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खराब कार बेचने पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने मर्सिडीज बेंज इंडिया पर लगाया 8.50 लाख रुपए हर्जाना - Fine On Car Manufacturer - FINE ON CAR MANUFACTURER

कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज इंडिया व विक्रेता मैसर्स टी एंड टी मोटर्स पर राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग ने खराब कार बेचने पर 8.50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

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राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 21, 2024, 8:20 PM IST

जयपुर: राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग ने ग्राहक को खराब कार बेचने को गंभीर सेवा दोष मानते हुए निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज इंडिया व विक्रेता मैसर्स टी एंड टी मोटर्स पर 8.50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने आदेश दिया कि परिवादी की ओर से डाउन पेमेंट व अन्य खर्च के तौर पर दी गई राशि 19,05,980 रुपए पर 5 जुलाई, 2018 से अदायगी तक 9 फीसदी वार्षिक की दर से ब्याज भी दे. आयोग ने यह आदेश शैवाली पालीवाल के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा कहा गया कि परिवादिया की ओर से 24 नवंबर, 2017 को खरीदी गई मर्सिडीज बेंज कार का मूल्य 57,88,439 रुपए था. इसे खरीदने के लिए उसने डाउन पेमेंट किया और बाकी राशि किस्तों में देना तय किया था, लेकिन कार में ब्रेकिंग सिस्टम सहित अन्य खराबी थी जिसे सही नहीं किया जा सका. इसके चलते परिवादिया कार खरीदने से लेकर उसे कंपनी को वापस लौटाए जाने की तारीख 5 जुलाई, 2018 तक उसका उपयोग व उपभोग नहीं कर सकी. परिवादिया ने इसकी जानकारी शुरुआत में ही कार को घर लेकर आए चालक को दे दी थी.

पढ़ें: मोटरसाइकिल रिपेयरिंग में लापरवाही, मैकेनिक पर एक लाख का हर्जाना - Substandard parts installation case

वहीं चालक की ओर से पुष्टि करने के बाद एक टेक्नीशियन भी भेजा गया था. जिसने भी माना कि ब्रेकिंग सिस्टम से आ रही आवाज को पूर्णतया सही नहीं किया जा सकता. ऐसे में कंपनी ने परिवादिया को दोषयुक्त कार बेची थी और इसके चलते ही वह उसका उपयोग व उपभोग नहीं कर सकी, जो गंभीर सेवा दोष व अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस है. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने कार निर्माता कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

जयपुर: राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग ने ग्राहक को खराब कार बेचने को गंभीर सेवा दोष मानते हुए निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज इंडिया व विक्रेता मैसर्स टी एंड टी मोटर्स पर 8.50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने आदेश दिया कि परिवादी की ओर से डाउन पेमेंट व अन्य खर्च के तौर पर दी गई राशि 19,05,980 रुपए पर 5 जुलाई, 2018 से अदायगी तक 9 फीसदी वार्षिक की दर से ब्याज भी दे. आयोग ने यह आदेश शैवाली पालीवाल के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा कहा गया कि परिवादिया की ओर से 24 नवंबर, 2017 को खरीदी गई मर्सिडीज बेंज कार का मूल्य 57,88,439 रुपए था. इसे खरीदने के लिए उसने डाउन पेमेंट किया और बाकी राशि किस्तों में देना तय किया था, लेकिन कार में ब्रेकिंग सिस्टम सहित अन्य खराबी थी जिसे सही नहीं किया जा सका. इसके चलते परिवादिया कार खरीदने से लेकर उसे कंपनी को वापस लौटाए जाने की तारीख 5 जुलाई, 2018 तक उसका उपयोग व उपभोग नहीं कर सकी. परिवादिया ने इसकी जानकारी शुरुआत में ही कार को घर लेकर आए चालक को दे दी थी.

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वहीं चालक की ओर से पुष्टि करने के बाद एक टेक्नीशियन भी भेजा गया था. जिसने भी माना कि ब्रेकिंग सिस्टम से आ रही आवाज को पूर्णतया सही नहीं किया जा सकता. ऐसे में कंपनी ने परिवादिया को दोषयुक्त कार बेची थी और इसके चलते ही वह उसका उपयोग व उपभोग नहीं कर सकी, जो गंभीर सेवा दोष व अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस है. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने कार निर्माता कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

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