेएम कोर्ट के जज संजीव कुमार त्रिपाठी ने 23 अगस्त को पीड़ित सभा शंकर दुबे के बात को सुनकर जिगना थाना प्रभारी शैलेंद्र राय, एसआई सुभाष यादव, 5 अज्ञात सिपाही, बसंती देवी, दया सागर, सुख सागर पुत्र गण रामशिरोमणि के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. अब पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.

पीड़ित सभा शंकर दुबे के तहरीर में कहा गया कि 11 जुलाई को जिलाधिकारी को पत्र दिया गया था. जिसमें अपनी जमीन पर जबरन दूसरे को कब्जा दिलाने के प्रयास की शिकायत की गई थी. इसके बाद घर पहुंचे एसआई ने भ‌द्दी-भ‌द्दी गालियां देते हुए नये कानून का हवाला देकर मारने-पीटने फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी दी थी. यही नहीं एनकाउंटर की भी करने की धमकी दी थी. भतीजे को थाने में बैठाया गया कहा गया कि सभा शंकर को बुलाओ नहीं तो नहीं छोड़ेंगे. पुलिस से तंग आकर कोर्ट का सहारा लेना पड़ा.

अधिवक्ता विष्णु सागर पांडेय ने बताया कि दंडाधिकारी संजीव कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ प्रार्थी ने आरोप लगाया कि जमीन पर जबरन कब्जा करवाया जा रहा है. 13 जुलाई 24 को सुबह 9 बजे पुलिस वाले आकर गांव के विपक्षी दयासागर, सुखसागर बसन्ती से मिलकर वर्दी के बल पर कब्जा करवाने के लिए मारपीट व प्रताड़ित किया इसको लेकर मुख्य दंडाधिकारी ने बी एन एस एस की धाराकी धारा 175 (तीन)के तहत थाना जिगना प्रभारी शैलेष राय ,दरोगा सुभाष यादव व छः अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके विवेचना किए जाने का आदेश दिया गया. आरोपियों के अपील पर जिला जज ने रोक लगा दिया. पीड़ित आरोपियों के खिलाफ हाई कोर्ट गया.

जनपद न्यायाधीश के रोक के बावजूद वादी मुकदमा हाई कोर्ट उच्च न्यायालय मे रिट दाखिल करके पुन: आदेश प्राप्त कराया मुकदमा दर्ज किया जा.उच्च न्यायालय ने सीजेएम के आदेश को अनुपालन करने को कहा जिसको लेकर थाना जिगना में 29 सितंबर के दिन अपराध संख्या 143 /24 अंतर्गत धारा बी एस एस 324 ,352 333 ,351 (दो )के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. विवेचन निरीक्षक सुशील त्रिपाठी करेंगे जो की थाना प्रभारी के रैंक से नीचे के हैं.

यह भी पढ़ें: गोकशी के मामले में हुआ एक्शन, मिर्जापुर एसपी अभिनन्दन ने पूरी पुलिस चौकी को किया सस्पेंड

यह भी पढ़ें: मिर्जापुर एसपी ने एक दारोगा समेत चार पुलिसकर्मियों को किया निलंबित


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.