ठियोग: कहते है मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. जी हां असल जिंदगी की यही कहानी है. जिंदगी में चाहे कितनी परेशानियां और दुख आ जाएं, लेकिन जिनके हौसले बुलंद होते हैं, वो कभी हार नहीं मानते और जीत उनके कदम चूमती है. ऐसा ही कुछ हिमाचल में देखने को मिला, जहां दिव्यांग खिलाड़ी हाड़ जमा देने वाली ठंड में अपनी काबिलियत को निखार रहे हैं. राजधानी शिमला से 60 किलोमीटर दूर, हिमाचल के खूबसूरत पर्यटन स्थल नरकंडा में बर्फ के बीच ये खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं.
पैरा विंटर स्पोर्ट्स अल्पाइन स्कीइंग और स्नोबोर्ड ट्रेनिंग कैंप
हिमाचल प्रदेश पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से राष्ट्रीय स्तर की पहली पैरा विंटर स्पोर्ट्स अल्पाइन स्कीइंग और स्नोबोर्ड प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. इस ट्रेनिंग का आयोजन 15 फरवरी से 25 फरवरी तक किया गया है. जिसमें 12 राज्यों के 35 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. ये पहला मौका है जब हिमाचल में इस तरह की ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया जा रहा है. नारकंडा की हरी भरी वादियों और चांदी सी चमकती बर्फ के बीच राष्ट्रीय स्तर के ये पैरा खिलाड़ी खूब मेहनत कर रहे है.
केहर सिंह खाची ने बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह
इस दौरान हिमाचल वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने भी नारकंडा में जाकर इन विशेष प्रतिभा वाले खिलाड़ियों से मुलाकात की. इस अवसर पर केहर सिंह खाची ने खिलाड़ियों को ड्रेस बांटी. उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान खिलाड़ियों की सुविधा में कोई कमी न रहे इसके लिए आने वाले समय बेहतर सुविधा प्रदान करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू इस तरह की विशेष प्रतिभाओं वाले खिलाड़ियों को विशेष प्राथमिकता देते हैं.
हिमाचल में खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि
केहर सिंह खाची ने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ी दुनिया भर में बेहतर प्रदर्शन करें, इसके लिए इस साल बजट में खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि को भी बढ़ाया गया है. ओलंपिक के खिलाड़ियों को स्वर्ण पदक जीतने पर पहले 3 करोड़ मिलते थे, उसे अब 5 करोड़ कर दिया गया है. रजत पदक की प्रोत्साहन राशि को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ और कांस्य पदक की राशि 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ कर दिया गया है. वहीं, एशियाई खेलों में गोल्ड मेडर जीतने वालों की प्रोत्साहन राशि को 50 लाख से बढ़ाकर 4 करोड़, जबकि सिल्वर मेडल जीतने वालों की प्रोत्साहन राशि को 30 लाख से बढ़ाकर 2.50 करोड़ कर दिया गया है. इसके अलावा ब्रांज मेडल जीतने वालों की प्रोत्साहन राशि पहले जहां 20 लाख, उसे अब बढ़ाकर 1.50 करोड़ कर दिया गया है. इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की रिफ्रेशमेंट के लिए 10 हजार रुपए आयोजकों को दिए.
"पैरा ओलंपिक कमेटी के द्वारा यह पहला प्रयास किया गया है. जिसमें खिलाड़ियों को 2030 में होने वाली पैरा ओलंपिक के लिए तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा की हाल ही में जो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में इजाफा किया है, वो देश के अन्य राज्यों में किसी खिलाड़ी को नहीं मिलता है." - ललित ठाकुर, आयोजक व तकनीकी निदेशक, पैरा ओलंपिक ट्रेनिंग कैंप
वहीं, खिलाड़ियों और कोच ने इस ट्रेनिंग कैंप के लिए आयोजकों और प्रदेश सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा की यहां पर आकर उन्होंने बहुत कुछ सीखा है, जो आने वाले समय की प्रतियोगिता में उनके लिए मददगार साबित होगा.