देहरादून: उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगों को अब NOC के मामले में बड़ी राहत दी है. प्रदेश में बोर्ड के माध्यम से दिए जाने वाले नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट को सिंगल विंडो सिस्टम की तरह ही समयबद्ध किया गया है. शायद इसी का नतीजा है कि इस बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से आवेदन करने वाले तमाम उद्योगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को रिकॉर्ड NOC जारी की गई हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले दो महीने के भीतर 700 से ज्यादा प्रतिष्ठानों को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी किए गए जो कि अब तक का सबसे बेहतर रिकॉर्ड है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी की रिकॉर्ड एनओसी: दरअसल प्रदेश में किसी भी उद्योग या प्रतिष्ठान को स्थापित करने के लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की NOC अनिवार्य है. लेकिन इस दौरान राज्य में तमाम उद्योगों से जुड़े लोगों को एनओसी पाने के लिए खासा वक्त लग जाता था. इससे ऐसे प्रतिष्ठानों से जुड़े लोगों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता था. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए अब राज्य में इस प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध किया गया है. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते के अनुसार अधिकारियों को सीधे तौर पर यह निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी उद्योग या प्रतिष्ठान को जारी होने वाली NOC में बेवजह देरी न की जाए. समय से ऐसे उद्योगों को औपचारिकता पूरी होने पर अनुमति दे दी जाए.
उद्योगों और नए स्टार्ट अप को मिलेगा फायदा: उत्तराखंड में हाल ही में हुए इन्वेस्टर समिट के दौरान बड़ी संख्या में उद्योगपतियों ने राज्य के साथ अनुबंध किए हैं. प्रदेश में तमाम उद्योगों को भी स्थापित करने के लिए औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का भी अहम रोल है, क्योंकि उद्योगों को स्थापित करने के दौरान बोर्ड से अनुमति लेना अनिवार्य होता है. लिहाजा नए स्टार्टअप हों या तमाम दूसरे उद्योग, सभी को बोर्ड में सिंगल विंडो सिस्टम की दरकार रहती है. अब जब NOC को लेकर आंकड़े बेहतर स्थितियां होने की गवाही दे रहे हैं, तब इसका लाभ तमाम उद्योगों और नए स्टार्टअप को भी मिलने जा रहा है.
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