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सवालों के घेरे में मंत्री भारद्वाज के सेक्रेटरी, नोट‍िस जारी कर मांगा सात द‍िनों के भीतर जवाब, जान‍िए पूरा मामला - Saurabh Bhardwaj OSD Appointment

Saurabh Bhardwaj OSD Appointment Issue: दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के ओएसडी को सर्विसेज डिपार्डमेंट की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

सौरभा भारद्वाज
सौरभा भारद्वाज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 26, 2024, 10:14 PM IST

Updated : Jun 26, 2024, 11:01 PM IST

नई दिल्‍ली: द‍िल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य एवं उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज का मंत्रालय एक बार फ‍िर सवालों के घेरे में आ गया है. इस बार उद्योग व‍िभाग के एक र‍िटायर्ड अफसर को न‍ियमों की अनदेखी कर ऑफ‍िसर ऑन स्‍पेशल ड्यूटी (ओएसडी) न‍ियुक्‍त करने का मामला सामने आया है. डीएसआईआईडीसी (दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) चेयरमैन के ओएसडी (इंडस्‍ट्री) और एग्‍जीक्‍यूट‍िव ऑफ‍िसर के पद से 28 फरवरी, 2023 को र‍िटायर हुए पीएन शर्मा की न‍ियुक्‍त‍ि, र‍िटायरमेंट के बाद भी बरकरार रखने पर मंत्री के सेक्रेटरी ओपी म‍िश्रा को कारण बताओ नोट‍िस जारी क‍िया गया है. द‍िल्‍ली सरकार के सर्व‍िसेज व‍िभाग ने सेक्रेटरी से इस पूरे मामले पर नोट‍िस जारी होने के 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा है.

सर्व‍िसेज व‍िभाग के ड‍िप्‍टी सेक्रेटरी की ओर से उद्योग मंत्री भारद्वाज के सच‍िव ओपी म‍िश्रा को कल मंगलवार (25 जून) को एक कारण बताओ नोट‍िस जारी क‍िया है. इसमें 24 फरवरी, 2023 के उस पत्र का भी ज‍िक्र क‍िया गया है जो ओपी म‍िश्रा की तरफ से पीएन शर्मा की र‍िटायरमेंट से महज 4 द‍िन पहले जारी क‍िया गया था. यह लेटर सेक्रेटरी म‍िश्रा की ओर से डीएसआईआईडीसी के मैनेज‍िंग डायरेक्‍टर को ल‍िखा गया था.

इसमें पीएन शर्मा की शैक्षिक और व्यावसायिक योग्यताओं के साथ-साथ केंद्र व दिल्ली सरकार के तमाम मंत्रालयों/विभागों में उनके व्यापक कार्य अनुभव का ज‍िक्र क‍िया गया था. इस आधार पर डीएसआईआईडीसी के एमडी को पीएन शर्मा के र‍िटायरमेंट के बाद उद्योग और स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली सरकार के कार्यालय में सेवाओं की जरूरत व्‍यक्‍त की गई. मंत्री के सेक्रेटरी के पत्र पर पीएन शर्मा को उद्योग मंत्री का ओएसडी नियुक्त कर द‍िया, जो को-टर्म‍िनस पदों की न‍ियुक्‍त‍ि संबंधी न‍ियमों का उल्‍लंघन बताया गया है.

कारण बताओ नोट‍िस में यह भी साफ क‍िया गया है क‍ि सरकार के निर्देशों के अनुसार, मंत्री के कार्यालय में कर्मचारियों को केवल उप-राज्‍यपाल की मंजूरी के साथ-साथ सामान्‍य प्रशासन‍िक व‍िभाग (जीएडी) की ओर से स्वीकृत संख्या से हटकर ही को-टर्मिनस आधार पर नियुक्त किया जा सकता है. जीएडी की ओर से 4 मई, 1995 को जारी ऑफ‍िस मेमोरंडम के अनुसार मुख्‍यमंत्री और मंत्रियों के कर्मचारियों के ल‍िए संख्या व पदनाम न‍िर्धार‍ित हैं.

आदेश में मंत्री के कार्यालय में ओएसडी की नियुक्ति के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है, बावजूद इसके इस पद की न‍ियुक्‍त‍ि को मंजूरी दी गई. यह क‍िसी स्‍थ‍ित‍ि में स‍िर्फ एलजी या फ‍िर जीएडी और सर्व‍िसेज व‍िभाग/सक्षम प्राध‍िकारी की अनुमत‍ि के बाद स्‍वीकृत होता है. जबक‍ि, इस मामले में ऐसा नहीं क‍िया गया. डीएसआईआईडीसी के प्रबंध न‍िदेशक के आदेश पर पीएन शर्मा को मंत्री का ओएसडी न‍ियुक्‍त कर द‍िया गया. मंत्री के कार्यालय में मंत्रियों के कैडर अधिकारियों/कर्मचारियों को न‍ियुक्‍त‍ि करने के लिए द‍िल्‍ली सरकार का सेवाएं विभाग सक्षम प्राधिकारी है.

सर्विसेज डिपार्टमेंट ने नोट‍िस में साफ क‍िया है क‍ि ओपी मिश्रा के जर‍िये मंत्री के कार्यालय में पीएन शर्मा की न‍ियुक्‍त‍ि देकर उनको मंत्री के कार्यालय में संवेदनशील और गोपनीय मामलों तक अनधिकृत पहुंच की अनुमति दी गई. व‍िभाग का मानना है क‍ि डीएसआईआईडीसी सार्वजनिक महत्व और इंट्रेस्‍ट से जुड़े तमाम मामलों को देखता है.

इनमें खासकर औद्योगिक बुनियादी सुविधाओं का प्रबंधन, दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य, साथ ही दिल्ली में शराब की दुकानों के संचालन और प्रबंधन के संवेदनशील मामले आद‍ि शाम‍िल हैं. ऐसे में ओपी मिश्रा यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य थे कि मंत्री के ओएसडी के रूप में एक व्यक्ति की नियुक्ति निर्धारित प्रक्रिया के मुताब‍िक और अधिक पारदर्शी और स्पष्ट तरीके से की जाए.

यह भी पढ़ें- 'पूरा सिस्टम इस कोशिश में है कि केजरीवाल जेल से बाहर ना आ जाए', CM की गिरफ्तारी पर बोलीं पत्नी सुनीता

दरअसल, सेवा विभाग की ओर से गत 5 जुलाई 2023 को पत्र के जर‍िये सूचित किया गया था क‍ि मंत्री के सचिव, मंत्री के कार्यालय के प्रभारी होने के नाते ओपी मिश्रा पीएन मिश्रा की सेवा समाप्त करें जो न‍ियमबद्ध नहीं थी. हालांकि, उन्होंने पीएन मिश्रा को मंत्री के कार्यालय में बने रहने की अनुमति बरकरार रखी, जो सभी अवैध नियुक्ति सलाहकारों/सलाहकारों/फेलोज आदि को हटाने के उपराज्यपाल के निर्देश का भी सीधा उल्लंघन है.

सर्वि‍सेज व‍िभाग के ड‍िप्‍टी सेक्रेटरी ने ओपी मिश्रा को इस कारण बताओ नोटिस जारी होने के 7 दिनों के भीतर मामले पर स्‍पष्‍टीकरण देने का निर्देश दिया है. अगर इस पर कोई जवाब नहीं द‍िया जाता है तो ऐसा माना जाएगा क‍ि उपर्युक्‍त मामले पर सेक्रेटरी ओपी म‍िश्रा के पास कहने के लिए कुछ नहीं है. इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें- महिलाओं को नहीं मिल पाया एक हजार रुपए महीना, जानें केजरीवाल के जेल जाने से कौन-कौन से काम रुके

नई दिल्‍ली: द‍िल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य एवं उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज का मंत्रालय एक बार फ‍िर सवालों के घेरे में आ गया है. इस बार उद्योग व‍िभाग के एक र‍िटायर्ड अफसर को न‍ियमों की अनदेखी कर ऑफ‍िसर ऑन स्‍पेशल ड्यूटी (ओएसडी) न‍ियुक्‍त करने का मामला सामने आया है. डीएसआईआईडीसी (दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) चेयरमैन के ओएसडी (इंडस्‍ट्री) और एग्‍जीक्‍यूट‍िव ऑफ‍िसर के पद से 28 फरवरी, 2023 को र‍िटायर हुए पीएन शर्मा की न‍ियुक्‍त‍ि, र‍िटायरमेंट के बाद भी बरकरार रखने पर मंत्री के सेक्रेटरी ओपी म‍िश्रा को कारण बताओ नोट‍िस जारी क‍िया गया है. द‍िल्‍ली सरकार के सर्व‍िसेज व‍िभाग ने सेक्रेटरी से इस पूरे मामले पर नोट‍िस जारी होने के 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा है.

सर्व‍िसेज व‍िभाग के ड‍िप्‍टी सेक्रेटरी की ओर से उद्योग मंत्री भारद्वाज के सच‍िव ओपी म‍िश्रा को कल मंगलवार (25 जून) को एक कारण बताओ नोट‍िस जारी क‍िया है. इसमें 24 फरवरी, 2023 के उस पत्र का भी ज‍िक्र क‍िया गया है जो ओपी म‍िश्रा की तरफ से पीएन शर्मा की र‍िटायरमेंट से महज 4 द‍िन पहले जारी क‍िया गया था. यह लेटर सेक्रेटरी म‍िश्रा की ओर से डीएसआईआईडीसी के मैनेज‍िंग डायरेक्‍टर को ल‍िखा गया था.

इसमें पीएन शर्मा की शैक्षिक और व्यावसायिक योग्यताओं के साथ-साथ केंद्र व दिल्ली सरकार के तमाम मंत्रालयों/विभागों में उनके व्यापक कार्य अनुभव का ज‍िक्र क‍िया गया था. इस आधार पर डीएसआईआईडीसी के एमडी को पीएन शर्मा के र‍िटायरमेंट के बाद उद्योग और स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली सरकार के कार्यालय में सेवाओं की जरूरत व्‍यक्‍त की गई. मंत्री के सेक्रेटरी के पत्र पर पीएन शर्मा को उद्योग मंत्री का ओएसडी नियुक्त कर द‍िया, जो को-टर्म‍िनस पदों की न‍ियुक्‍त‍ि संबंधी न‍ियमों का उल्‍लंघन बताया गया है.

कारण बताओ नोट‍िस में यह भी साफ क‍िया गया है क‍ि सरकार के निर्देशों के अनुसार, मंत्री के कार्यालय में कर्मचारियों को केवल उप-राज्‍यपाल की मंजूरी के साथ-साथ सामान्‍य प्रशासन‍िक व‍िभाग (जीएडी) की ओर से स्वीकृत संख्या से हटकर ही को-टर्मिनस आधार पर नियुक्त किया जा सकता है. जीएडी की ओर से 4 मई, 1995 को जारी ऑफ‍िस मेमोरंडम के अनुसार मुख्‍यमंत्री और मंत्रियों के कर्मचारियों के ल‍िए संख्या व पदनाम न‍िर्धार‍ित हैं.

आदेश में मंत्री के कार्यालय में ओएसडी की नियुक्ति के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है, बावजूद इसके इस पद की न‍ियुक्‍त‍ि को मंजूरी दी गई. यह क‍िसी स्‍थ‍ित‍ि में स‍िर्फ एलजी या फ‍िर जीएडी और सर्व‍िसेज व‍िभाग/सक्षम प्राध‍िकारी की अनुमत‍ि के बाद स्‍वीकृत होता है. जबक‍ि, इस मामले में ऐसा नहीं क‍िया गया. डीएसआईआईडीसी के प्रबंध न‍िदेशक के आदेश पर पीएन शर्मा को मंत्री का ओएसडी न‍ियुक्‍त कर द‍िया गया. मंत्री के कार्यालय में मंत्रियों के कैडर अधिकारियों/कर्मचारियों को न‍ियुक्‍त‍ि करने के लिए द‍िल्‍ली सरकार का सेवाएं विभाग सक्षम प्राधिकारी है.

सर्विसेज डिपार्टमेंट ने नोट‍िस में साफ क‍िया है क‍ि ओपी मिश्रा के जर‍िये मंत्री के कार्यालय में पीएन शर्मा की न‍ियुक्‍त‍ि देकर उनको मंत्री के कार्यालय में संवेदनशील और गोपनीय मामलों तक अनधिकृत पहुंच की अनुमति दी गई. व‍िभाग का मानना है क‍ि डीएसआईआईडीसी सार्वजनिक महत्व और इंट्रेस्‍ट से जुड़े तमाम मामलों को देखता है.

इनमें खासकर औद्योगिक बुनियादी सुविधाओं का प्रबंधन, दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य, साथ ही दिल्ली में शराब की दुकानों के संचालन और प्रबंधन के संवेदनशील मामले आद‍ि शाम‍िल हैं. ऐसे में ओपी मिश्रा यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य थे कि मंत्री के ओएसडी के रूप में एक व्यक्ति की नियुक्ति निर्धारित प्रक्रिया के मुताब‍िक और अधिक पारदर्शी और स्पष्ट तरीके से की जाए.

यह भी पढ़ें- 'पूरा सिस्टम इस कोशिश में है कि केजरीवाल जेल से बाहर ना आ जाए', CM की गिरफ्तारी पर बोलीं पत्नी सुनीता

दरअसल, सेवा विभाग की ओर से गत 5 जुलाई 2023 को पत्र के जर‍िये सूचित किया गया था क‍ि मंत्री के सचिव, मंत्री के कार्यालय के प्रभारी होने के नाते ओपी मिश्रा पीएन मिश्रा की सेवा समाप्त करें जो न‍ियमबद्ध नहीं थी. हालांकि, उन्होंने पीएन मिश्रा को मंत्री के कार्यालय में बने रहने की अनुमति बरकरार रखी, जो सभी अवैध नियुक्ति सलाहकारों/सलाहकारों/फेलोज आदि को हटाने के उपराज्यपाल के निर्देश का भी सीधा उल्लंघन है.

सर्वि‍सेज व‍िभाग के ड‍िप्‍टी सेक्रेटरी ने ओपी मिश्रा को इस कारण बताओ नोटिस जारी होने के 7 दिनों के भीतर मामले पर स्‍पष्‍टीकरण देने का निर्देश दिया है. अगर इस पर कोई जवाब नहीं द‍िया जाता है तो ऐसा माना जाएगा क‍ि उपर्युक्‍त मामले पर सेक्रेटरी ओपी म‍िश्रा के पास कहने के लिए कुछ नहीं है. इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Jun 26, 2024, 11:01 PM IST
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