बीकानेर. आभूषण यानी की ज्वेलरी हर औरत को पसंद है तो वहीं पुरुषों के लिए भी यह संपन्नता का प्रतीक है. वैसे तो सोने और चांदी के आभूषण बनते आए हैं, लेकिन बीकानेर में हजार साल से जड़ाऊ यानी की कुंदन ज्वेलरी का काम होता है. पूरी दुनिया में सिर्फ बीकानेर ही एक ऐसा शहर है जहां कुंदन ज्वेलरी का निर्माण होता है और देश और दुनिया में यहां तैयार होने वाली ज्वेलरी लोगों को पसंद भी आती है. बावजूद इसके संगठित उद्योग के रूप में आज तक बीकानेर इस ज्वेलरी को बीकानेर के नाम से पहचान नहीं मिली.
मौसम की अनुकूलता सबसे बड़ा कारण : दरअसल सोने के साथ कुंदन और जड़ाऊ का काम बीकानेर में होने का एक बड़ा कारण यहां मौसम की अनुकूलता है. ज्वेलरी कारोबारी जगमोहन सोनी कहते हैं कि यहां के मौसम में यह ज्वेलरी तैयार होती है. कुंदन और सोने के मिश्रण से तैयार होने वाली इस ज्वेलरी के लिए तेज गर्मी जरूरी है. वह कहते हैं कि यह बात सही है की देश-दुनिया में अलग-अलग जगहों पर बीकानेर में तैयार होने वाली ज्वेलरी मिलती है, लेकिन सब लोग इसे अपने ही नाम से भेजते हैं जबकि वह बीकानेर में ही तैयार होती है. कारोबारी जगमोहन सोनी कहते हैं कि वह आठवीं पीढ़ी से हैं और उनके पूर्वज इसी काम को करते आए हैं. अब इस काम में वो भी पूरी तरह से रच बस गए हैं.
सब जगह उपलब्ध कुंदन ज्वेलरी : कारोबारी मनमोहन सोनी कहते हैं कि दरअसल बीकानेर में तैयार होने वाली यह ज्वेलरी देश के अलग-अलग महानगरों के बड़े-बड़े शोरूम में उपलब्ध हैं. वहां खरीदने आने वाले लोगों तक यह बात नहीं पहुंचती की यह ज्वलेरी बीकानेर में तैयार हुई है, जबकि वहां मिलने वाले ऑर्डर की आपूर्ति बीकानेर से ही होती है. हालांकि वे कहते हैं कि कई बार बीकानेर तक पहुंचने के लिए आवागमन की समस्या के चलते भी लोग अपने शहर में ही इस ज्वेलरी को खरीद लेते हैं.
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भगवान के श्रृंगार में भी यह ज्वलेरी : ज्वेलरी कारोबारी मनमोहन सोनी कहते हैं कि देश के नामचीन उद्योगपति, फिल्म अभिनेता और बड़ी सेलिब्रिटी बीकानेर की जड़ाऊ ज्वेलरी की मुरीद हैं. कई बार ऐसे मौके आए हैं जब बड़े सेलिब्रिटी केवल इस ज्वेलरी को खरीदने के लिए बीकानेर आते हैं लेकिन वह चुपचाप अपने काम के लिए आते हैं और चले जाते हैं. वह कहते हैं कि केवल सेलिब्रिटी नहीं बल्कि देश के कई बड़े मंदिरों में भगवान के श्रृंगार में कुंदन और जड़ाऊ ज्वेलरी से तैयार हुए आभूषण भी बीकानेर में ही तैयार हुए हैं.
5000 से ज्यादा व्यापारी, 15 हजार कारीगर : कुंदन ज्वेलरी कारोबार से जुड़े मनोज कुमार शर्मा कहते हैं कि बीकानेर में करीब 15000 से अधिक जड़ाऊ कारीगर है. वे कहते हैं कि बीकानेर में करीब 5000 से ज्यादा ज्वेलरी कारोबारी हैं. बीकानेर में तैयार होने वाली ज्वेलरी अपने आप में खास है और यह तैयार हुई ज्वेलरी को जो अनुकूलता मौसम के लिए चाहिए और वो सिर्फ बीकानेर में है. यह हाथ का हुनर हजारों सालों से यहां के कारीगरों के पास है जो आपको कहीं नहीं मिलेगा.
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एक हजार करोड़ का कारोबार : कारोबारी मनमोहन सोनी कहते हैं कि कुंदन जड़ाऊ ज्वेलरी एक हजार साल पुरानी है. इस ज्वेलरी को बनाने का काम आज भी बीकानेर में ही है. 24 कैरेट सोने पर जड़ाऊ का काम किया जाता है. यहां कुंदन जड़ाऊ ज्वेलरी में गले का हार, कानों के झुमके, ब्रेसलेट और बाजूबंद भी हैं. बीकानेर में सालभर में करीब एक हजार करोड़ का कारोबार होता है. सोनी ने बताया कि कुंदन जड़ाऊ ज्वेलरी में सोना, डायमंड पोल्की और मीनाकारी होती है.
कई फिल्म अभिनेत्रियां भी पहनती है बीकानेरी ज्वेलरी : दरअसल बीकानेर की ज्वेलरी कारोबार में कुंदन जड़ाऊ ज्वेलरी का बड़ा योगदान है और देश के नामचीन उद्योगपतियों से लेकर बड़े फिल्म अभिनेताओं की शादी में भी यह ज्वेलरी पहनी गई है. कारोबारी मनमोहन सोनी ने नाम बताने से इनकार करते हुए बताया कि उनके पास भी कई बड़े सेलिब्रिटी इसे खरीदने के लिए आते हैं. हालांकि पिछले सालों में फिल्म अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने अपनी शादी में बीकानेर की ज्वेलरी पहनी थी और इसकी चर्चा पूरे देश में हुई थी. वहीं बच्चन परिवार और अंबानी परिवार के सदस्यों को विवाह समारोह में कई बार बीकानेर ज्वेलरी पहने हुए देखा गया है.