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इस अस्पताल में डॉक्टर बन गए हैं भगवान, हर वक्त रहते हैं अंतर्ध्यान, मरीज पर्ची पकड़े कर रहे तपस्या - Sonhat hospital in Koriya

Shortage of doctors in Sonhat सोनहत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. कोरिया जिला मुख्यालय में स्थिति इतनी गंभीर है कि गर्भवती महिलाएं को इलाज नहीं मिल पा रहा.जिससे जच्चा और बच्चा दोनों की जान खतरे में हैं.सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर सचमुच के भगवान बन चुके हैं,जो मरीजों को दर्शन नहीं देते.मरीज भी श्रद्धालु की तरह हाथों में अपनी पर्ची लिए अपने दर्द के इलाज का इंतजार करते उल्टे पांव वापस लौट जाते हैं.

Shortage of doctors in Sonhat
अस्पताल में डॉक्टर बन गए हैं भगवान (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 21, 2024, 7:09 PM IST

कोरिया : छत्तीसगढ़ में चाहे सरकार बीजेपी की हो या कांग्रेस की कुछ जगहों पर इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है. सरकार आती है जाती है लेकिन ना तो ऐसी जगहों पर अस्पतालों का रवैया बदलता है और ना ही स्टाफ की सोच. डॉक्टर से लेकर निचले कर्मचारी सिर्फ पहली तारीख को अपने अकाउंट में गिरने वाली सैलरी से ही मतलब रख रहे हैं.तभी तो सुदूर इलाकों में मरीज बिना इलाज के ही दर्द झेलने को मजबूर हैं. हालात तो ये हैं कि डॉक्टरों समेत 102 सेवा के लिए भी मरीजों को भटकना पड़ रहा है.

प्राइवेट क्लीनिक में जाना है मजबूरी : सोनहत के समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना सैंकड़ों के संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं.लेकिन शायद ही कोई खुशनसीब हो जिन्हें डॉक्टर साहब के दर्शन होते हो.ये पूरा क्षेत्र स्वास्थ्य मंत्री के एरिया में आता है.कई बार स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टरों की कमी पूरी करने की बात भी कह चुके हैं.लेकिन जो डॉक्टर हैं वो भी अस्पतालों में दर्शन नहीं देते.सोनहत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर के नाम की पर्ची सिर्फ दीवारों में ही नजर आती है.असल में डॉक्टर नहीं आते. इस बारे में जब सीएचएमओ डॉ राम सेंगर से बात की गई तो उन का कहना था कि डॉक्टर कमी तो जिले में बहुत पहले से ही है. इस ओर कोई भी ध्यान नहीं देता है. हमारे पास जितने भी डॉक्टर हैं .उनसे ही हम अभी हॉस्पिटलों को संचालित कर रहे हैं.

''डॉक्टर्स का एग्जाम होने के कारण एक दिन कमी थी,लेकिन हॉस्पिटल बंद नहीं था. इलाज को लेकर कलेक्टर और मंत्री से पत्राचार किया जा रहा है.आचार संहिता के बाद डॉक्टर उपलब्ध कराने की बात हुई है.'' डॉ राम सेंगर, सीएमएचओ

डॉक्टर के नहीं होने पर मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.ग्रामीण इलाकों में ऐसे ही बेरोजगारी चरम पर है,वहीं जो थोड़े बहुत पैसे जनता के पास है उसे प्राइवेट क्लीनिक चलाने वाले अपनी जेबों में डाल रहे हैं.सस्ती स्वास्थ्य सुविधा के लिए डॉक्टर का होना जरुरी है.लेकिन डॉक्टर नहीं मिलने पर लोगों के पास प्राइवेट क्लिनिक में जाने को मजबूर है.

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प्राइवेट क्लीनिक में जाना है मजबूरी : सोनहत के समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना सैंकड़ों के संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं.लेकिन शायद ही कोई खुशनसीब हो जिन्हें डॉक्टर साहब के दर्शन होते हो.ये पूरा क्षेत्र स्वास्थ्य मंत्री के एरिया में आता है.कई बार स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टरों की कमी पूरी करने की बात भी कह चुके हैं.लेकिन जो डॉक्टर हैं वो भी अस्पतालों में दर्शन नहीं देते.सोनहत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर के नाम की पर्ची सिर्फ दीवारों में ही नजर आती है.असल में डॉक्टर नहीं आते. इस बारे में जब सीएचएमओ डॉ राम सेंगर से बात की गई तो उन का कहना था कि डॉक्टर कमी तो जिले में बहुत पहले से ही है. इस ओर कोई भी ध्यान नहीं देता है. हमारे पास जितने भी डॉक्टर हैं .उनसे ही हम अभी हॉस्पिटलों को संचालित कर रहे हैं.

''डॉक्टर्स का एग्जाम होने के कारण एक दिन कमी थी,लेकिन हॉस्पिटल बंद नहीं था. इलाज को लेकर कलेक्टर और मंत्री से पत्राचार किया जा रहा है.आचार संहिता के बाद डॉक्टर उपलब्ध कराने की बात हुई है.'' डॉ राम सेंगर, सीएमएचओ

डॉक्टर के नहीं होने पर मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.ग्रामीण इलाकों में ऐसे ही बेरोजगारी चरम पर है,वहीं जो थोड़े बहुत पैसे जनता के पास है उसे प्राइवेट क्लीनिक चलाने वाले अपनी जेबों में डाल रहे हैं.सस्ती स्वास्थ्य सुविधा के लिए डॉक्टर का होना जरुरी है.लेकिन डॉक्टर नहीं मिलने पर लोगों के पास प्राइवेट क्लिनिक में जाने को मजबूर है.

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