सिरमौर: मानसून का सीजन चल रहा है. बरसात ने एक बार फिर 6 छोटे-छोटे बच्चों सहित 8 सदस्यों के परिवार की नींद उड़ाई हुई है. बीपीएल से ताल्लुक रखने वाला यह परिवार खस्ताहाल हो चुके जर्जर मकान में जीने को विवश है. बरसात से बचने के लिए तिरपाल डालता है, तो भी तेज हवाओं में अक्सर वो उड़ जाती है. ऐसे में कभी भी गरीब परिवार पर यह मकान मौत के पहाड़ के रूप में गिर सकता है. ये हालात सिरमौर जिले के तहत आने वाली ग्राम पंचायत शिलाई के रहने वाले दीपा राम की है.
खतरे के साए में 8 जिंदगियां
दरअसल दीपा राम के मकान की हालत ऐसी है कि मकान की कच्ची छत, उसके नीचे सड़ चुकी लकड़ियों के बीच से अंदर आती सूरज की किरणें, बरसात के मौसम में टपकता पानी और खस्ताहाल कच्ची दीवारों वाला जर्जर मकान इन 8 अनमोल जिंदगियों के लिए पूरी तरह से जोखिमपूर्ण बना हुआ है. बावजूद इसके ये परिवार इन दिनों भारी बरसात के मौसम में डर के साये में जीने को मजबूर हो रहा है, लेकिन इस घर का मुखिया करें भी तो क्या करें. सरकार-प्रशासन सुन नहीं रहे और ऊपर से गरीबी ऐसी कि खुद मरम्मत करवाने की स्थिति में नहीं है.
अन्य सुविधाओं से भी वंचित है परिवार
वहीं, मकान व परिवार की हालत भी ऐसी कि नजारा देख आंखों में आंसू आ जाएं. दो दिन पूर्व भी घर की छत पर डाली तिरपाल उड़ गई थी. दिहाड़ी मजदूरी कर बीपीएल से ताल्लुक रखने वाला दीपा राम अपनी पत्नी व 5 बेटियों और 1 बेटे संग बरसात के इस मौसम में बहुत मुश्किलों में अपने दिन गुजार रहा है. मकान के अलावा अन्य सुविधाओं से भी यह परिवार वंचित है. लिहाजा एक बार फिर उसने स्थानीय प्रशासन के माध्यम से परिवार की स्थिति को देखते हुए जल्द उचित कदम उठाने की मांग की है. इसको लेकर दीपा राम ने कफोटा के एसडीएम से भी लिखित में गुहार लगाई है.
दीपा राम ने बयां की दास्तां
दीपा राम ने बताया कि दिहाड़ी मजदूरी का काम कर वह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है. उसके 6 बच्चे हैं. उन्हें मकान की बहुत ज्यादा समस्या आ रही है. बरसात में रात के समय बच्चों को नींद से उठाना पड़ता है. तेज हवाओं के साथ छत की तिरपाल आदि भी उड़ जाती है. अधिक बरसात के समय बच्चों को दूसरों के घरों में छोड़ना पड़ता है. खुद जाग कर रातें काटनी पड़ती है. तिरपाल डालने के बावजूद छत टपकती है. शेष मकान भी पूरी तरह से खस्ताहाल है.
प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
दीपा राम ने बताया कि दो दिन पूर्व भी घर की छत से तिरपाल उड़ गई थी. गत वर्ष भी यही हाल हुआ. कभी भी मकान के गिरने का भी डर बना रहता है. बीपीएल में होने के बावजूद भी गरीबों को मिलने वाली सुविधाएं उन्हें नहीं मिल पा रही है. पंचायत से भी वह कई बार मामला उठा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने सरकार व प्रशासन से परिवार की समस्या को देखते हुए उचित कार्रवाई की गुहार लगाई है, ताकि वह अपने परिवार सहित सुरक्षित जीवन यापन कर सकें.
महिलाओं को धुएं से मुक्ति के दावे भी खोखले
दीपा राम की पत्नी ने बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. गैस सिलेंडर भी नहीं मिला है. ऐसे में वह चूल्हे पर ही खाना बनाती है. मकान की हालत भी दयनीय बनी हुई है. यदि सरकार उनकी समस्याओं की सुनवाई करें, तो वे बहुत आभारी रहेंगे.
क्या कहते है एसडीएम और पंचायत प्रधान?
वहीं, इस मामले में फोन पर संपर्क करने पर कफोटा के एसडीएम राजेश वर्मा ने बताया कि संबंधित व्यक्ति की मकान को लेकर शिकायत मिली है. उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, ताकि बीपीएल परिवार को सुविधाएं मिल सकें. वहीं, शिलाई पंचायत की प्रधान विमला देवी ने बताया कि बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाले दीपा राम के मकान के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना सहित वेलफेयर कार्यालय में भी आवेदन पत्र दिए गए हैं. जैसे ही स्वीकृति मिलती है, मकान के लिए संबंधित विभाग द्वारा राशि जारी की जाएगी. अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए भी पंचायत प्रयासरत है.
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