सीधी: नवरात्रि के पहले ही दिन तुर्रा धाम मंदिर में चोरी और तोड़फोड़ की घटना सामने आई है. धाम में स्थित मां जगदंबा की मूर्ती को अज्ञात चोर चुरा ले गए. मंदिर जंगल के बीचोबीच स्थित है और यह वन विभाग के दायरे में आता है. घटना की जानकारी वन विभाग को दे दी गई है. आदिवासी अंचल कुसमी के इकलौते आस्था का केन्द्र माने जाने वाले मंदिर में चोरी की वजह से स्थानीय लोगों में आक्रोश है.
कीमती पत्थरों से बनी प्राचीन मंदिर चोरी
सीधी जिला मुख्यालय से करीब 130 किलोमीटर दूर तुर्रा धाम स्थित है. मां भगवती और भोलेनाथ का यह धाम जंगल के बीचों बीच स्तिथ है. तुर्रा धाम में मां भगवती का एक प्राचीन मंदिर भी है जो लगभग 1 हजार साल पुराना बताया जाता है. इस मंदिर की कलाकृति बेहद शानदार थी. जिसे प्राचीन पत्थरों से बनाया गया था. अब इस मंदिर को ही चोरों ने चोरी कर लिया. हालांकि मंदिर का कुछ हिस्सा अभी बचा हुआ है. नवरात्रि के पहले ही दिन ऐसी घटना सामने आने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है.
जेसीबी से खोदकर मंदिर चोरी
स्थानीय व्यक्ति दयाराम प्रजापति ने जानकारी ने बताया कि, "आज से 3 दिन पहले में वहां गया था, तब तक मंदिर मौजूद था, लेकिन आज सुबह जब मैं मां का दर्शन करने पहुंचा तो मंदिर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. मंदिर की जगह पर जेसीबी से गड्ढा खोदा गया था. वहां से मूर्ति गायब है आर मंदिर का कुछ अवशेष ही बचा है."
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जंगल के बीचो-बीच था मंदिर
मामले को लेकर कुसमी थाना प्रभारी भूपेश बैस ने जानकारी देते हुए बताया कि "शायद यह मामला पुराना है, पर अभी तक किसी ने देखा नहीं. मामले की जानकारी आज लगी है. पता चला है कि मंदिर और मूर्ती गायब है. यह मंदिर जंगल के बीचो-बीच है जिसकी वजह से लोगों को पता नहीं चला. यह जगह वन विभाग के अधीन आती है, इसलिए वन विभाग की टीम को घटना की सूचना दे दी गई है. मामले की जांच की जा रही है."