नूंह: नूंह में पवित्र महीने रमजान को लेकर लोगों में उत्साह है. इस मौके पर नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा है कि रमजान में रोजेदारों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. इस पवित्र महीने में जिला के सभी रोजेदार भाई-बहनों को जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद और सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.
रोजे की शुरुआत: रमजान के महीने में मुस्लिम धर्म को मानने वाले 30 दिन तक निर्जला व्रत रखते हैं, जिसे रोजा कहा जाता है. सुबह पहले लोग सेहरी करते हैं और सारा दिन रोजा रहने के बाद शाम के समय सूरज ढलने से पहले खजूर खाकर रोजा खोलते हैं, जिसे इफ्तार कहा जाता है. इस महीने में बालिग बच्चे से लेकर जवान, औरत, बुजुर्ग सभी रोजा रखते हैं और नमाज पढ़ते हैं.
बाजार में रौनक: रमजान के मौके पर बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. शाम के समय बाजार और गुलजार नजर आ रहा है. ताजे फल ,सब्जी की दुकानों पर लोग खरीदारी करते हुए नजर आ रहे हैं. लोगों के अनुसार रमजान के पवित्र महीने में ज्यादातर खर्च किया जाता है और ताजे फ्रूट और सब्जियों का लोग इफ्तारी के वक्त इस्तेमाल करते हैं. दुकानदारों ने बताया कि रमजान के महीने में फल और सब्जियों की बिक्री अधिक होती है.
प्रशासन का सहयोग: नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने नूंह वासियों को पावन पर्व रमजान की बधाई देते हुए कहा कि "त्योहार हमारे जीवन में अपार खुशियां लाते हैं और रमजान के महीने में सभी को आत्म-संयम और प्रेम का महत्व समझने का अद्वितीय अवसर मिलता है. त्योहार हमें भाईचारे से रहने और मिलकर एक साथ खुशियां मनाने की सीख देते हैं". उन्होंने कहा कि इस पवित्र महीने में जिला के सभी रोजेदार भाई- बहनों को जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद और सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. नूंह जिला मुस्लिम बाहुल्य जिला है. जिले में करीब 80 फीसदी मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं. इसलिए रमजान का पवित्र माह यहां खास होता है.