देहरादून: उत्तराखंड में आज तड़के 31 जनवरी को अचानक मौसम का मिजाज बदला और चारधाम समेत प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई. कुछ इलाके तो ऐसे है, जहां सीजन की पहली बर्फबारी हुई. बर्फबारी के बाद न सिर्फ पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिले, बल्कि किसानों और बागवानों की खुशी भी देखने लायक थी. क्योंकि बारिश और बर्फबारी नहीं होने कारण किसानों की फसल भी बर्बाद हो रही थी.
दरअसल, इस साल जनवरी में बारिश और बर्फबारी न के बराबर हुई है, जिससे पर्यटक भी उत्तराखंड का कम ही रूख कर रहे थे. वहीं, किसानों और बागवानों की चिंता भी बढ़ती जा रही थी. क्योंकि बारिश और बर्फबारी नहीं होने के कारण फसल भी बर्बाद हो रही थी. हालांकि बुधवार 31 जनवरी को तड़के जैसे ही उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश हुई लोगों ने राहत की सांस ली.
बर्फबारी और बारिश के बाद तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है. बर्फबारी के बाद उत्तराखंड के चारोंधाम चांदी की तरह चमक गए है. बर्फबारी के बाद उत्तरकाशी जिले की हर्षिल घाटी और देहरादून के चकराता में पर्यटकों ने आना शुरू कर दिया है. चमोली और औली में भी कहीं-कहीं पर हल्की बर्फबारी देखने को मिली है.
वहीं, मौसम विभाग की माने तो आगामी दो दिन यानी एक और दो फरवरी को उत्तराखंड के कई हिल स्टेशन पर बर्फबारी और बारिश को दौर जारी रहेगा. वहीं बर्फबारी के बाद जहां होटल कारोबारियों के चेहरे खिले तो वहीं उनकी चिंता भी बढ़ी हुई है. नैनीताल के होटल व्यवसायी कमल जगाती कहते है कि कारोबारियों को इसी हफ्ते हुई बर्फबारी की फायदा मिलेगा. यदि 10 फरवरी के बाद बर्फबारी होती है तो इसका कोई खास फायदा पर्यटन कारोबारियों को नहीं होगा. क्योंकि बच्चों के पेपर के कारण बहुत कम लोग फरवरी और मार्च में घूमना पसंद करते हैं.
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जगाती का कहना है कि उत्तर भारत में इस दौरान अमूमन सभी स्कूलों में एग्जाम चलते हैं, लेकिन पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश होने से पहाड़ के लोगों को इसका फायदा मिलेगा और जिस तरह से ठंड और हवा चल रही है वह यह बता रही है कि नैनीताल में भी जल्द बर्फबारी हो सकती है.
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में हुई बर्फबारी: उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में जमकर बर्फबारी हुई है. धामों के साथ मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखबा गांव और मां यमुना के खरशाली गांव में भी बर्फबारी हुई. उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में बुधवार को अधिकतम तापमान 15 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं बड़कोट तहसील क्षेत्र में रूक-रूककर रिमझिम बारिश हो रही है. उधर, मोरी क्षेत्र के ऊंचाई वाले केदारकांठा, सांकरी, जखोल, हरकीदून से लगी ऊंची पहाड़ियां बर्फ से ढक गई हैं. गंगोत्री धाम के पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि बर्फबारी से गंगोत्री धाम में ठंड बढ़ गई है.
मसूरी में बर्फबारी की उम्मीद: बुधवार को पहाड़ों की रानी मसूरी में हल्की बारिश हुई. हालांकि मौसम के मिजाज को देखते हुए लग रहा है कि मसूरी में रात तक हल्की बर्फबारी हो सकती है. बीते दो महीने से मसूरी में न तो बारिश हुई और नहीं बर्फबारी.
केदार घाटी में सुबह से बर्फबारी जारी: रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम में भी सुबह से ही बर्फबारी हो रही है. केदार घाटी में बारिश और बर्फबारी नहीं होने से काश्तकार भी मायूस थे. बुधवार को हुई बारिश और बर्फबारी के बाद किसानों के चेहरे खिल गए.
औली में शाम को हुई बर्फबारी: विंटर डेस्टिनेशन औली में इस बार सूखा पड़ा हुआ था. शाम को 6 बजे औली में बर्फबारी हुई. साथ ही जोशीमठ क्षेत्र के आसपास की ऊंची पहाड़ियों स्लीपिंग ब्यूटी, चिनाप वैली, बदरीनाथ, हनुमान चट्टी, एरा टॉप, पांगरचूली कुंवारी पास क्षेत्र गोरसों बुग्याल में भी हिमपात जारी है.