देहरादून: कारगिल विजय दिवस पर उत्तराखंड सैनिक कल्याण विभाग की ओर से शौर्य दिवस का भव्य आयोजन किया गया. जिसमें कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई तो वहीं कारगिल युद्ध के दौरान सेवा मेडल पाने वाले तमाम जवानों को भी सम्मानित किया गया. इस मौके पर देहरादून गांधी पार्क में मौजूद शहीद स्मारक पर कारगिल के शहीदों की तमाम वीरांगना और उनके परिवारों को आमंत्रित किया गया था. वहीं, कारगिल युद्ध के दौरान अदम्य साहस का परिचय देने वाले जवानों को भी सम्मानित किया गया. साथ ही उन्हें सैन्य सम्मान से नवाजा गया.
कारगिल में दुश्मनों से लोहा लेने वाले देवेंद्र दत्त जोशी ने कही ये बात: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए पूर्व सैनिक और अर्धसैनिक संगठन के अध्यक्ष और कारगिल युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेने वाले देवेंद्र दत्त जोशी ने वीर रस की कविता के साथ अपनी बात शुरू की. उनकी बातों से साफ जिक्र होता है कि कारगिल युद्ध के दौरान वो किस जज्बे के साथ दुश्मनों से लोहा लिया होगा.
कारगिल युद्ध लड़ने वाले देवेंद्र जोशी बताते हैं कि कारगिल युद्ध के दौरान वो द्रास सेक्टर में तैनात थे. टाइगर हिल की तमाम ऊंचाई वाली पोस्टों पर दुश्मनों ने कब्जा कर लिया था, लेकिन जब भारतीय सेना को इस बारे में पता लगा तो वो दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए रणभूमि में उतर गए. कई दिनों तक चली लड़ाई में उन्होंने आखिरकार कारगिल में विजय हासिल की. कारगिल युद्ध लड़ने वाले देवेंद्र दत्त जोशी ने पाकिस्तान को भी चेतावनी दी.
शहीद जवान जय सिंह नेगी की मां हुईं भावुक: वहीं, कारगिल युद्ध के दौरान सेकंड नागा रेजीमेंट के शहीद जवान जय सिंह नेगी की माता ने बताया कि उनके बेटे को वीरगति को प्राप्त हुए 25 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी उनके बेटे की यादें ताजा हैं. उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध के बाद भले ही उनके शहीद बेटे की वजह से उन्हें कई बार सम्मानित किया गया हो, लेकिन उन्होंने अपना बेटा खोया है, वो एक ऐसी क्षति है, जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. साथ ही माताजी ने एक और संदेश भी आज की युवा पीढ़ी को दिया है कि वो अपनी जवानी को नशे और गलत कामों में ना लगाएं. बल्कि, वो अपने देश के लिए और अपने समाज के लिए काम करें. इसके अलावा उन्होंने अग्निपथ योजना को गलत माना.
रीना थापा के पिता दुश्मनों के बंकर पर किया था कब्जा: कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन के बंकर पर कब्जा करने वाले सूबेदार मेजर की बेटी रीना थापा ने बताया कि उनके पिता ने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी बहादुरी का परिचय दिया. उस वक्त जब दुश्मन भारत की सभी ऊंचाई वाले पोस्ट पर कब्जा करके बैठा था, तब उनके पिता ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन के बंकर को कैप्चर किया था. जिसके लिए उन्हें बाद में सेवा मेडल से नवाजा गया.
रीना थापा बताती हैं कि सेवानिवृत होने के बाद उनके पिता का साल 2017 में निधन हो गया था, लेकिन अभी भी उनके पिता की बहादुरी को याद किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके भाई भी सेवा में सेवारत हैं और इस तरह से वो एक सैनिक फैमिली से आती हैं. उनके घर पर वीरता और शौर्यता का पूरा माहौल है. उन्हें बहुत गर्व है कि उनके परिवार पूरी तरह से देश सेवा के लिए समर्पित है.
स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर हुए थे शहीद: स्वर्गीय शहीद स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर के भाई ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि आज कारगिल विजय को 25 साल हो गए हैं. हर साल वो कारगिल विजय दिवस के मौके पर अपने भाई को श्रद्धांजलि देने सैनिक स्मारक आते हैं. उन्होंने बताया कि उनके भाई को कारगिल युद्ध की शुरुआत में ही हेलीकॉप्टर यूनिट के चीफ बनाकर कारगिल सेक्टर में भेजा गया था.
उन्होंने अपनी वीरता के साथ अपने कार्य को अंजाम देते हुए जब दुश्मनों के खेमे में गोलाबारी कर वापस लौट रहे थे. तब स्टेनगन मिसाइल का निशाना बन गए. इस तरह से हेलीकॉप्टर में बैठे चारों लोग वीरगति को प्राप्त हो गए, जिसमें उनके भाई स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर भी शामिल थे.
शहीद सुभाष सिंह की पत्नी बोलीं- उनके पति की शहादत को लोग करते हैं याद: इसी तरह से कारगिल युद्ध में शहीद हुए सुभाष सिंह की पत्नी ने भी बताया कि भले ही आज 25 साल हो गए हों, लेकिन उनके पति की यादें जीवन भर उनके साथ रहेंगी. उन्होंने बताया कि हर साल उन्हें शौर्य दिवस के मौके पर बुलाया जाता है और सम्मानित किया जाता है. उन्हें भी इस बात की खुशी होती है कि उनके पति की शहादत को लोग आज भी याद कर रहे हैं.
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