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सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने खुद का करवाया अपहरण, मांगी 50 लाख की फिरौती - noida kidnapping case

software engineer kidnapped In Noida: नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खुद का फर्जी अपहरण करवाया. इस वारदात में एक आर्मी का जवान भी शामिल है. पुलिस ने इस मामले में हरियाणा से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

नोएडा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपहरण मामला
नोएडा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपहरण मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 17, 2024, 8:10 PM IST

नोएडा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपहरण मामला (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/नोएडा: खुद की कमाई से शौक पूरा न होने पर बहुराष्ट्रीय कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर तैनात युवक ने दोस्तों के साथ मिलकर अपने अपहरण की साजिश रची. एक्सप्रेसवे थाने की पुलिस ने मामले में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और आर्मी में तैनात जवान सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. घटना से जुड़े दो आरोपी अभी भी फरार हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की गई है.

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि शुभम गौड़ सेक्टर-134 स्थित जेपी कॉसमॉस सोसाइटी में फ्लैट लेकर रहता है. 10 सितंबर की रात करीब साढ़े नौ बजे शुभम बिना किसी को बताए सोसाइटी से बाहर चला गया. कई घंटे तक मोबाइल ऑफ रहने के कारण मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रह रहे शुभम को परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई. इसके बाद एक्सप्रेसवे थाने में युवक की गुमशुदगी दर्ज कराई गई.

गुमशुदगी दर्ज होने के दो दिन बाद शुभम के नंबर से ही उसके परिजनों के पास कॉल आई और बताया कि मेवात गिरोह के बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया है. शुभम को छोड़ने के एवज में 50 लाख रुपये मांगे गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, इंटेलिजेंस और मुखबीर को सक्रिय किया गया. बीच-बीच में गुमशुदा युवक के मोबाइल से एक अन्य व्यक्ति से भी बात हो रही थी. पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए हरियाणा पहुंची और कथित पीड़ित इंजीनियर शुभम गौड़ और उसके दो साथियों संदीप और अंकित कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.

संदीप और अंकित हरियाणा के सिलारपुर गांव के रहने वाले हैं. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि शुभम ने अपने परिजनों से मोटी रकम फिरौती के रूप में वसूलने की नीयत से ये पूरा खेल रचा था. शुभम के पिता का केबल नेटवर्क का कारोबार है. उनके चाचा के कई रेस्टोरेंट हैं और दादा रजिस्ट्रार के पद से रिटायर्ड हुए हैं. वह घर में इकलौता बेटा है.

सौदेबाजी करने पर परिजनों को हुआ शक: अपहरण की रकम पर बार-बार सौदेबाजी होने पर पुलिस को शक हुआ. 50 लाख की मांग कुछ ही घंटों में 15 हजार पर आकर टिक गई. पुलिस ने शुभम के मोबाइल को जब ट्रैक किया तो उसकी लोकेशन रेवाड़ी निकली थी. वहीं, तीनों को गिरफ्तार किया गया. शुभम को उम्मीद थी कि उसके परिजन अगवा होने की सूचना पर फिरौती के रूप में 50 लाख की रकम दे देंगे. इस रकम से वह मौज मस्ती करना चाह रहा था. शुभम ने शुरुआती दौर में पुलिस को बताया कि मेवाती गिरोह के लोगों ने गांजा चेक करने के बहाने उसे बंधक बनाया.

एक महीने पहले बनाया था प्लान: शुभम ने एक महीने पहले अपने मित्र के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई. इस काम में अंकित कुमार, संदीप और दीपक ने साथ दिया. योजना के तहत 10 सितंबर को अंकित ने कॉल करके शुभम को नंगली पेट्रोल पंप के पास बुलाया. यहां से एक किराए के ब्रेजा कार से सभी बैठकर दिल्ली होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी पहुंचे. वहां पहुंचकर शुभम गौड़ के मोबाइल से उसकी मां को फोन करके धमकी दी गई, फिर फिरौती रकम मांगी गई. साथ ही उसने जिन साथियों को चुना उनको भी पैसों की जरूरत थी.

कुपवाड़ा में थी अंकित की तैनाती: पुलिस की गिरफ्त में आया अंकित आर्मी में जवान है. उसकी तैनाती कुपवाड़ा में थी और कुछ समय पहले उसका ट्रांसफर अजमेर के लिए हो गया. रिलीविंग टाइम में ही उसने वारदात कर डाली. अंकित 2018 में आर्मी में भर्ती हुआ और नासिक और बंगाल में भी उसकी तैनाती रही है. शुरू में जब बदमाशों ने 50 लाख रुपये इंजीनियर के पिता से मांगे तो उन्होंने यह कहकर पैसे देने से मना कर दिया कि उनके पास इतने पैसे हैं ही नहीं. इसके बाद बदमाशों ने उनसे कहा कि हाइवे के किनारे वाली जमीन बेच कर रकम भेजो या अपने भाई से उधार लो. इतनी गोपनीय बातों की जानकारी बदमाशों तक पहुंचने की सोचकर इंजीनियर के पिता का माथा ठनका और उसे समझ में आ गया कि कोई करीबी घटना में शामिल हैं.

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नई दिल्ली/नोएडा: खुद की कमाई से शौक पूरा न होने पर बहुराष्ट्रीय कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर तैनात युवक ने दोस्तों के साथ मिलकर अपने अपहरण की साजिश रची. एक्सप्रेसवे थाने की पुलिस ने मामले में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और आर्मी में तैनात जवान सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. घटना से जुड़े दो आरोपी अभी भी फरार हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की गई है.

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि शुभम गौड़ सेक्टर-134 स्थित जेपी कॉसमॉस सोसाइटी में फ्लैट लेकर रहता है. 10 सितंबर की रात करीब साढ़े नौ बजे शुभम बिना किसी को बताए सोसाइटी से बाहर चला गया. कई घंटे तक मोबाइल ऑफ रहने के कारण मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रह रहे शुभम को परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई. इसके बाद एक्सप्रेसवे थाने में युवक की गुमशुदगी दर्ज कराई गई.

गुमशुदगी दर्ज होने के दो दिन बाद शुभम के नंबर से ही उसके परिजनों के पास कॉल आई और बताया कि मेवात गिरोह के बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया है. शुभम को छोड़ने के एवज में 50 लाख रुपये मांगे गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, इंटेलिजेंस और मुखबीर को सक्रिय किया गया. बीच-बीच में गुमशुदा युवक के मोबाइल से एक अन्य व्यक्ति से भी बात हो रही थी. पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए हरियाणा पहुंची और कथित पीड़ित इंजीनियर शुभम गौड़ और उसके दो साथियों संदीप और अंकित कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.

संदीप और अंकित हरियाणा के सिलारपुर गांव के रहने वाले हैं. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि शुभम ने अपने परिजनों से मोटी रकम फिरौती के रूप में वसूलने की नीयत से ये पूरा खेल रचा था. शुभम के पिता का केबल नेटवर्क का कारोबार है. उनके चाचा के कई रेस्टोरेंट हैं और दादा रजिस्ट्रार के पद से रिटायर्ड हुए हैं. वह घर में इकलौता बेटा है.

सौदेबाजी करने पर परिजनों को हुआ शक: अपहरण की रकम पर बार-बार सौदेबाजी होने पर पुलिस को शक हुआ. 50 लाख की मांग कुछ ही घंटों में 15 हजार पर आकर टिक गई. पुलिस ने शुभम के मोबाइल को जब ट्रैक किया तो उसकी लोकेशन रेवाड़ी निकली थी. वहीं, तीनों को गिरफ्तार किया गया. शुभम को उम्मीद थी कि उसके परिजन अगवा होने की सूचना पर फिरौती के रूप में 50 लाख की रकम दे देंगे. इस रकम से वह मौज मस्ती करना चाह रहा था. शुभम ने शुरुआती दौर में पुलिस को बताया कि मेवाती गिरोह के लोगों ने गांजा चेक करने के बहाने उसे बंधक बनाया.

एक महीने पहले बनाया था प्लान: शुभम ने एक महीने पहले अपने मित्र के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई. इस काम में अंकित कुमार, संदीप और दीपक ने साथ दिया. योजना के तहत 10 सितंबर को अंकित ने कॉल करके शुभम को नंगली पेट्रोल पंप के पास बुलाया. यहां से एक किराए के ब्रेजा कार से सभी बैठकर दिल्ली होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी पहुंचे. वहां पहुंचकर शुभम गौड़ के मोबाइल से उसकी मां को फोन करके धमकी दी गई, फिर फिरौती रकम मांगी गई. साथ ही उसने जिन साथियों को चुना उनको भी पैसों की जरूरत थी.

कुपवाड़ा में थी अंकित की तैनाती: पुलिस की गिरफ्त में आया अंकित आर्मी में जवान है. उसकी तैनाती कुपवाड़ा में थी और कुछ समय पहले उसका ट्रांसफर अजमेर के लिए हो गया. रिलीविंग टाइम में ही उसने वारदात कर डाली. अंकित 2018 में आर्मी में भर्ती हुआ और नासिक और बंगाल में भी उसकी तैनाती रही है. शुरू में जब बदमाशों ने 50 लाख रुपये इंजीनियर के पिता से मांगे तो उन्होंने यह कहकर पैसे देने से मना कर दिया कि उनके पास इतने पैसे हैं ही नहीं. इसके बाद बदमाशों ने उनसे कहा कि हाइवे के किनारे वाली जमीन बेच कर रकम भेजो या अपने भाई से उधार लो. इतनी गोपनीय बातों की जानकारी बदमाशों तक पहुंचने की सोचकर इंजीनियर के पिता का माथा ठनका और उसे समझ में आ गया कि कोई करीबी घटना में शामिल हैं.

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