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बिशंभर वाल्मीकि किसको टिकट कटने के लिए ठहरा रहे जिम्मेदार, पूर्व सीएम मनोहर लाल से क्यों हुए नाराज, क्या पार्टी को कहेंगे अलविदा? - State Minister Vishambhar Valmiki

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में बीजेपी की 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद करीब दर्जन नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया है. टिकट कटने वाले नेताओं में से एक राज्य मंत्री विशंभर वाल्मीकि भी हैं. जो बवानीखेड़ा आरक्षित सीट से विधायक हैं. उन से ईटीवी भारत की टीम ने टिकट कटने के मुद्दे पर खास बातचीत की. उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात कही है.

Haryana Assembly Elections 2024
Haryana Assembly Elections 2024 (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 7, 2024, 4:25 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 4:56 PM IST

बिशंभर वाल्मीकि का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (Etv Bharat)

चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी की 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद करीब दर्जन नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया है. टिकट कटने वाले नेताओं में से एक राज्य मंत्री विशंभर वाल्मीकि भी हैं. जो बवानीखेड़ा आरक्षित सीट से विधायक हैं. उन से ईटीवी भारत की टीम ने टिकट कटने के मुद्दे पर खास बातचीत की. उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात कही है.

'पाक साफ व्यक्ति हूं': विशंभर वाल्मीकि की टिकट आखिर क्यों काटी गई, क्या उन्हें इस बात की उम्मीद थी? इस पर वे कहते हैं कि इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी. ऐसी उम्मीद तब रखी जाती है, जब विधायक रहते या मंत्री रहते कोई गलत काम किया हो. अगर गलत काम किया हो तो तो इस बात का अंदेशा रहता है की टिकट कट सकती है. लेकिन मैं बिल्कुल पाक साफ हूं, मैंने किसी का एक कप चाय तक नहीं पिया. सब लोग जानते हैं, जनता जानती है.

'गलत फैसले का करूंगा विरोध': उन्होंने कहा कि सूची में मेरा नाम ना आना, सूची के जारी होने के 1 दिन पहले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से कुछ लोगों की मुलाकात करना है. मनोहर लाल ने उनको लड्डू भी खिलाए और बांटने के लिए भी कहा. बताने वाले बता रहे हैं कि उनकी टिकट की कन्फर्मेशन भी उनको दी गई. अगले दिन मेरी टिकट कट जाना कहीं ना कहीं दुर्भाग्यपूर्ण बात है. हालांकि मैं इस बात से नाराज नहीं हूं, मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं सिपाही हूं, मेरे खून के हर कतरे में बीजेपी बसी है. मैं पार्टी छोड़कर नहीं जा सकता. लेकिन मैं यह जरूर कह सकता हूं कि जो फैसला पार्टी के हित में नहीं होता उसके लिए मैं जरूर कहता हूं. पार्टी मेरी मां है और उसके खिलाफ कोई गलत फैसला होगा, तो मैं उसका विरोध करूंगा. मैं अपनी बातचीत लिटरेचर के सामने रखूंगा और रखी भी है.

'पार्टी विरोधी लोगों के पास किया सर्वे': क्या मनोहर लाल से गलती हुई है, या फिर जिन लोगों ने टिकट फाइनल किया उस स्तर पर कोई चूक हुई है? मनोहर लाल जी विधानसभा टिकट वितरण को देख रहे थे. उन्होंने लोगों को भिजवाकर लास्ट में जिन लोगों से सर्वे करवाया, मुझे पता है. उन्होंने सर्वे कहां किया, उन्होंने वहां पर सर्वे किया जहां मेरे खिलाफ चलने वाले लोग थे. किसी भी पार्टी के 10 साल कार्यकाल में एंटी कैंबेंसी होती है. वे लोग वहां गए जहां पार्टी विरोधी लोग थे. उनके सर्वे के आधार पर अचानक मेरी टिकट कट गई. दूसरा उम्मीदवार आ गया. हो सकता है मनोहर लाल से गलती हुई हो. कोई बात नहीं इंसान गलती का पुतला है. मैं यूं नहीं कहता कि मनोहर लाल ने जानबूझकर मेरी टिकट कटवाई. कहीं न कहीं से उनके पास रिपोर्ट आई होगी. उसके आधार पर उन्होंने इस तरह का फैंसला लिया होगा.

'पार्टी के लिए करता रहूंगी काम': पार्टी के कई नेता नाराजगी में पार्टी छोड़ रहे हैं, या कपूर वाल्मीकि का प्रचार करेंगे? या आपको उम्मीद है पार्टी आपको कहीं और से टिकट देगी ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि मैं पार्टी नहीं छोडूंगा. मैं पार्टी का भगत हूं, सच्चा सिपाही हूं कार्यकर्ता हूं, मेरे खून में बीजेपी बसी है, मैं पार्टी नहीं छोड़ सकता. वहीं मैं कपूर की बात नहीं करता मैं कमल के फूल की बात करता हूं.

'पटौदी से चुनाव लड़ने की इच्छा': मैंने कपूर को नहीं देखा, कमल के फूल को देखा है. मैंने कमल के फूल को खिलाने के लिए काम किया है. मैं इस बात का इच्छुक हूं कि संगठन मेरी पूरे प्रदेश में जिम्मेदारी लगाए. मुझे ऐसा करने से खुशी मिलेगी. हो सकता है किसी एक को टिकट न मिले लेकिन मैं पार्टी के लिए काम करूंगा, पार्टी में रहूंगा. मैं हाईकमान के साथ खड़ा हूं. अगर मुझे किसी सीट पर पार्टी चुनाव लड़वाने की सोचेगी तो मेरी पहली प्राथमिकता बवानीखेड़ा थी, अगर दूसरा विकल्प देते हैं तो मैं पटौदी से चुनाव लड़ना चाहूंगा.

'बीजेपी के पक्ष में लोग करेंगे वोट': अन्य दलों से आए नेताओं को पार्टी ने टिकट दी है और इससे ज्यादातर नेता नाराज हैं, क्या इससे पार्टी को फायदा या नुकसान होगा? देखिए नुकसान और फायदा तो जनता के हाथ में है. जनता ने ही तय करना है, जनता सब देखती है. पिछले दस साल से जब से बीजेपी का शासन हुआ. प्रदेश में अच्छे से विकास हुआ. एक अच्छी शुरुआत बिना खर्ची पर्ची के नौकरियों की हुई. प्रदेश में बिना पर पर्ची खर्ची के 1,41,000 युवाओं को नौकरी मिली है. जो आज बहुमत से सरकार बनाने की बात कर रहे हैं,( यानी कांग्रेस) उनके तो तीन-तीन मुख्यमंत्री हैं. इनके राज में तो पर्ची खर्ची चलती थी. इनके राज में तो नौकरियों की बोली लगती थी. आज भी यह वही काम करेंगे. क्या प्रदेश का युवा देख नहीं रहा उनको सब पता है. अगर कांग्रेस आई तो फिर वही खेल शुरू हो जाएगा. इसलिए लोग बीजेपी के पक्ष में वोट करेंगे, मुझे लगता है कि बीजेपी की तीसरी बार सरकार बनेगी.

'बीजेपी हर व्यक्ति को देती है मौका': जो नेता पार्टी से नाराज हैं, या इस्तीफा दे रहे हैं उनके लिए कुछ कहना चाहेंगे? इस पर वे कहते हैं कि पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं से मैं निवेदन करूंगा कि मेरी भी टिकट कटी है. मैं इतना नाराज नहीं हूं, कार्यकर्ताओं में नाराजगी जरूर है, लेकिन आगे से अब सभी लोग अपने काम में लग जाएं. क्योंकि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जो छोटे से छोटे व्यक्ति को ऊपर बैठा देती है. संगठन ने हमें तराश कर ऊपर भेजा है. मैं उन सब से यह कहना चाहूंगा, नाराजगी दूर करके कार्यकर्ताओं को मनाकर बीजेपी के पक्ष में प्रचार प्रसार करें. तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाकर कमल का फूल खिलाएं.

बीजेपी की सरकार बनने का दावा: विरोधी भाजपा के अंदर चल रहे इस संग्राम से खुश हैं? बिल्कुल विरोधियों के लिए तो एक प्रकार से घी के दिए जले हैं. लेकिन बीजेपी की जब तीसरी बार सरकार बनेगी तब उनको पता चल जाएगा. उनका तो टिकट बंटवारे में ही कांग्रेस का मामला खराब हो जाएगा. तीसरी बार बीजेपी की ही प्रदेश में सरकार बनेगी. क्योंकि बीजेपी ने प्रदेश के विकास के लिए अच्छे काम किए हैं.

ये भी पढ़ें: नहीं बदले जाएंगे बीजेपी उम्मीदवार! विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने पर जानें सीएम नायब सैनी ने क्या कहा

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बिशंभर वाल्मीकि का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (Etv Bharat)

चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी की 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद करीब दर्जन नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया है. टिकट कटने वाले नेताओं में से एक राज्य मंत्री विशंभर वाल्मीकि भी हैं. जो बवानीखेड़ा आरक्षित सीट से विधायक हैं. उन से ईटीवी भारत की टीम ने टिकट कटने के मुद्दे पर खास बातचीत की. उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात कही है.

'पाक साफ व्यक्ति हूं': विशंभर वाल्मीकि की टिकट आखिर क्यों काटी गई, क्या उन्हें इस बात की उम्मीद थी? इस पर वे कहते हैं कि इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी. ऐसी उम्मीद तब रखी जाती है, जब विधायक रहते या मंत्री रहते कोई गलत काम किया हो. अगर गलत काम किया हो तो तो इस बात का अंदेशा रहता है की टिकट कट सकती है. लेकिन मैं बिल्कुल पाक साफ हूं, मैंने किसी का एक कप चाय तक नहीं पिया. सब लोग जानते हैं, जनता जानती है.

'गलत फैसले का करूंगा विरोध': उन्होंने कहा कि सूची में मेरा नाम ना आना, सूची के जारी होने के 1 दिन पहले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से कुछ लोगों की मुलाकात करना है. मनोहर लाल ने उनको लड्डू भी खिलाए और बांटने के लिए भी कहा. बताने वाले बता रहे हैं कि उनकी टिकट की कन्फर्मेशन भी उनको दी गई. अगले दिन मेरी टिकट कट जाना कहीं ना कहीं दुर्भाग्यपूर्ण बात है. हालांकि मैं इस बात से नाराज नहीं हूं, मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं सिपाही हूं, मेरे खून के हर कतरे में बीजेपी बसी है. मैं पार्टी छोड़कर नहीं जा सकता. लेकिन मैं यह जरूर कह सकता हूं कि जो फैसला पार्टी के हित में नहीं होता उसके लिए मैं जरूर कहता हूं. पार्टी मेरी मां है और उसके खिलाफ कोई गलत फैसला होगा, तो मैं उसका विरोध करूंगा. मैं अपनी बातचीत लिटरेचर के सामने रखूंगा और रखी भी है.

'पार्टी विरोधी लोगों के पास किया सर्वे': क्या मनोहर लाल से गलती हुई है, या फिर जिन लोगों ने टिकट फाइनल किया उस स्तर पर कोई चूक हुई है? मनोहर लाल जी विधानसभा टिकट वितरण को देख रहे थे. उन्होंने लोगों को भिजवाकर लास्ट में जिन लोगों से सर्वे करवाया, मुझे पता है. उन्होंने सर्वे कहां किया, उन्होंने वहां पर सर्वे किया जहां मेरे खिलाफ चलने वाले लोग थे. किसी भी पार्टी के 10 साल कार्यकाल में एंटी कैंबेंसी होती है. वे लोग वहां गए जहां पार्टी विरोधी लोग थे. उनके सर्वे के आधार पर अचानक मेरी टिकट कट गई. दूसरा उम्मीदवार आ गया. हो सकता है मनोहर लाल से गलती हुई हो. कोई बात नहीं इंसान गलती का पुतला है. मैं यूं नहीं कहता कि मनोहर लाल ने जानबूझकर मेरी टिकट कटवाई. कहीं न कहीं से उनके पास रिपोर्ट आई होगी. उसके आधार पर उन्होंने इस तरह का फैंसला लिया होगा.

'पार्टी के लिए करता रहूंगी काम': पार्टी के कई नेता नाराजगी में पार्टी छोड़ रहे हैं, या कपूर वाल्मीकि का प्रचार करेंगे? या आपको उम्मीद है पार्टी आपको कहीं और से टिकट देगी ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि मैं पार्टी नहीं छोडूंगा. मैं पार्टी का भगत हूं, सच्चा सिपाही हूं कार्यकर्ता हूं, मेरे खून में बीजेपी बसी है, मैं पार्टी नहीं छोड़ सकता. वहीं मैं कपूर की बात नहीं करता मैं कमल के फूल की बात करता हूं.

'पटौदी से चुनाव लड़ने की इच्छा': मैंने कपूर को नहीं देखा, कमल के फूल को देखा है. मैंने कमल के फूल को खिलाने के लिए काम किया है. मैं इस बात का इच्छुक हूं कि संगठन मेरी पूरे प्रदेश में जिम्मेदारी लगाए. मुझे ऐसा करने से खुशी मिलेगी. हो सकता है किसी एक को टिकट न मिले लेकिन मैं पार्टी के लिए काम करूंगा, पार्टी में रहूंगा. मैं हाईकमान के साथ खड़ा हूं. अगर मुझे किसी सीट पर पार्टी चुनाव लड़वाने की सोचेगी तो मेरी पहली प्राथमिकता बवानीखेड़ा थी, अगर दूसरा विकल्प देते हैं तो मैं पटौदी से चुनाव लड़ना चाहूंगा.

'बीजेपी के पक्ष में लोग करेंगे वोट': अन्य दलों से आए नेताओं को पार्टी ने टिकट दी है और इससे ज्यादातर नेता नाराज हैं, क्या इससे पार्टी को फायदा या नुकसान होगा? देखिए नुकसान और फायदा तो जनता के हाथ में है. जनता ने ही तय करना है, जनता सब देखती है. पिछले दस साल से जब से बीजेपी का शासन हुआ. प्रदेश में अच्छे से विकास हुआ. एक अच्छी शुरुआत बिना खर्ची पर्ची के नौकरियों की हुई. प्रदेश में बिना पर पर्ची खर्ची के 1,41,000 युवाओं को नौकरी मिली है. जो आज बहुमत से सरकार बनाने की बात कर रहे हैं,( यानी कांग्रेस) उनके तो तीन-तीन मुख्यमंत्री हैं. इनके राज में तो पर्ची खर्ची चलती थी. इनके राज में तो नौकरियों की बोली लगती थी. आज भी यह वही काम करेंगे. क्या प्रदेश का युवा देख नहीं रहा उनको सब पता है. अगर कांग्रेस आई तो फिर वही खेल शुरू हो जाएगा. इसलिए लोग बीजेपी के पक्ष में वोट करेंगे, मुझे लगता है कि बीजेपी की तीसरी बार सरकार बनेगी.

'बीजेपी हर व्यक्ति को देती है मौका': जो नेता पार्टी से नाराज हैं, या इस्तीफा दे रहे हैं उनके लिए कुछ कहना चाहेंगे? इस पर वे कहते हैं कि पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं से मैं निवेदन करूंगा कि मेरी भी टिकट कटी है. मैं इतना नाराज नहीं हूं, कार्यकर्ताओं में नाराजगी जरूर है, लेकिन आगे से अब सभी लोग अपने काम में लग जाएं. क्योंकि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जो छोटे से छोटे व्यक्ति को ऊपर बैठा देती है. संगठन ने हमें तराश कर ऊपर भेजा है. मैं उन सब से यह कहना चाहूंगा, नाराजगी दूर करके कार्यकर्ताओं को मनाकर बीजेपी के पक्ष में प्रचार प्रसार करें. तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाकर कमल का फूल खिलाएं.

बीजेपी की सरकार बनने का दावा: विरोधी भाजपा के अंदर चल रहे इस संग्राम से खुश हैं? बिल्कुल विरोधियों के लिए तो एक प्रकार से घी के दिए जले हैं. लेकिन बीजेपी की जब तीसरी बार सरकार बनेगी तब उनको पता चल जाएगा. उनका तो टिकट बंटवारे में ही कांग्रेस का मामला खराब हो जाएगा. तीसरी बार बीजेपी की ही प्रदेश में सरकार बनेगी. क्योंकि बीजेपी ने प्रदेश के विकास के लिए अच्छे काम किए हैं.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 4:56 PM IST
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