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Rajasthan: एसआई भर्ती पेपर लीक : राईका ने बेटे-बेटी के लिए कटारा से एक माह पहले ले लिया था पेपर

एसओजी की चार्जशीट में खुलासा. बेटे के इंटरव्यू से पहले आरपीएससी अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय से भी मिला था राईका.

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एसआई भर्ती पेपर लीक केस (Etv Bharat JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 6, 2024, 2:10 PM IST

जयपुर : राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक के पद पर भर्ती के लिए सितंबर 2021 में हुई परीक्षा का पेपर एक महीने पहले ही बाहर आ गया था. पेपर सेट करवाने की जिम्मेदारी राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) के तत्कालीन सदस्य बाबूलाल कटारा को दी गई थी. अपने बेटे देवेश राईका और बेटी शोभा राईका के लिए आरपीएससी के दूसरे तत्कालीन सदस्य रामूराम राईका ने बाबूलाल कटारा से पेपर परीक्षा से करीब एक महीने पहले ही ले लिया था. इसके साथ ही बेटे देवेश के इंटरव्यू से पहले रामूराम राईका आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय से भी मिला था. बाद में संजय श्रोत्रिय के बोर्ड में ही देवेश राईका का इंटरव्यू हुआ था, जिसमें उसे 28 अंक मिले थे. एसओजी की ओर से कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में यह चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. चार्जशीट में यह भी लिखा है कि रामूराम राईका ने दिखावे के लिए अपने आप को उप निरीक्षक भर्ती से दूर रखा लेकिन संवैधानिक पद पर रहते हुए अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा के लिए अनुचित तरीके से पेपर प्राप्त किया.

कटारा के पास था पेपर तैयार करवाने का जिम्मा : एसआई भर्ती पेपर लीक मामले की जांच कर रहे एएसपी महावीर सिंह ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में बताया कि इस परीक्षा के पेपर सेट तैयार का काम बाबूलाल कटारा को सौंपा गया था. बाबूलाल कटारा ने विषय विशेषज्ञों से पेपर तैयार करवाकर अपने कार्यालय के रेस्ट रूम में अलमारी में रख लिए थे. रामूराम राईका ने परीक्षा से पहले बाबूलाल कटारा को अपने बेटे देवेश की मदद करने को कहा था.

इसे भी पढ़ें - एसआई भर्ती पेपर लीक: एसओजी ने 20 आरोपियों के खिलाफ पेश की चार्जशीट, 50000 पेज 8 बंडल में लेकर पहुंची टीम

छपने से पहले ही बाहर आ गए तीनों दिन के पेपर : चार्जशीट में बताया है कि रामूराम राईका ने अगस्त, 2021 के दूसरे सप्ताह में बाबूलाल कटारा के कार्यालय में रखे पेपर सेट और मॉडल की (key) की फोटो अपने मोबाइल में बाबूलाल कटारा की सहमति से ली थी. इसके बाद अपने बेटे देवेश और शोभा राईका को रजिस्टर में लिखवाकर तैयारी करवाई थी. इस तरह परीक्षा के तीनों दिन के पेपर प्रिंटिंग प्रेस में छपने जाने से पहले ही बाहर आ गए थे. इनके विस्तृत सर्कुलेशन से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

अध्यक्ष से सरकारी आवास पर मिला राईका : एसओजी ने अपनी चार्जशीट में यह भी बताया कि देवेश के इंटरव्यू से पहले तीन दिन की छुट्टी थी. इस दौरान रामूराम राईका, आरपीएससी चेयरमैन संजय क्षोत्रिय से उनके सरकारी आवास पर मिला. उसके बाद रामूराम राईका आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा और संगीत आर्य से मिला व जसवंत राठी से फोन पर बात की. बाद में संजय क्षोत्रीय ने देवेश को अपने बोर्ड में ले लिया तथा इंटरव्यू में देवेश को 28 नंबर दिए.

इसे भी पढ़ें - एसआई भर्ती पेपर लीक में 'हरियाणा गैंग' की एंट्री, 20 से 40 लाख में बेचा पेपर

कटारा-राईका दोनों को एसओजी ने किया गिरफ्तार : एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक 80 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इनमें 50 ट्रेनी एसआई भी शामिल हैं. पेपर लीक गिरोह से जुड़े बदमाशों के साथ ही आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका और बाबूलाल कटारा को भी एसओजी गिरफ्तार कर चुकी है. बाबूलाल कटारा को इससे पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह तभी से जेल में है.

जयपुर : राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक के पद पर भर्ती के लिए सितंबर 2021 में हुई परीक्षा का पेपर एक महीने पहले ही बाहर आ गया था. पेपर सेट करवाने की जिम्मेदारी राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) के तत्कालीन सदस्य बाबूलाल कटारा को दी गई थी. अपने बेटे देवेश राईका और बेटी शोभा राईका के लिए आरपीएससी के दूसरे तत्कालीन सदस्य रामूराम राईका ने बाबूलाल कटारा से पेपर परीक्षा से करीब एक महीने पहले ही ले लिया था. इसके साथ ही बेटे देवेश के इंटरव्यू से पहले रामूराम राईका आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय से भी मिला था. बाद में संजय श्रोत्रिय के बोर्ड में ही देवेश राईका का इंटरव्यू हुआ था, जिसमें उसे 28 अंक मिले थे. एसओजी की ओर से कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में यह चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. चार्जशीट में यह भी लिखा है कि रामूराम राईका ने दिखावे के लिए अपने आप को उप निरीक्षक भर्ती से दूर रखा लेकिन संवैधानिक पद पर रहते हुए अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा के लिए अनुचित तरीके से पेपर प्राप्त किया.

कटारा के पास था पेपर तैयार करवाने का जिम्मा : एसआई भर्ती पेपर लीक मामले की जांच कर रहे एएसपी महावीर सिंह ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में बताया कि इस परीक्षा के पेपर सेट तैयार का काम बाबूलाल कटारा को सौंपा गया था. बाबूलाल कटारा ने विषय विशेषज्ञों से पेपर तैयार करवाकर अपने कार्यालय के रेस्ट रूम में अलमारी में रख लिए थे. रामूराम राईका ने परीक्षा से पहले बाबूलाल कटारा को अपने बेटे देवेश की मदद करने को कहा था.

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छपने से पहले ही बाहर आ गए तीनों दिन के पेपर : चार्जशीट में बताया है कि रामूराम राईका ने अगस्त, 2021 के दूसरे सप्ताह में बाबूलाल कटारा के कार्यालय में रखे पेपर सेट और मॉडल की (key) की फोटो अपने मोबाइल में बाबूलाल कटारा की सहमति से ली थी. इसके बाद अपने बेटे देवेश और शोभा राईका को रजिस्टर में लिखवाकर तैयारी करवाई थी. इस तरह परीक्षा के तीनों दिन के पेपर प्रिंटिंग प्रेस में छपने जाने से पहले ही बाहर आ गए थे. इनके विस्तृत सर्कुलेशन से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

अध्यक्ष से सरकारी आवास पर मिला राईका : एसओजी ने अपनी चार्जशीट में यह भी बताया कि देवेश के इंटरव्यू से पहले तीन दिन की छुट्टी थी. इस दौरान रामूराम राईका, आरपीएससी चेयरमैन संजय क्षोत्रिय से उनके सरकारी आवास पर मिला. उसके बाद रामूराम राईका आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा और संगीत आर्य से मिला व जसवंत राठी से फोन पर बात की. बाद में संजय क्षोत्रीय ने देवेश को अपने बोर्ड में ले लिया तथा इंटरव्यू में देवेश को 28 नंबर दिए.

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कटारा-राईका दोनों को एसओजी ने किया गिरफ्तार : एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक 80 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इनमें 50 ट्रेनी एसआई भी शामिल हैं. पेपर लीक गिरोह से जुड़े बदमाशों के साथ ही आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका और बाबूलाल कटारा को भी एसओजी गिरफ्तार कर चुकी है. बाबूलाल कटारा को इससे पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह तभी से जेल में है.

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