डूंगरपुर: राष्ट्र संत पुलक सागर महाराज ने डूंगरपुर प्रवास पर कहा कि कई नेता उनके पास आते हैं, लेकिन वे कुछ सीखना नहीं चाहते. उन्हें तो वोट बैंक देखना है. नेता कुछ अच्छे भी होते हैं. ये कह सकते हैं कि अब नेता दुष्ट और भ्रष्ट नहीं होते हैं. कुछ अच्छे नेता होते हैं, जिनकी वजह से देश चलता है. उन्होंने कहा कि जिसने अयोध्या में राम मंदिर बनवाया, उसके साथ भी विश्वासघात हुआ.
शहर की न्यू कॉलोनी में पत्रकार वार्ता में राष्ट्र संत पुलक सागर महाराज ने कहा कि राजनीति की वजह से कभी-कभी दुख भी होता है. जब कोई पूरे देश को उत्थान की तरफ ले जाता है और हमारे ही लोग उसे नीचे गिराने लगते हैं. जो अयोध्या में हुआ. अयोध्या में भगवान प्रभु श्रीराम का मंदिर बनाकर पूरी दुनिया के मानस पटल लाकर खड़ा कर दिया. लेकिन आखिर में उसके साथ विश्वासघात ही हुआ. फिर कैसे कोई विकास होगा. तकलीफ दूसरों से नहीं अपनों से ही है.
उन्होंने कहा कि नेताओं में ऐसा नहीं कि सबको मार्गदर्शन की जरूरत हो. अच्छे नेता भी हैं. जातिवाद और पार्टी से कुछ लेना देना नहीं है. अब्दुल कलाम जैसे नेता भी इस देश में हुए हैं. इसमें मजहब नहीं देखा जाता है. प्रधानमंत्री मोदी को लेकर राष्ट्र संत ने कहा कि मोदी जैसे नेता होते हैं, वहां मजहब और जातियां नहीं देखी जाती. उससे ही देश चलता है. इसलिए नेता जो उनके पास आते हैं, वे उनके पास आकर सुधारना चाहते हैं या सुधर जाएंगे ऐसा नहीं है.
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महाराज ने कहा कि हमें हमारे अतीत में झांकने की जरूरत है. जो व्यक्ति अतीत से सीख नहीं लेता है. उसके वर्तमान और भविष्य दोनों बिगड़ जाते हैं. अतीत में बहुत सी ऐसी चीजें हो गई, जिसका खामियाजा आज देश और समाज भुगत रहा है. इससे सबक लेकर प्रत्येक मानव को एक सूत्र में बंधकर भाईचारे की भावना से रहना होगा. तब ये देश सशक्त मजबूत होगा. आज भौतिकता में सब कुछ हो गया है. लेकिन मूल कारण आध्यात्मिक, चरित्र का तेजी से क्षरण होना है. हालांकि समय बदलेगा और विचार भी बदलेंगे.