शिमला: हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान मची सियासी हलचल के बीच अचानक बुलाई पत्रकार वार्ता में विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था. आंखों में आंसू लेकर भावुक मन और भर्राए गले से विक्रमादित्य सिंह ने 27 फरवरी को सुबह विधानसभा परिसर में कहा-जिस व्यक्ति की वजह से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी, उनकी मूर्ति लगाने के लिए माल रोड पर दो गज जगह नहीं मिली. उस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा देने की घोषणा की. उन्होंने तब मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की पंक्तियां भी बोली थी-कितना है बदनसीब जफर दफ्न के लिए, दो गज जमीन भी न मिली कू-ए-यार में.
रिज पर अब लगेगी प्रतिमा
फिलहाल ये भूमिका बांधने का मकसद इतना सा है कि अब विक्रमादित्य सिंह वीरभद्र सिंह के प्रशंसकों की इच्छा पूरी होने जा रही है. शिमला के रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है. हाल ही में नगर निगम शिमला ने ये फैसला किया है कि रिज मैदान पर दौलत सिंह पार्क में वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगेगी. इस संदर्भ में 30 जुलाई 2021 को कांग्रेस की पार्षद सिम्मी नंदा ने निगम में प्रस्ताव लाया था. अब हाल ही में शनिवार को निगम की बैठक में मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाई जाएगी. शिमला के रिज मैदान में दौलत सिंह पार्क में हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार की प्रतिमा है. साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह की प्रतिमा भी है. इन दोनों प्रतिमाओं के बीच खाली जगह पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इस तरह रिज मैदान में महात्मा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, डॉ. वाईएस परमार व लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह के साथ ही वीरभद्र सिंह की प्रतिमा भी देखने को मिलेगी.
6 दशक तक रहा राजनीतिक करियर
वीरभद्र सिंह को आधुनिक हिमाचल का निर्माता कहा जाता है. वो छह बार राज्य के सीएम रहे. वीरभद्र सिंह केंद्र में कैबिनेट मंत्री भी रहे और हिमाचल में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है. छह दशक की राजनीतिक यात्रा के अनुभवों से संपन्न वीरभद्र सिंह अपने प्रशंसकों के बीच राजा साहिब नाम से लोकप्रिय हैं. उनकी प्रतिमा स्थापित करने का मामला एक तरह से भावनात्मक मुद्दा बन गया था. उनके प्रशंसक रिज मैदान पर प्रतिमा स्थापित करने के पक्षधर हैं. परिवार भी चाहता है कि रिज पर ही वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाए.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कह चुके हैं कि प्रतिमा स्थापित करने में कोई आपत्ति नहीं है और उपयुक्त स्थान तलाश कर सरकार प्रतिमा लगाएगी. अब नगर निगम के हाउस में इसकी मंजूरी मिल गई है. शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है, "वीरभद्र सिंह अपने आप में राज्य की राजनीति के पर्याय रहे हैं. हिमाचल के विकास में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. रिज मैदान पर उनकी प्रतिमा लगने से उनके समर्थकों को खुशी और संतोष होगा."