भोपाल। करीब एक माह से अटकलें चल रही हैं कि कमलनाथ अपने बेटे के साथ बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं. लेकिन बीते 2 दिन से इन अटकलों को और बल मिला है कि कमलनाथ एक-दो दिन बीजेपी ज्वाइन करेगे. शनिवार को पूरे मध्यप्रदेश के सियासी हलकों में कमलनाथ को लेकर चर्चा और तेज हो गई. शनिवार सुबह छिंदवाड़ा से कमलनाथ अपने बेटे के साथ हेलीकॉप्टर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए. ऐसी चर्चा है कि बीजेपी के अधिवेशन में कमलनाथ शामिल होकर बीजेपी का दामन थामेंगे.
सज्जन वर्मा ने एक्स एकाउंट का बैनर चेंज किया
कमलनाथ के बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलों के बीच पूर्व मंत्री व कमलनाथ के समर्थक सज्जन वर्मा ने अपना एक्स एकाउंट पर बैनर चेंज कर लिया. इससे माना जा रहा है कि सज्जन वर्मा भी कमलनाथ के साथ बीजेपी ज्वाइन करेंगे. बात केवल यहीं नहीं रुक रही. ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ के साथ कम से 10 कांग्रेस विधायक बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इसके अलावा दो महापौर भी बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं. मध्यप्रदेश में कमलनाथ समर्थक विधायकों की संख्या 20 से ज्यादा है. माना जा रहा है कि ये सभी विधायक देर सबेर कमलनाथ का अनुसरण करेंगे. तीन दिन पहले सज्जन वर्मा की सुमित्रा महाजन के साथ भोज कार्यक्रम से इस बात की पुष्टि हो रही है कि उनकी बीजेपी से नजदीकियां बढ़ी हैं.
कांग्रेस नेतृत्व ने कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेता का मान नहीं रखा
कमलनाथ के खासमखास व पूर्व मंत्री वर्मा का कहना है "जहां मान सम्मान और स्वाभिमान नहीं होगा वहां किसी का भी रहना मुश्किल है. इतने वरिष्ठ राजनेता की बात को अनसुना कर दिया जाए, तभी वह अलग दिशा में जाने के कदम बढ़ाता है. कमलनाथ से उनके पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंध हैं. उनके ट्विटर हैंडल में बदलाव हुआ है तो मेरा भी नैतिक फर्ज है उसको फॉलो करना और अपने 40 वर्षों के कमलनाथ के साथ के चलते अपने प्रोफाइल से कांग्रेस का निशान हटाया है.कमलनाथ जी के भाजपा में जाने की बातें सिर्फ अटकलें हैं. इस फैसले पर कोई निर्णय नहीं हुआ है."
कमलनाथ की यह भी है नाराजगी की वजह
दरअसल, मध्य प्रदेश में चुनावी हार के बाद कांग्रेस आलाकमान और खासकर राहुल गांधी ने जिस तरीके से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदला. उस मामले में भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भरोसे में नहीं लिया गया. उनके पद पर रहते ही जीतू पटवारी की ताजपोशी हो गई. कहीं ना कहीं कमलनाथ इस बात से नाराज बताए जाते हैं. इसके अलावा इंडिया गठबंधन में भी लगातार वरिष्ठ सदस्यों और राजनीतिक दलों के कांग्रेस का साथ छोड़ने से भी कांग्रेस में अंतरकलह की स्थिति बनी है . इसके अलावा इंडिया गठबंधन से जुड़े राजनीतिक दलों के कांग्रेस से दूरी बनाने के मामले में भी कमलनाथ ने अपने स्तर पर पार्टी आलाकमान से स्थिति को संभालने की चर्चा की थी. माना जा रहा है कि उस पर भी पार्टी ने कोई ध्यान नहीं दिया.
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दिग्विजय को छोड़कर सभी कांग्रेसी नेता खामोश
कमलनाथ को लेकर चल रही अटकलों के बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. जबलपुर में दिग्विजय सिंह ने प्रेस वार्ता में पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि कमलनाथ कभी भी बीजेपी ज्वाइन नहीं कर सकते हैं. दिग्विजय सिंह के अलावा अन्य कांग्रेसी नेता इस मामले में मुंह नहीं खोलना चाहते. हालांकि कई कांग्रेसी नेता अनौपचारिक बातचीत में स्वीकार करते हैं कि कमलनाथ का मन कांग्रेस से भर चुका है, वह बीजेपी में जाएंगे. कमलनाथ के कई और नेता भी बीजेपी ज्वाइन करेंगे. अगर ऐसा होता है तो ये कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव से पहले बहुत बड़ा झटका साबित होगा.