श्रीगंगानगर. पंजाब से राजस्थान आ रहे जहरीले पानी और जिले में तेजी से फैल रहे मेडिकल नशे के खिलाफ आज 'जहर से मुक्ति आंदोलन' के तहत जिला बंद का आह्वान किया गया है. इस आंदोलन का नेतृत्व संगठन के संयोजक मनिंदर सिंह मान कर रहे हैं, और इसे कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें कांग्रेस भी शामिल है.
जहरीला पानी, 2 करोड़ लोग प्रभावित : मनिंदर सिंह मान ने बताया कि पंजाब की सतलुज नदी से बुड्ढा नाला के जरिए गंदा और केमिकल युक्त पानी राजस्थान के 15 जिलों में पहुंच रहा है. इससे करीब 2 करोड़ लोग प्रभावित हो रहे हैं. इस पानी के सेवन से कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियां फैल रही हैं. पंजाब की फैक्ट्रियों का वेस्टेज बुड्ढा नाला के माध्यम से सतलुज नदी में बह रहा है, जो राजस्थान में पानी की आपूर्ति में मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कई बार प्रदर्शन किए गए हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. मान ने चेतावनी दी है कि अगर दिसंबर तक सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो पंजाब में एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसमें बुड्ढा नाला को बंद करने का प्रयास किया जाएगा.
नशे का खतरा, युवा पीढ़ी पर असर : इस बंद के साथ-साथ श्रीगंगानगर में नशे के बढ़ते प्रचलन के खिलाफ भी विरोध जताया जा रहा है. प्रवक्ता रविंद्र तरखान ने बताया कि जिले में हेरोइन और चिट्टे जैसे नशे का सेवन युवा पीढ़ी के लिए गंभीर खतरा बन चुका है. पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हेरोइन की बड़ी खेप भारतीय सीमा में प्रवेश कर रही है. हालांकि पुलिस ने कई मामलों में कार्रवाई की है, लेकिन नशे का यह खतरा लगातार बढ़ रहा है, और जो मादक पदार्थ पकड़े नहीं जाते, वे युवाओं के बीच फैल रहे हैं.
बाजार और स्कूल बंद : आज के आंदोलन के समर्थन में व्यापारिक संगठनों ने भी हिस्सा लिया है, जिसके चलते जिले के बाजार पूरी तरह से बंद हैं. श्रीगंगानगर की धान मंडी में कृषि जिंसों की बोली भी नहीं लगाई गई. इसके अलावा, जिले के कई निजी स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गई है. आंदोलनकारी यह मांग कर रहे हैं कि सरकार जहरीले पानी और नशे के खतरे से निपटने के लिए शीघ्र कदम उठाए, ताकि आम जनता को इस खतरे से मुक्ति मिल सके.