जींद: जिला प्रशासन की ओर से डीएपी खाद को लेकर कमी न होने के कितने ही दावे किए जा रहे हों, लेकिन जमीनी स्तर पर दावों के सच साबित नहीं हो रहे हैं. डीएपी को लेकर जिले में किसानों के बीच इस कदर मारामारी है कि किसान रातों को भी अपने घर छोड़ कर डीएपी लेने के लिए लाइनों में लग रहे हैं. डीएपी लेने के लिए महिलाएं भी पीछे नही हैं. कृषि विभाग की रिपोर्ट अनुसार गेहूं की बिजाई के क्षेत्रफल को देखते हुए पूरे जिले में लगभग 26 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की आवश्यकता है और अब तक 15,600 टन से भी अधिक खाद किसानों को उपलब्ध करवाई जा चुकी है. ऐसे में 11 हजार मीट्रिक टन डीएपी के लिए मारामारी जारी है.
धान कटाई के साथ ही गेहूं की अगेती बिजाई भी शुरू: इस समय धान की कटाई का सीजन चला हुआ है और खेतों में धान की अब भी काफी मात्रा में कटाई होनी बाकी है. वहीं जिन किसानों ने धान की कटाई कर ली है वो अब गेहूं की अगेती बिजाई पर लग गए हैं. गेहूं बिजाई की आवश्यकता को लेकर डीएपी की मांग बढ़ गई है. कृषि विभाग के अधिकारियों अनुसार गेहूं की बिजाई का कार्य 30 नवंबर तक चलेगा. ऐसे में किसानों को आवश्यकता अनुसार खाद उपलब्ध करवाए जाने की बात कही जा रही है. किसानों से आह्वान किया जा रहा है कि वो डीएपी का स्टॉक न करें.
जुलाना में थाने में बंटा डीएपी : जुलाना क्षेत्र में डीएपी खाद की किल्लत कम होने का नाम ही नही ले रही है. किसानों को घंटों लाइनों में इंतजार के बावजूद बैरंग लौटने पर मजबूर होना पड़ रहा है. रविवार को हैफेड के कर्मचारी डीएपी खाद की गाड़ी लेकर पहुंचे तो थाने के बाहर किसानों की लंबी कतारें लग गई. पुलिस को भी भीड़ काबू करने को लेकर काफी मशक्त करनी पड़ी. किसानों को जरूरत के अनुसार खाद नही मिल रहा है. जिसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खाद कम आ रहा है और आवश्यकता ज्यादा होने के कारण भी किसानों की परेशानी बढ़ रही है. रविवार को डीएपी खाद के एक हजार 600 बैग सफीदों खंड के किसानों के लिए, एक हजार बैग पिल्लूखेड़ा खंड के किसानों के लिए और 1200 बैग अन्य निजी दुकानों, बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध करवाए गए. हालांकि रविवार को जुलाना में 1986 बैग डीएपी खाद के आए लेकिन किसान ज्यादा आ गए तो किसानों को बिना खाद के ही बैरंग लौटना पड़ा. किसानों की मांग है कि गेहूं की बिजाई को देखते हुए जल्द से जल्द खाद मुहैया करवाया जाए. हैफेड खरीद केंद्र मैनेजर राजू ने बताया कि जुलाना में 1986 बैग डीएपी खाद पहुंचा था. किसानों के हंगामे को देखते हुए थाने में खाद बांटा गया है.
खाद की कालाबाजारी पर प्रशासन की पैनी नजर - डीसी : उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने किसानों से आह्वान किया कि जिले में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है और विभिन्न एजेंसियों की ओर से लगातार खाद की आपूर्ति की जा रही है. जिस भी क्षेत्र में धान की कटाई हो रही है, उसी के अनुसार खाद उपलब्ध करवाया जा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों व अन्य संबंधित एजेंसियों को पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि डीएपी खाद को लेकर कोई कालाबाजारी न होने दें. जिला प्रशासन भी इस बात को लेकर काफी गंभीर है. उन्होंने आढ़तियों और एजेंसियों को भी विशेष रूप से हिदायत दी हैं कि खाद का स्टॉक न करें.
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